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राष्ट्र निर्माण के लिए सामाजिक सुरक्षा उपाय बढ़ाना

बेरोजगारी, बीमारी या सेवानिवृत्ति जैसी आकस्मिकता के दौरान श्रमिकों को वित्तीय सहायता प्रदान करके सामाजिक सुरक्षा उपभोक्ता खर्च को बनाए रखने, अर्थव्यवस्था को स्थिर करने और विकास को बढ़ावा देने में मदद करती है।

Mansukh Mandaviya
Published on: 1 Nov 2024 7:41 PM IST
Increasing social security measures for nation building
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राष्ट्र निर्माण के लिए सामाजिक सुरक्षा उपाय बढ़ाना: Photo- Social Media

राष्ट्र निर्माण के लिए सामाजिक सुरक्षा निस्संदेह आवश्यक है। आर्थिक स्थिरता, मानव पूंजी विकास, कार्यबल की बढ़ती भागीदारी और आर्थिक नीतियों के समर्थन जैसे कई प्रमुख कारणों से, विशेष रूप से श्रमिकों के संबंध में इसकी विशेष आवश्‍यकता है। बेरोजगारी, बीमारी या सेवानिवृत्ति जैसी आकस्मिकता के दौरान श्रमिकों को वित्तीय सहायता प्रदान करके सामाजिक सुरक्षा उपभोक्ता खर्च को बनाए रखने, अर्थव्यवस्था को स्थिर करने और विकास को बढ़ावा देने में मदद करती है। एक विश्वसनीय सुरक्षा व्यवस्था लोगों को श्रम बाजार में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करती है। इससे राष्ट्र के सतत विकास के उद्देश्य से व्यापक आर्थिक नीतियों को मदद मिलती है।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रणनीतिक दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने श्रम कानूनों को संहिताबद्ध करने; प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना (पीएम-एसवाईएम) और राष्ट्रीय पेंशन योजना-व्यापारी योजना जैसे कई महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय और उपाय कार्यान्वित किए हैं। इनमें श्रम कानूनों के प्रवर्तन में पारदर्शिता तथा जवाबदेही लाने और अनुपालन की जटिलता को कम करने के लिए एकीकृत वेब पोर्टल 'श्रम सुविधा पोर्टल' का शुभारंभ; करियर परामर्श, व्यावसायिक मार्गदर्शन, कौशल विकास पाठ्यक्रमों, प्रशिक्षुता, इंटर्नशिप आदि पर जानकारी जैसी विभिन्न प्रकार की रोजगार संबंधी सेवाएं प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय रोजगार सेवा में बदलाव के लिए एनसीएस की शुरूआत; असंगठित श्रमिकों का एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने के लिए ई-श्रम पोर्टल का विकास, जो रोजगार की मनोनुकूल प्राप्ति के लिए आधार के साथ जुड़ा हुआ है और श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लाभों का विस्तार करता है; कोविड-19 के कारण मौत के मामले में बीमित लोगों (आईपी) के परिवारों को सहायता प्रदान करने के लिए ईएसआईसी कोविड -19 योजना; मातृत्व लाभ की मात्रा में वृद्धि, ईएसआईसी योगदान की दर में कमी इत्यादि शामिल हैं।

श्रम और रोजगार मंत्रालय के तहत सामाजिक सुरक्षा संगठन- कर्मचारी राज्य बीमा निगम हमारे देश के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने में अग्रणी रहा है। चिकित्सा और नकद लाभ जैसी इसकी विभिन्न लाभ योजनाओं के माध्यम से हमारे देश के श्रमिकों को पिछले सात दशकों से फायदा हो रहा है। हमारे श्रमयोगी परिवारों के स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा की देखभाल करने वाले ईएसआईसी ने पिछले 10 वर्षों में ऐतिहासिक प्रगति की है। इस अवधि के दौरान ईएसआईसी ने अपनी सेवाओं का विस्तार 393 जिलों से 674 जिलों तक कर लिया है। इससे आज स्वास्थ्य सुरक्षा का लाभ 3.72 करोड़ कामकाजी परिवारों तक पहुंच रहा है, जो पहले वर्ष 2014 में 1.95 करोड़ तक सीमित था। कुल लाभार्थी 2014 में 7.58 करोड़ से बढ़कर 2024 में 14.43 करोड़ हो गए हैं।

हमारे देश के कार्यबल के लिए सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को समग्र रूप से मजबूत करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कई स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन तथा शिलान्यास किया। उन्होंने 29 अक्टूबर 2024 को अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए), नई दिल्ली में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, आयुष मंत्रालय और रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय में फार्मास्यूटिकल्स विभाग के तहत ईएसआईसी में 12,855 करोड़ रुपये के विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों की शुरुआत की।

इन परियोजनाओं के हिस्से के रूप में, प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के इंदौर में 300 बिस्तरों वाले ईएसआईसी अस्पताल का वर्चुअल तरीके से उद्घाटन किया, जिसे भविष्य में 500 बिस्तरों तक विस्तारित किया जा सकता है। इस सुविधा से लगभग 14 लाख बीमित लोगों और उनके परिवारों को लाभ होने की उम्मीद है। इसके अलावा, उन्होंने 1,030 बिस्तरों की संयुक्त क्षमता वाली 06 ईएसआई अस्पताल परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। ये अस्पताल बोम्मासंद्रा (कर्नाटक), नरसापुरा (कर्नाटक), पीथमपुर (मध्य प्रदेश), मेरठ (उत्तर प्रदेश), अचुतापुरम (आंध्र प्रदेश) और फरीदाबाद (हरियाणा) में स्थित होंगे। इस पहल का लक्ष्य लगभग 41 लाख बीमित लोगों और लाभार्थियों की चिकित्सा जरूरतों को पूरा करना है। इन परियोजनाओं के लिए कुल निवेश राशि 1,641 करोड़ रुपये है।

कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) अस्पतालों का उद्घाटन और शिलान्यास भारत में श्रमिकों के लिए स्वास्थ्य देखभाल पहुंच बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नए अस्पतालों की स्थापना के जरिए, मोदी सरकार का लक्ष्य विशेष रूप से औद्योगिक और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में सुधार करना है। ये अस्पताल बाह्य रोगी देखभाल, आंतरिक रोगी सेवाएं, आपातकालीन देखभाल और विशेष उपचार सहित कई प्रकार की सेवाएं प्रदान करेंगे। गुणवत्ता पर सरकार का यह ध्यान सुनिश्चित करता है कि श्रमिकों को समय पर और प्रभावी चिकित्सा ध्यान मिलेगा, जो स्वस्थ कार्यबल बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।

सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम

ये सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम अनमोल कार्यबल और उनके परिवारों की मदद करके राष्ट्र निर्माण में अपरिहार्य भूमिका निभाते हैं। ईएसआईसी अस्पतालों की स्थापना को प्राथमिकता देकर, मोदी सरकार कार्यबल की महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा कर रही है, जो श्रमिक कल्याण और राष्ट्र के समग्र आर्थिक स्वास्थ्य के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

( लेखक -डॉ. मनसुख मांडविया, भारत सरकार में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा युवा कार्य एवं खेल मंत्री हैं।)



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