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हिटलर के वह आखरी 24 घंटे, कैसे हुई हिटलर की मौत

Hitler: हिटलर की मौत के आखिरी के समय कैसे थे। जानिए उनके बारे में सब कुछ।

AKshita Pidiha
Written By AKshita Pidiha
Published on: 15 Nov 2024 1:24 PM IST
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Hitler: 30 अप्रैल 1945 के दोपहर के 3:30 बजे 60 लाख से भी ज्यादा जूस को मौत के घाट उतारने वाले जर्मन डिक्टेटर एडोल्फ हिटलर अपने सर पर बंदूक ताने खड़े थे और उसने आत्महत्या कर ली। पर यहां पर उसकी अकेले की मौत नहीं हुई।अपनी मौत से पहले हिटलर ने अपने ही तीन सबसे खास लोगों को मौत के घाट उतारा और इन मडर्स को अंजाम देने की प्लानिंग की शुरुआत हुई थी हिटलर के मौत के लगभग 24 घंटे पहले।

एक दिन पहले अपने ही डॉग को उतारा मौत के घाट

29 अप्रैल, 1945 के दोपहर 3:00 बजे अपने ही हाथों से अपने ही सबसे पसंदीदा जर्मन शेफर्ड डॉग ब्लॉन्डी के मुंह को खोल उसके मुंह में अपने हाथों से साइनाइड के कैप्सूल देता है।प्वाइजनिंग की वजह से वह जमीन पर गिर जाती है ।ऐसे में ये सवाल उठता है कि अपने ही बच्चों के समान डॉग को कैसे मार सकता है।दरअसल हिटलर यह कठोर कदम नहीं उठाना चाहता था पर दिल पर पत्थर रखकर उसे यह कदम उठाना पड़ा जिसके पीछे दो मेजर वजह है।


क्यों हुआ कठोर

पहली वजह यह थी कि हिटलर उस साइनाइड के जहर की जांच कर रहा था क्योंकि 24 घंटे बाद हिटलर उस साइनाइड को उसकी 15 घंटे पहले बनी बीवी के एवा ब्राउन को खिलाने वाला था। दूसरी वजह यह थी कि हिटलर नहीं चाहता था कि उसकी मौत के बाद उसके कुत्ते उसकी याद में दुख मनाएं या रसियन जिनसे हिटलर बहुत ही जल्द हारने वाला था, वह हिटलर की मौत के बाद अपना गुस्सा उनके कुत्तों पर निकाले।इसके बाद हिटलर अपने गार्डन में गया । जहां वह रोज अपने पांच कुत्तों को सैर करने ले जाता था, वहां पर नम भरी आंखों से उसने सभी पांच कुत्तों को मार कर गार्डन में दफना दिया।

क्यों अपनी नई बीवी को मारने पर मजबूर हुआ

सवाल यह उठता है कि हिटलर ने अपनी मौत के बस 15 दिन पहले ही शादी क्यों की ? अगर शादी कर भी ली तो उसने अपनी प्यारी सी नई नवेली पत्नी को जहर पिला के आखिर क्यों मारा? इसे समझने के लिए हमें हिटलर की मौत से कुछ घंटे पीछे जाना उसकी मौत के 39 घण्टे पीछे चलना पड़ेगा।


सबसे छिपाया अपने प्यार को

29 अप्रैल, 1945 रात के 12:00 बजे जब एवा 33 साल की थी।एवा अपने बेड रूम में लॉन्ग ब्लैक ड्रेस, डायमंड वॉच और गोल्ड ब्रेसलेट , नेकलेस पहनकर सजी हुई थी क्योंकि आने वाले 1 घंटे में वो अपने 16 साल पुराने प्यार से शादी करने वाली थी ।एवा 15 साल से हिटलर को चाहती थी। उसके चाहत के 2 साल बाद यानी कि उसकी 17 साल की उम्र में हिटलर ने उसके प्यार को एक्सेप्ट किया। उसके बाद दोनों ने इस प्यार को दुनिया की नजरों से छुपाया। दुनिया की नजरों में वे दोनों बेस्ट फ्रेंड्स थे । कुछ खास ऑफिसर ही यह जानते थे कि एवा और हिटलर दोनों के अलग-अलग बेडरूम हैं। पर दोनों बेडरूम के बाथरूम से एक पैसेज इंटरकनेक्ट थे। यह वही पैसेज था जहां पर हर रोज एवा और हिटलर दोनों चाय की चुस्कियां के साथ समय बिताते थे।हिटलर का यह रूप आपने शायद ही कभी सुना और देखा हो पर यह हिटलर के ऑफिसर्स के लिए आम बात थी । क्योंकि उन्होंने कई बार हिटलर को अकेले परेशान होते देखा था । जैसे एवा कभी खेल में भाग लेती और घर आने में उन्हें देरी हो जाती तब हिटलर परेशान हो जाया करते थे। जब तक एवा घर ना आ जाए हिटलर चैन से सो नहीं पाते थे। यहां तक कि जंग के वक्त हिटलर रोज एवा को कॉल करता था उसकी सलामती के बारे में पूछने के लिए।हिटलर की बायोग्राफी लिखने वाले हायके गोटामेकर लिखते हैं कि दोनों अपनी लव लाइफ एंजॉय करते थे। इसके बावजूद कपल की तरह कभी सामने नहीं आये।

हिटलर ने शादी क्यों नहीं की

उन्होंने कभी भी शादी नहीं की। इसके पीछे की वजह यह मानी जाती है कि हिटलर को हमेशा ही लगता था कि अपनी वाइफ को कभी भी उतना वक्त नहीं दे पाएगा और साथ ही साथ कभी उसे बच्चे भी नहीं दे पाएगा क्योंकि हिटलर बच्चा पैदा करने का काबिल नहीं था ।हिटलर के स्ट्रेस मेडिकेशंस और ड्रग्स की वजह से उसका फर्टिलिटी रेट कम हो चुका था और दूसरा उसके पास एक ही टेस्टिकल था तो ऐसे केस में बच्चों को पैदा करना इंपॉसिबल हो जाता है ।


हिटलर की वसीयत

एक और वजह यह भी हो सकती है कि उस समय रसिया हिटलर पर हावी हो चुका था और कभी भी वह इनको अटैक करके हिटलर को मार सकता था। इसीलिए हिटलर अपने मरने के 39 घंटे पहले एक कमरे में बैठकर वसीयत पढ़ रहा था। वहीं दूसरे रूम में एवं शादी की तैयारी चल रही थी। हिटलर अपने कंक्रीट रूम वाले तेल खाने में अपनी वसीयत यानी बिल पढ़ रहा था इसमें जायदाद वगैरा तो नहीं बल्कि हिटलर इस बात का खुलासा कर रहा था कि वह अपने बेस्ट फ्रेंड एवा से आने वाले कुछ ही पलों में शादी करने वाला है। अगले दिन यानी की 30 अप्रैल को दोनों अपने मर्जी से मरने वाले हैं । क्योंकि वह अपने स्वाभिमान पर दाव लगाकर रसियन के सामने झुकना नहीं चाहता था । वसीयत में तो यह भी लिखा हुआ था कि उन दोनों के मौत के बाद उनकी बॉडी को जला दिया जाए ताकि कोई उनके शरीर को ना ही छू पाए।और ना ही ठेस पहुंच पाए ।

दोनों की मौत एकसाथ हई?

इतिहास का यह बड़ा फैसला था। इतना बड़ा फैसला हिटलर के अकेले का नहीं था ।हिटलर ने एवा के साथ अप्रैल के दोपहर को लगभग 2:00 बजे लंच करते वक्त लिया था।जब वो दोनों और उनके दो सेक्रेटीज के साथ खाना खाने बैठा तब उसने वो किया जो वो खुद मना करता था।जिसे सुनकर सब के होश उड़ गए।उसने कहा था कि खाने के वक्त कभी भी कोई सीरियस टॉपिक पर बात ना करें ।पर उस दिन हिटलर ने खुद ने ही इस रूल को तोड़ दिया और सीरियस बात अचानक छेड़ दी।खाते-खाते ही उसने कहा कि उसे अपनी हार नजदीक दिख रही है। इससे पहले की यह हार उसके नजदीक हो वह एवा के साथ मरना चाहता है । इसी बात बात में हिटलर ने यह भी घोषणा कर दी कि वह गन शॉट के साथ मरना चाहता है जिससे कुछ पल के दर्द में ही मौत हो जाएगी । इसके तुरंत बाद ही एवा कहती हैं कि वह मरने के बाद भी खूबसूरत दिखना चाहती है ना कि एक लाश की तरह दिखना चाहती है इसलिए वह ऐसा करने के लिए साइनाइड कैप्सूल को चुनती है ।

रात के 01 बजे शादी

वसीयत के पहले पॉइंट को पूरा करते हुए दोनों रात के 1:00 बजे एक दूसरे से शादी करते हैं। शादी के बाद रात के 2:30 बजे हिटलर एक पार्टी रखते हैं। इस पार्टी में हिटलर ने अपनी दो सेक्रेटरी ,दो नर्स डॉक्टर और एवा को सामने बुलाया और शराब के नशे में कहा कि मुझे और एवा को एक साथ एक ही समय पर मरना है।इसी प्लान के बाद हिटलर ने एक और प्लान बनाया कि वह दोनों एक रूम में दो पिस्तौल और दो साइनाइड को साथ लेकर जाएंगे।ताकि किसी एक के काम न करने पर दूसरे को इस्तेमाल कियाजा सके।


आखिरी पल

पार्टी 4:00 बजे तक चली।जिसके बाद हिटलर और एवा एक ही रूम में एक साथ अंदर गए । जिंदगी में यह पहली बार था जब दोनों एक ही कमरे में एक साथ अंदर गए हैं ।क्योंकि दोनों जानते थे कि यह रात उनकी आखिरी रात है। वह कुछ टाइम अकेले बिताना चाहते हैं।हालांकि हिटलर की खुशहाल भरी रात सुबह के 6:00 तक ही टिकने वाली थी।क्योंकि हिटलर को यह खबर मिल गई कि रूस रीच स्टेट तक पहुंच गए हैं ।जिसके बाद हिटलर को अपनी हार और मौत पास दिखने लगी उसे लगी कि रूस रीच स्टेट से वापस लौट जाएंगे लेकिन जब जर्मन सोल्जर ने एफएम के माध्यम से सूचना दी कि जिस तहखाना में हिटलर छुपा हुआ है। उसके सामने रूस की सेना आ चुकी है जिसे सुनकर हिटलर की सारी उम्मीद टूट गई और हिटलर को अपनी मौत सामने दिख रही थी ।अब उसके चेहरे पर कोई इमोशंस नहीं बचे थे। यह सुनकर हिटलर कहता है कि वह किसी म्यूजियम का हिस्सा नहीं बनना चाहता है।


इसलिए उसकी और एवा की लाश को रूस के आने से पहले जला दिया जाए ।ठीक 12:45 पर हिटलर अपने सभी सोल्जर को धन्यवाद कहता है ।सोल्जर से मिलने के बाद वह उनसे भी कहता है कि वह लोग भी आत्महत्या कर लें ताकि रूस उसे परेशान ना करें ।इसके बाद हिटलर खामोश हो जाता है और यह खामोशी उसकी मौत तक होती है।हिटलर अपने मौत के पहले का लंच करता है। डाइनिंग टेबल में सिर्फ हिटलर ही खा रहा था, बाकी लोग नहीं। वे बस उसे देख रहे थे।एक तरफ जहां हिटलर शांत हो चुका था वहीं दूसरी तरफ अपने मौत के कपड़े चुन रही थी एवा फिर से तैयार होती है।

आखिर वह समय आ ही गया

एवा और हिटलर दोपहर 3:30 बजे एक साथ कमरे में जाते हैं।कुछ ही देर में सभी लोगों को गन की आवाज आती है।3.40 तक सभी मौन रहते हैं।पर हिटलर की आखिरी इच्छा को अमल में तो लाना ही था । इसीलिए हिटलर के स्पेशल कॉप्स खून से लथपत रूम में गए और दोनों की लाशों को वहां से उठाया और ठीक 3:50 में दोनों की लाशों को एक साथ पेट्रोल से जला दिया। उसके बाद शाम के लगभग 6:00 बजे पूरी कहानी शुरू हुई । यानी कि वह जगह जहां पर हिटलर ने अपने कुत्तों को दफनाया था। उसी गार्डन में उनकी कुत्तों के चारों तरफ दोनों की राख को बिखेर दिया ।इस तरह रूसी सेना कभी हिटलर को छू भी नही पायी।हिटलर की खामोशी और अंत की यह कहानी उसके एक अलग स्वभाव को दिखाती है।

( लेखिका वरिष्ठ पत्रकार हैं ।)



Sonali kesarwani

Sonali kesarwani

Content Writer

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