×

Jammu Kashmir: गृहमंत्री का जम्मू -कश्मीर दौरा, बड़ी तैयारी का संकेत !

Amit Shah visit Jammu and Kashmir: केंद्र सरकार व भारतीय जनता पार्टी ने जम्मू कश्मीर में अपनी सरकार बनाने की तैयारी आरम्भ कर दी है।

Mrityunjay Dixit
Written By Mrityunjay Dixit
Published on: 7 Oct 2022 9:48 PM IST
Home Minister Amit Shah
X

Home Minister Amit Shah (social media)

Amit Shah visit Jammu and Kashmir: जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद -370 और 35-ए का समापन होने के बाद अब केंद्र सरकार ने वहां की राजनीति में भी अहम बदलाव करने की तैयारी प्रारंभ कर दी है। विजयादशमी के अवसर पर गृहमंत्री अमित शाह ने माता वैष्णो देवी मंदिर के दर्शन करके अपनी धारदार यात्रा की शुरूआत करते हुए गुपकार समूह की हवा निकालते हुए उन सभी विरोधियों को कड़ा संदेश दिया जो हमेशा पाकिस्तान की तरफदारी करते रहते है।

केंद्र सरकार व भारतीय जनता पार्टी ने जम्मू कश्मीर में अपनी सरकार बनाने की तैयारी आरम्भ कर दी है और वहां पर विकास की तीव्र होती गति व दुरूस्त होती कानून व्यवस्था का सहारा लेकर परिवारवाद की राजनीति करने वाले विरोधी दलों का सफाया करने का जिम्मा गृहमंत्री अमित शाह ने स्वयं अपने हाथों में ले लिया है। आज़ादी के बाद से राज्य के तीन परिवारों ने महज अपनी राजनीति चमकाने के लिए राज्य का बेड़ा गर्क कर के रखा था । आतंकवाद, भ्रष्टाचार, भाई भतीजावाद ने जन सामान्य का जीवन दुश्वार था।

अब अनुच्छेद -370 का समापन हो जाने के बाद आगामी चुनावों में इन सभी परिवारवादी दलों का समापन भी करने की तैयारी कर ली गई है। गृहमंत्री अमित शाह के दौरे से पूर्व राज्य प्रशासन ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं जिनमें जम्मू कश्मीर के महाराजा हरि सिंह की जयंती के अवसर पर प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा, गुर्जर प्रतिनिधि को राज्यसभा में मनोनीत किया जाना प्रमुख हैं । जम्मू कश्मीर में 32 वर्षों के बाद सिनेमाघर खुल गए हैं और फिल्मों की शूटिंग भी शुरू हो गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वाधीनता दिवस के अवसर पर हर घर तिरंगा अभियान के आह्वान को जम्मू -कश्मीर की आम जनता के समर्थन ने गुपकार वालों की जमीन हिला दी थी, जम्मू से लेकर कश्मीर घाटी तक हर जगह तिरंगा फहराया गया जिससे पाकिस्तानी एजेंडा चलाने वाली महबूबा मुफ़्ती और अब्दुल्ला परिवार की हताशा देखने लायक थी। जम्मू -कश्मीर में आतंकवाद की कमर धीरे धीरे टूट रही है और राज्य को दहलाने की हर साजिश को सुरक्षा बल और खुफिया एजेंसियां मिलकर नाकाम कर रही हैं ।

आज राज्य में पत्थरबाजी बहुत कम हो गई है तथा आतंकवाद भी अपनी आखिरी सांसे गिनता हुआ दिखलायी पड़ रहा है। गुपकार गैंग को जम्मू -कश्मीर का विकास और शांति अच्छी नहीं लग रही है और वह लोग भारत के खिलाफ झूठा प्रोपेगेंडा हर मंच पर चला रहे हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने दो दिवसीय दौरे पर गुपकार समूह सहित पाकिस्तान व चीन को बड़ा व स्पष्ट संदेश देने का प्रयास किया है। गृहमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान के साथ कोई बातचीत नहीं होगी।

उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि नरेंद्र मोदी सरकार जम्मू -कश्मीर से आतंकवाद का सफाया करेगी और इसे देश में सबसे शांतिपूर्ण जगह बनाएगी। रैली में उन्होंने हाथ उठाकर पूछा कि क्या आतंकवाद से कभी किसी को फायदा हुआ है ? क्योंकि जम्मू -कश्मीर में आतंकवाद से 1990 के दशक से अब तक 42,000 लोगों की जान जा चुकी है। अपनी जनसभा में उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि हमें पाकिस्तान से बात करनी चाहिए ?

हम पाकिस्तान से बात नहीं करेंगे हम बारामूला के लोगों से बात करेंगे, हम जम्मू -कश्मीर के लोगों से बात करेंगे। अपनी जनसभा में साफ किया कि मोदी जी का शासन विकास और रोजगार लाता है मोदी जी के मॉडल और गुपकार मॉडल में बहुत अंतर है। उनका कहना था कि मुफ्ती एंड कंपनी, अब्दुल्ला और उनके बेटों और कांग्रेस ने जम्मू -कश्मीर के लोगों के लिए कुछ नहीं किया है। गृहमंत्री ने कहा कि उनके नियम कुशासन, भ्रष्टाचार और विकास की कमी से भरे हुए थे।

गृहमंत्री ने राजौरी रैली में भी विपक्ष व पाक परस्त लोगों पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 के समापन के बाद राज्य के सभी गरीबों को उनका हक मिला है। राजौरी की रैली में मोदी -मोदी के जोरदार नारे लग रहे थे जिससे उत्साहित गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि 70 वर्षों तक जम्मू कश्मीर पर तीन परिवारों का शासन रहा। पूर्व में लोकतंत्र का मतलब होता था 87 विधायक, छह सांसद और तीन परिवार।

अब प्रधानमंत्री ने इसे तीस हजार परिवारों तक पहुंचाकर सशक्त किया है। जम्मू कश्मीर में मोदी जी लोकतंत्र को पंचायत, ब्लॉक और जिला स्तर तक ले गए। गृहमंत्री अमित शाह ने सबसे बड़ा ऐलान पहाड़ी, गुर्जर और बकरवाल तीनों को आरक्षण देने का किया है जिसका लाभ आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा को मिल सकता है। अभी तक इन जातियों को आरक्षण का कोई लाभ नहीं मिल रहा था । यह जातियां कम से कम दस विधानसभा सीटों पर सीधा असर करती हैं।

गृहमंत्री का कहना था कि पहले जिन युवाओं के हाथों में पत्थर थे अब मोदी सरकार उनके हाथों में लैपटॉप दे रही है। अनुच्छेद -370 हटने का प्रभाव दिखाई दे रहा है क्योंकि गृहमंत्री का दावा है कि आजादी से लेकर 2019 तक जम्मू कश्मीर में 15 हजार करोड़ का औद्योगिक निवेश हुआ वहीं वर्ष 2019 से अब तक मात्र तीन वर्ष में ही अब तक 56 हजार करोड़ का निवेश हो चुका है। जम्मू कश्मीर में अब तक दो लाख लोगों को आवास तथा पांच लाख लोगों को स्वच्छ जल पहुंचाया गया है।

कांग्रेस के शासनकाल में 2006 से 2013 तक प्रदेष में 4766 आतंकी घटनाएं हुयी थीं जबकि अनुच्छेद -370 हटने के बाद से अब तक 721 आतंकी घटनाएं हुयीं। अनुच्छेद -370 का समापन हो जाने के बाद पिछड़े, दलित, आदिवासी, पहाड़ियों व सफाई कर्मचारियों को उनका अधिकार मिल रहा है। श्रीनगर का लाल चौक जहां पर तिरंगा दिखाई नहीं पड़ता था एक समय जिसके लिए भाजपा ने यात्रा निकाली थी और वहां के प्रशासन ने उस यात्रा को रोक दिया था।

वहां आज हर घर तिरंगा फहराया जा रहा है और गुपकार एजेंडा का पाकिस्तानी प्रेम बारम्बार बेनकाब हो रहा है। जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनावों की तैयारियां चल रही हैं नया परिसीमन हो चुका है और नई मतदाता सूची बनाई जा रही है जिसमें 25 लाख नये मतदाता जोड़े जा रहे हैं। नई मतदाता सूची के आने के बाद ही वहां विधानसभा चुनावों की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी जिसके लिए सभी दल अपनी तैयारियों में जुट गए हैं।

राज्य के सभी विरोधी दलों ने अनुच्छेद - 370 की बहाली के लिए गुपकार समूह बनाया है और वह पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ने जा रहा है । गुपकार समूह में शामिल कांग्रेस पार्टी की हालत अपने वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद तथा उनके समर्थकों द्वारा पार्टी छोड़ने से दयनीय हो गई है। कांग्रेस के वरिष्ठतम नेता कर्ण सिंह के परिवार ने भी अब कांग्रेस से नाता तोड़ लिया है। आम आदमी पार्टी ने भी नकारात्मक मुद्दों को बल देते हुए जम्मू कश्मीर में अपनी जमीन तलाशने का काम शुरू कर दिया है।

गत दिनों जब अचानक से कश्मीरी पंडितों की एक बार फिर से टारगेट किलिंग हुई तब आम आदमी पार्टी के नेताओं ने अपना कैंपेन चलाया था राज्य व घाटी में जो सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए थे उसमें आप का ही हाथ था। पाकिस्तान आदतन जम्मू कश्मीर का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठा रहा है जिसका उचित जवाब भी भारत सरकार द्वारा दिया जा रहा है। इधर अनुच्छेद -370 पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल 200 याचिकाओं पर सुनवाई होने जा रही है उस पर भी भारत के अंदर व बाहर राजनीतिक विश्लेषक पैनी निगाहें रखेंगे।

यासीन मलिक जैसे खूंखार आतंकवादियों के सलाखों के पीछे रहना भी चुनाव में महत्वपूर्ण होगा क्योंकि इसके कारण भी गुपकार समूह में खौफ का वातावरण है। जम्मू - कश्मीर का गुपकार समूह केंद्र सरकार व चुनाव आयोग के हर कदम की आलोचना करता रहता है। जम्मू -कश्मीर में पहली बार स्वतंत्र व निष्पक्ष ढंग से चुनाव करवाने की तैयारी की जा रही है। अभी तक वहां पर कभी 18 प्रतिशत से अधिक मतदान नहीं हुआ है लेकिन इस बार भारी मतदान करने की तैयारियां की जा रही है।

वर्तमान समय में गृह मंत्री अमित शाह का दौरा राज्य की राजनीति में भी बदलाव लाने के लिए हुआ है और यह कितना सफल होगा यह तो आगे आने वाला समय ही बताएगा। यह भी तय है कि अभी आगामी दिनों में गृहमंत्री और प्रधानमंत्री राज्य के कई दौरे कर सकते हैं तथा वहां की जनता को कई तोहफे दे सकते हैं।

Prashant Dixit

Prashant Dixit

Next Story