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यही समय है, सही समय है और यह भारत का अनमोल समय है

आजादी के 75वें वर्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से आठवीं बार अत्यंत ऐतिहासिक भाषण दिया है।

Mrityunjay Dixit
Published on: 16 Aug 2021 10:30 PM IST
narendra modi
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फाइल तस्वीर (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

आजादी के 75वें वर्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से आठवीं बार अत्यंत ऐतिहासिक भाषण दिया है, जिसके कई निहितार्थ व छिपे हुए संदेश निकाले जा रहे हैं। प्रधानमंत्री का यह संबोधन कई मायने में महत्वपूर्ण समय पर हुआ है। पीएम मोदी का यह संबोधन 88 मिनट का रहा, जिसमें कई घोषणाएं भी की गयी हैं। प्रधनमंत्री ने अपने संबोधन के अंतिम क्षणों में ''यही समय है, सही समय है'' कविता सुनाकर देशवासियों में एक नयी ऊर्जा, जोश, उत्साह, उमंग भरने का काम किया है। प्रधानमंत्री का यह संबोधन ऐसे क्षणों में हुआ जब भारत स्वाधीनता का अमृत महोत्सव मना रहा है और साथ ही भारत संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्षता भी कर रहा है।

प्रधानमंत्री के संबोधन में सबसे बड़ी बात यह रही की कि उन्होंने सबसे पहले आजादी के 75 साल के इतिहास में पहली बार ओलम्पिक में पदक विजेता खिलाड़ियों का सम्मान तालियां बजवाकर किया। यह बहुत ही ऐतिहासिक व गर्व करने वाला पल था। पहली बार ओलम्पिक खेलों के पदक विजेता खिलाड़ियों को स्वतंत्रता दिवस समारोह में आमंत्रित किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में अमृत महोत्सव कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत कर दी तथा आगामी 25 वर्षों तक की विकास यात्रा का व्यापक लक्ष्य भी निर्धारित कर दिया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय जवाहर लाल नेहरू को याद किया और छोटे किसानों के लिए नया नारा दिया।

उन्होंने सबसे बड़ा यह एलान किया है कि अमृत महोत्सव के अवसर पर सरकार की प्रमुख योजनाओं को शत प्रतिशत लागू किया जायेगा। प्रधानमंत्री ने सभी महापुरुषों को याद करते हुए कहा कि देश आज हर महान व्यक्तित्व को याद कर रहा है और देश सभी महापुरुषों का कर्जदार है।

प्रधानमंत्री ने विभाजन की त्रासदी का उल्लेख करते हुए कहा कि बंटवारे का दर्द आज भी हिंदुस्तान के सीने को छलनी करता है। यह पिछली सदी की सबसे बड़ी त्रासदी में से एक है। आजादी के बाद इन लोगों को बहुत ही जल्द भुला दिया गया। भारत ने एक भावुक निर्णय लिया कि अब हर वर्ष 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाया जायेगा। जो लोग विभाजन के दौरान अमानवीय व्यवहार से गुजरे थे, जिन्होंने अत्याचार सहे, जिन्हें सम्मान के साथ अंतिम संस्कार भी नसीब नहीं हुआ उन लोगों का हमारी स्मृतियों में जीवित रहना जरूरी है।

प्रधानमंत्री ने भाषण में अनुच्छेद -370 को हटाने का उल्लेख करते हुए कहा कि जम्मू हो या कश्मीर विकास का संतुलन अब जमीन पर दिख रहा है। जम्मू कश्मीर में अब विधानसभा चुनावों की तैयारियां चल रही हैं। लद्दाख में नई सिंधु सेंट्रल यूनिवर्सिटी बन रही है। लद्दाख आधुनिक बुनियादी संरचना का निर्माण होते हुए देख रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में देश की महिलाओं के उत्थान व उनको आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई बड़ी योजनाओं का भी एलान किया। प्रधानमंत्री ने सबसे बड़ी घोषणा यह की कि अब देश के सभी सैनिक स्कूलों में बेटियों का प्रवेश हो सकेगा। उन्होंने छोटे किसानों के लिए नया नारा दिया और कहा कि छोटे किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड, डेढ़ गुना एमएसपी, किसान उत्पादक संगठन जैसे प्रयास किसानों की ताकत बढ़ायेंगे। आने वाले समय में ब्लाक लेवल तक वेयरहाउस की सुविधा देने का फैसला किया जायेगा। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है छोटा किसान बने देश की शान।

प्रधानमंत्री ने युवाओं के लिए एक अतिमहत्वाकांक्षी व सबसे बड़ी योजना प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना का एलान किया है, जिसे आगामी दिनों में लांच किया जायेगा। यह योजना सौ लाख करोड़ रुपये की होगी। विशेषज्ञों का अनुमान है कि कोरोना काल में जिन युवाओं का रोजगार छिन गया है व नौकरी चली गयी है उनके लिए यह योजना एक बहुत बड़ा वरदान और पीएम मोदी के लिए भी गेमचेंजर योजना साबित हो सकती है। अमृत काल में गति की शक्ति भारत के कायाकल्प का आधार बनेगी।

प्रधानमंत्री ने गरीबों को पोषणयुक्त चावल देने का भी एलान किया है। राशन की दुकान पर मिलने वाला चावल हो, मिड-डे मील में मिलने वाला चावल हो हर योजना से मिलने वाला चावल हो, चावल फोर्टिफाइड कर दिया जायेगा। प्रधानमंत्री ने विस्तार से बताया कि आगामी 2047 तक भारत की यात्रा कैसी रहने वाली है। उन्होंने कहा कि हमें आगामी दिनों में ऐसे भारत का निर्माण करना है, जिसमें सुविधाओं का स्तर गांव शहर को बांटने वाला न हो। जहां नागरिकों के जीवन में सरकार बेवजह दखल न दे। ऐसे भारत का निर्माण जहां दुनिया का हर आधुनिक इन्फ्रास्टक्चर हो। शत-प्रतिशत गांवों में सड़कें, हर भारतीय का अपना बैंक अकाउंट हो व आयुष्मान कार्ड बने। प्रधानमंत्री ने भाषण में अमृत महोत्सव के अवसर पर हर 75 माह में एक वंदे भारत ट्रेन अर्थात 75 वंदे भारत ट्रेन चलाने का एलान किया।

प्रधानमंत्री ने ऊर्जा के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नेशनल हाइड्रोजन मिशन का एलान किया। इससे ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की नयी प्रगति होगी व भारत आत्मनिर्भर बनेगा। उन्होंने नई शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भाषा रुकावट नहीं बनेगी जिसमें खेल को भी अहम हिस्सा बनाया गया है। अब खेल के प्रति जागररुकता बढ़ी है खेलों के प्रति माता—पिता का नजरिया भी बदला है। कोरोना काल के बाद पीएम मोदी का भाषण नयी ऊर्जा व जोश से ओतप्रोत था।

उन्होंने अपने भाषण में समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए एलान किये और सीमा सुरक्षा तथा आतंकवाद पर भी अपने विचार व्यक्त किये। साथ ही एयरस्ट्राइक जैसे कदमों का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने अफगान के हालातों और आतंकवाद के प्रति नजरिया एकदम स्पष्ट कर दिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी में भारत के सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने से कोई भी बाधा रोक नहीं सकती। हमारी ताकत एकजुटता है। हमारी प्राणशक्ति राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम की भावना है।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास में एक और शब्द इस बार जोड़ दिया है और वह है सबका प्रयास। उन्होंने कहा कि इस अमृत काल में हमारे संकल्पों की सिद्धि हमें आजादी के सौ वर्षों तक ले जायेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह यह नये भारत के सृजन का अमृतकाल है। उन्होंने कहा कि यही समय है, हम पूर्ण विजय की ओर बढ़ चलें।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं)

(यह लेखक के निजी विचार हैं)

Raghvendra Prasad Mishra

Raghvendra Prasad Mishra

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