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Indian Railway: रेलवे स्टेशनों का बेमिसाल कायाकल्‍प

Indian Railway Stations Rejuvenation: आधुनिकीकरण के नाम पर, 2014 से पहले, यात्री सुविधाओं में सुधार और बहुत कम दृश्यता वाले व्यस्त रेलवे स्टेशनों के आगे के हिस्‍से को बेहतर बनाने के लिए छिटपुट प्रयास किए जाते रहे।

DJ. Narayan
Written By DJ. Narayan
Published on: 5 March 2024 7:58 PM IST
Indian Railway Stations Rejuvenation
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Indian Railway Stations Rejuvenation

Indian Railway Stations Rejuvenation: भारत में रेलवे स्टेशन देश के लगभग हर व्यक्ति की यादों का अभिन्न हिस्सा रहा है। वे देश के बुनियादी ढांचे और परिवहन के साथ न केवल यात्रा लॉजिस्टिक्‍स के गौरव का महत्वपूर्ण संकेत हैं, बल्कि देश की वास्‍तुकला संबंधी तस्‍वीर का परिदृश्‍य दिखाने वाला एक महत्वपूर्ण तत्व भी हैं। प्रतिदिन 2 करोड़ से अधिक भारतीय यात्री भारत के स्टेशनों से यात्रा करते हैं, फिर भी भारतीय बुनियादी ढांचे के इस आवश्यक हिस्से को आधुनिक बनाने और लाखों लोगों के दिन-प्रतिदिन के यात्रा अनुभव को बेहतर बनाने के लिए ऐसा प्रयास पहले कभी नहीं किया गया, जैसा कि अब किया जा रहा है।

जैसे-जैसे भारत कई ट्रिलियन-डॉलर की अर्थव्यवस्था की दिशा में दृढ़ कदम उठा रहा है, रेलवे स्टेशनों के परिवर्तन का मिशन असाधारण है। स्‍टेशन जो पहले गंदगी और कचरे का भंडार होते थे, उनका अब आरामदायक यात्रा के स्वच्छ हलचल वाले केन्‍द्र, राष्ट्रीय गौरव और विरासत तथा विश्वस्तरीय सुविधाओं का प्रतीक बनना वास्तव में उल्लेखनीय है। मिशन ने पहले ही आश्चर्यजनक परिणाम दिखाना शुरू कर दिया है। ये आधुनिकीकृत रेलवे स्टेशन एक ऐसे राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करते हैं जो न केवल तेजी से आधुनिकीकरण कर रहा है बल्कि एक ऐसी शासन व्यवस्था भी बना रहा है जो अपने नागरिकों की परवाह करती है। भारतीय रेलवे का अनुभव करने का अर्थ है, भारत को एक राष्ट्र के रूप में भी अनुभव करना।

सरकार ने बनाया आधुनिकीकरण को एजेंडा

आधुनिकीकरण के नाम पर, 2014 से पहले, यात्री सुविधाओं में सुधार और बहुत कम दृश्यता वाले व्यस्त रेलवे स्टेशनों के आगे के हिस्‍से को बेहतर बनाने के लिए छिटपुट प्रयास किए जाते रहे। 2014 के बाद, पूरे भारत में रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास रेल मंत्रालय का प्रमुख एजेंडा बन गया। इस एजेंडे को अब सरकार पूरी ताकत से आगे बढ़ा रही है।

गुजरात में गांधीनगर रेलवे स्टेशन का 2021 में आधुनिकीकरण किया गया और यह पहला स्टेशन था जिसका आधुनिकीकरण किया गया। बाद में, इसी वर्ष, रानी कमलापति रेलवे स्टेशन (जिसे पहले हबीबगंज के नाम से जाना जाता था) भारतीय रेलवे का पहला रेलवे स्टेशन था जिसे पुनर्विकसित किया गया। केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने 2022 में लगभग ₹10,000 करोड़ के कुल निवेश के साथ 3 प्रमुख रेलवे स्टेशनों- नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, अहमदाबाद रेलवे स्टेशन और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) मुंबई को पुनर्विकसित करने की मंजूरी दी।

तेरह सौ स्टेशन बने अमृत भारत स्टेशन

केन्‍द्र ने अब देश के 1300 से अधिक रेलवे स्टेशनों को 'अमृत भारत स्टेशन' के रूप में बदलने की महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है। इस मिशन को तब गति मिली, जब अगस्त 2023 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने देश भर में 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखी। 24,470 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से पुनर्विकसित किए जा रहे ये 508 स्टेशन 27 राज्यों और केन्‍द्र-शासित प्रदेशों में फैले हुए हैं, जिनमें अन्‍य के अलावा उत्तर प्रदेश और राजस्थान में 55-55, बिहार में 49, महाराष्ट्र में 44, पश्चिम बंगाल में 37, मध्य प्रदेश में 34, असम में 32, ओडिशा में 25, पंजाब में 22, गुजरात और तेलंगाना में 21-21, झारखंड में 20, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में 18-18, हरियाणा में 15, कर्नाटक में 13 स्टेशन शामिल हैं।


आज जो परिणाम देखे जा रहे हैं, वे विशेष रूप से 2019 के बाद से किए जा रहे प्रयासों और प्रबंधन पहलों का परिणाम हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “हमारे प्रधानमंत्री के पास स्टेशन पुनर्विकास के लिए व्यापक दूरदर्शिता है। जब हम मूल डिज़ाइन के साथ गए, तो उन्होंने डिज़ाइन को मंजूरी नहीं दी। उन्होंने हमसे 50 साल आगे के लिए स्टेशनों को डिजाइन करने को कहा। इसलिए, हमने दोबारा से डिज़ाइन तैयार किया और फिर निर्माण शुरू किया। आज हम दुनिया का सबसे बड़ा स्टेशन पुनर्विकास कार्यक्रम कर रहे हैं। 1309 स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है”।

रेलवे स्टेशनों के विकास/पुनर्विकास की प्रकृति जटिल है, जिसमें यात्रियों और ट्रेनों की सुरक्षा शामिल है और इसके लिए दमकल की मंजूरी, विरासत, पेड़ काटने, हवाई अड्डे की मंजूरी आदि जैसी विभिन्न वैधानिक मंजूरियों की आवश्यकता होती है। छोड़ी हुई भूमि से संबंधित चुनौतियों जैसे जनोपयोगी वस्‍तुओं के स्थानांतरण, अतिक्रमणों, यात्रियों की आवाजाही में बाधा डाले बिना ट्रेनों के संचालन, उच्च वोल्टेज बिजली लाइनों के निकट किए जा रहे कार्यों की वजह से प्रतिबंध के कारण भी प्रगति प्रभावित होती है। स्टेशन विकास कार्य के लिए संबंधित अधिकारियों की आवश्यक मंजूरी के लिए शहरी/स्थानीय निकायों और अन्य हितधारकों, विशेषज्ञों, अधिकारियों के साथ व्यापक परामर्श किया जा रहा है।

आधुनिकीकरण की यह रही प्रक्रिया

1300 से अधिक रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण एक बहुत बड़ा काम है और गति एवं पैमाने के साथ इन स्टेशनों के वैज्ञानिक पुनर्विकास के पीछे एक सर्व-समावेशी गहन प्रक्रिया चल रही है। टेंडर जारी करने से पहले विभिन्न स्तरों पर चर्चा के साथ समग्र रूप से डिजाइनिंग की गई है। इसके अलावा, एक मानक निविदा दस्तावेज तैयार किया गया और सभी के साथ साझा किया गया ताकि एक निश्चित समय पर काम पूरा करना सुनिश्चित किया जा सके। भारतीय रेलवे ने पुनर्विकास कार्य हरसंभव तरीके से बेहतर करने के लिए भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम का विलय कर दिया। सभी प्रभागों और क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा उपयुक्त उपयोग के लिए विभिन्न शीर्ष क्षेत्र विशेषज्ञों, आर्किटेक्ट्स और पाइलिंग एजेंसियों को सूचीबद्ध किया गया। ज़ोन और मुख्यालयों में गतिशक्ति निदेशालयों के निर्माण के अलावा, इसके लिए 9000 से अधिक कर्मियों को प्रशिक्षित करने से प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और तेज़ करने में भी मदद मिली है।

इस योजना में स्टेशनों पर सुविधाओं में सुधार के लिए मास्टर प्लान तैयार करना और चरणों में उनका कार्यान्वयन शामिल है, जैसे प्रत्येक स्टेशन पर आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए स्टेशन तक पहुंच, सर्कुलेटिंग एरिया, वेटिंग हॉल, शौचालय, लिफ्ट/एस्केलेटर आवश्यक, स्वच्छता, मुफ्त वाईफाई, 'एक स्टेशन एक उत्पाद' जैसी योजनाओं के माध्यम से स्थानीय उत्पादों के लिए कियोस्क, बेहतर यात्री सूचना प्रणाली, एग्जीक्‍यूटिव लाउंज, व्यावसायिक बैठकों के लिए नामांकित स्थान, लैंडस्‍केपिंग आदि।

रेलवे स्टेशन दिखें एयरपोर्ट सरीखे

इस योजना में भवन में सुधार, स्टेशन को शहर के दोनों किनारों के साथ जोड़ना, मल्टीमॉडल एकीकरण, दिव्यांगजनों के लिए सुविधाएं, टिकाऊ और पर्यावरण अनुकूल समाधान की भी परिकल्पना की गई है। प्रत्येक स्टेशन पर एक विशाल छत प्लाजा होगा, जिसमें खुदरा, कैफेटेरिया, मनोरंजन सुविधाओं के साथ-साथ सभी यात्री सुविधाएं एक ही स्थान पर होंगी।


पर्याप्त पार्किंग सुविधाओं के साथ यातायात की सुचारु आवाजाही के लिए मास्टर प्लान तैयार किया गया है और इसे मेट्रो, बस आदि जैसे परिवहन के अन्य साधनों के साथ जोड़ना सुनिश्चित किया जाएगा। सौर ऊर्जा, जल संरक्षण/पुनर्चक्रण और बेहतर वृक्ष आवरण के साथ ग्रीन बिल्डिंग तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। आगमन/प्रस्थान को अलग-अलग किया जाएगा, अव्यवस्था मुक्त प्लेटफार्म, बेहतर सतह, पूरी तरह से ढके हुए प्लेटफार्म होंगे।भारतीय रेलवे स्टेशनों का बेमिसाल कायाकल्‍प हर भारतीय को गौरवान्वित करने वाला है और जिस गति से बदलाव हुआ है उससे हर पर्यटक आश्चर्यचकित होगा।

रेलवे स्टेशनों का बेमिसाल कायाकल्‍प



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Admin 2

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