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निर्यात में भारत का चौका

भारत ने इतना निर्यात पहले कभी नहीं किया। निर्यात का यह आंकड़ा सरकार ने तय जरूर किया था लेकिन उनको भी विश्वास नहीं था कि भारत इस ऊँचाई तक पहुंच जाएगा।

Dr. Ved Pratap Vaidik
Written By Dr. Ved Pratap VaidikPublished By Monika
Published on: 25 March 2022 2:55 AM
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निर्यात में भारत का चौका (photo : social media )

भारत के लिए यह खुश खबर है कि इस साल भारत का निर्यात 400 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा का हो गया है। भारत के अंतरराष्ट्रीय व्यापार का यह अब तक का सर्वोच्च प्रतिमान है। भारत ने इतना निर्यात पहले कभी नहीं किया। निर्यात का यह आंकड़ा सरकार ने तय जरूर किया था लेकिन उनको भी विश्वास नहीं था कि भारत इस ऊँचाई तक पहुंच जाएगा। इसके दो कारण थे। एक तो कोरोना महामारी और दूसरा विश्व बाजारों की शिथिलता। लेकिन इसके बावजूद भारत के माल को सारी दुनिया के बाजारों में पसंद किया गया और उन्हें जमकर खरीदा गया।

यूरोप में चल रहे रूस और यूक्रेन का युद्ध भी हमारे निर्यात की बढ़ोतरी में आड़े नहीं आया। 2018-19 के पिछले साल में भारत का निर्यात 330 बिलियन डाॅलर का था। उसमें 21 प्रतिशत की वृद्धि हो गई। केंद्रीय व्यापार मंत्री पीयूष गोयल ने भारत के व्यापार-उद्योग में लगे लोगों की कार्यकुशलता, प्रामाणिकता और परिश्रम की जो प्रशंसा की है, वह उचित ही है। ठंडे बाजार और महामारी की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कई चीजों की कीमतें घट गईं तो उनकी मात्रा बढ़ गई। बढ़ी हुई मात्रा ने पैसों की आवक भी बढ़ाई और मुनाफा भी। यह भी हुआ कि बाजारों और उत्पादन की विश्व-व्यापी शिथिलता के कारण कई चीजों की कमी हो गई तो उनकी कीमतें बढ़ गईं। जैसे मोटर के कल-पुर्जो, अनाज से बनी वस्तुएं, चावल, गलीचों और फलों के रस से भारत की आमदनी बढ़ गई।

बिजली के सामान का निर्यात 42 प्रतिशत बढ़ गया

हमारा इंजीनियरी सामान सारी दुनिया में पसंद किया जाता है। उसकी बिक्री दुगुनी हो गई। बिजली के सामान का निर्यात 42 प्रतिशत बढ़ गया। जेवरात का निर्यात कूदकर 57.3 प्रतिशत बढ़ गया। पेट्रोलियम चीजें 147.6 प्रतिशत बढ़ गई। याने भारत चाहे तो अगले कुछ वर्षों में इन्हीं चीजों का निर्यात इतने बड़े पैमाने पर कर सकता है कि वह अमेरिका और चीन के नजदीक पहुंच सकता है। अमेरिका और चीन से आगे निकलना तो आज असंभव लगता है। ये दुनिया के दो सबसे बड़े निर्यातक देश हैं। इनका निर्यात का आंकड़ा भारत से कई गुना बड़ा है। दोनों देश लगभग 2500 बिलियन डाॅलर का निर्यात करते हैं। उनका आयात भी कहीं ज्यादा है। मंहगा बेचना और सस्ता खरीदना- यही उनकी समृद्धि का रहस्य है। भारत के लाखों प्रतिभाशाली लोग अमेरिका और यूरोपीय देशों को आर्थिक दृष्टि से समृद्ध बना रहे हैं। यदि भारत की प्रतिभा और परिश्रम का सही इस्तेमाल हो सके तो भारत की गिनती भी दुनिया के सबसे बड़े निर्यातकों में हो सकती है। दुनिया के इस सबसे बड़े लोकतंत्र को उस श्रेणी में लाने के लिए सरकार के साथ-साथ उद्योगपतियों और व्यापारियों को भी कृतसंकल्प होना पड़ेगा। चौका तो हमने लगा दिया। अब छक्का कब लगाएंगे?


Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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