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Imran Khan Kashmir Speech: इमरान का कश्मीर पर विस्फोटक बयान, भारत ही नहीं भड़क गया पाकिस्तान भी

Imran Khan Kashmir Speech : पाकिस्तान के सारे विरोधी नेता इमरान पर टूट पड़े हैं। इमरान ने यह बात शायद इसलिए कह दी कि उन पर यह आरोप लगाया जा रहा था कि वे 'आजाद कश्मीर' को पाकिस्तान का पांचवाँ प्रान्त बनाना चाहते हैं।

Dr. Ved Pratap Vaidik
Written By Dr. Ved Pratap VaidikPublished By Shivani
Published on: 26 July 2021 9:54 AM IST
Imran Khan Kashmir Speech
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इमरान खान फोटो सोशल मीडिया

Imran Khan Kashmir Speech: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री (Pakistan PM) इमरान खान (Imran Khan) ने कश्मीर पर ऐसी बात कह दी है, जिसे कहने की हिम्मत आज तक पाकिस्तान का कोई फौजी राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री भी नहीं कर सका है। पाकिस्तानी कब्जे के कश्मीर में आम चुनाव चल रहे थे, जिसमें एक चुनावी सभा में बोलते हुए इमरान ने कह दिया कि पाकिस्तान सरकार उसके कश्मीर की जनता को आत्म-निर्णय का ऐसा विकल्प देगी, जिसके अन्तर्गत वह चाहे तो पाकिस्तान (kashmir Join Pakistan) में मिल सकता है या वह स्वतंत्र राष्ट्र (kashmir To be Independent) भी बन सकता है। यह स्वतंत्र राष्ट्र का विकल्प एक बम-विस्फोट की तरह है।

पाकिस्तान के सारे विरोधी नेता इमरान पर टूट पड़े हैं। इमरान ने यह बात शायद इसलिए कह दी कि उन पर यह आरोप लगाया जा रहा था कि वे 'आजाद कश्मीर' को पाकिस्तान का पांचवाँ प्रान्त बनाना चाहते हैं। ऐसे प्रचार से कश्मीर में उनकी पार्टी के वोट कटने की अफवाहें फैलने लगी थीं। लेकिन इमरान की यह बात ऐसी है, जिसका खंडन लियाकतअली खान से लेकर नवाज़ शरीफ तक सभी प्रधानमंत्री और अयूबखान, याह्याखान, जिया-उल-हक और मुशर्रफ तक सारे फौजी राष्ट्रपति भी करते रहे हैं।

इस्लामाबाद में जब प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो से मैं पहली बार मिला तो उन्होंने मुझसे कहा कि आप पहले अपने कश्मीर में प्लेबिसिट (आत्म-निर्णय) करवाइए। मैंने उनसे पूछा कि आपने सुरक्षा परिषद का 1948 का प्रस्ताव क्या पढ़ा नहीं है?


कृपया प्लेबिसिट की पहली शर्त पढ़िए। उसके शुरु में ही कहा गया है कि आपके कब्जाए कश्मीर से एक-एक सिपाही और एक-एक सरकारी कर्मचारी को वहां से हटाइए। उसके बाद ही दोनों कश्मीर में जनमत-संग्रह हो सकता है। मैंने उनसे पूछा कि जनमत-संग्रह में क्या वे तीसरे विकल्प से सहमत हैं। याने कश्मीर की आजादी का विकल्प आपको स्वीकार है?

उन्होंने कहा 'बिल्कुल नहीं।' लेकिन रावलपिंडी में मुझसे मिले कश्मीरी नेताओं ने मुझसे कहा था कि हम तीसरा विकल्प भी चाहते हैं याने भारत में या पाकिस्तान में मिलने के अलावा हमें 'स्वतंत्र राष्ट्र' का विकल्प भी चाहिए। बेनजीर ने परेशान होकर मुझसे कहा कि 'द थर्ड आप्शन इज़ रुल्ड आउट'। आपकी-हमारी बातचीत 'आॅफ द रिकार्ड' रखिएगा। कश्मीरी आंदोलनकारियों को यह पता नहीं चलना चाहिए कि तीसरे विकल्प पर पाकिस्तानी सरकार की आधिकारिक राय क्या है?


उस राय को अब इमरान खान ने उलट ही नहीं दिया है बल्कि उसे सबके सामने प्रकट भी कर दिया है। हो सकता है कि इसका फायदा वे कश्मीरी चुनाव में उठा ले जाएं लेकिन पाकिस्तान की फौज और जनता तो उससे कतई सहमत नहीं हो सकती। इमरान खान ने एक नई मुसीबत मोल ले ली है। वे प्रधानमंत्री तो बन गए हैं लेकिन उनका खिलाड़ीपन ज्यों का त्यों कायम है।

Shivani

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