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परंपरा और आधुनिकता: वर्तमान सरकार की दृष्टि से सामाजिक समर्थन

Tradition and Modernity: ये परंपराएं हमें अपने विचार और विचारधारा को दूसरों के साथ साझा करने की शक्ति देती हैं और सामूहिक चेतना को जागृत करती हैं।

Ankit Awasthi
Written By Ankit Awasthi
Published on: 16 Nov 2024 1:02 PM IST
परंपरा और आधुनिकता: वर्तमान सरकार की दृष्टि से सामाजिक समर्थन
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परंपरा और आधुनिकता  (PHOTO: social media )

Tradition and Modernity: मानव समाज एक ऐसे मोड़ पर है जहां पारंपरिक मूल्य और आधुनिक विचारधारा आपस में संघर्ष करते नजर आते हैं। हमारा भारत, जो अपनी सांस्कृतिक धरोहर के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है, आज वैश्विक प्रभाव के कारण नए चुनौतियों का सामना कर रहा है। इसके बीच एक अहम सवाल उठता है- क्या हम अपनी परंपरा को बनाए रख सकते हैं जबकि हम आधुनिक विकास की ओर भी बढ़ रहे हैं?

परंपराओं की महत्ता

परंपरा हमेशा से हमारे जीवन का आधार रही हैं। ये सिर्फ रीतिरिवाज नहीं बल्कि हमारे जीवन मूल्यों, संस्कारों और व्यवहारों का संग्रह होती हैं। उत्सव, पारिवारिक संबंध, और धार्मिक अनुष्ठान हमें एक सूत्र में बांधते हैं। ये परंपराएं हमें अपने विचार और विचारधारा को दूसरों के साथ साझा करने की शक्ति देती हैं और सामूहिक चेतना को जागृत करती हैं।

आधुनिकता की चुनौतियां

लेकिन आज के युग में, आधुनिक जीवन शैली ने व्यक्ति को व्यक्तिगत सुविधाओं और तकनीक पर आधारित जीवन की ओर प्रेरित किया है। इंटरनेट, संवाद की नई सूचना प्रणाली, और व्यक्ति की आज़ादी, आज समाज को नए प्रश्नों का सामना करने पर मजबूर कर रही हैं। समय की मांग है कि हम प्रगति करें, लेकिन प्रगति का मतलब अपनी जड़ों को भूल जाना नहीं हो सकता।

वर्तमान सरकार का योगदान

वर्तमान सरकार ने भी इस समस्या को समझा है और अपनी नीतियों में परंपरा और आधुनिक विकास के बीच संवाद बनाए रखने का प्रयास किया है। स्वच्छ भारत अभियान, डिजिटल इंडिया, और मेक इन इंडिया जैसी योजनाएं इस बात का प्रमाण हैं कि आधुनिक विकास के साथ-साथ हम अपने मूल्य और परंपरा को भी संरक्षित कर सकते हैं। सरकार का जोर योग और आयुर्वेद के विकास पर भी है, जो हमें अपने सांस्कृतिक मूल्यों की याद दिलाता है।

समर्थन एवं संवाद

यहां एक समझौते की आवश्यकता है—एक ऐसा संवाद जो परंपरा और आधुनिक विचारधारा के बीच संतुलन बनाए रख सके। हमें ऐसे मार्ग अपनाने होंगे जिससे हम अपनी पहचान को बनाए रखते हुए, नए विकास को अपना सकें। उदाहरण के रूप में, हम देखते हैं कि किस तरह से योग और आयुर्वेद आज भी वैश्विक स्तर पर अपने मूल्य को साबित कर रहे हैं। आधुनिक पद्धतियों का इस्तेमाल करके भी, अपनी परंपराओं को संरक्षित रखना संभव है।

नया मार्ग: मेल-जोल का समाधान

इसलिए, हमें अपने जीवन में ऐसे सुझावों को अपनाना चाहिए जो दोनों दृष्टिकोणों का सम्मान करते हैं। स्कूलों में परंपरा और संस्कृति की शिक्षा को आधुनिक विधियों के साथ मिलाकर पेश करना एक कदम हो सकता है। परिवार के सदस्यों को एक साथ एक जगह बैठकर अपने मूल्यों पर चर्चा करनी चाहिए। आखिर में, समाज का विकास तभी संभव है जब हम अपनी जड़ों से जुड़े रहकर, नए विचारों का स्वागत खुले मन से करते हैं।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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