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India's Royal Wedding: भारत का शाही विवाह
India's Royal Wedding: हम भी आयुष्मति राधिका एवं चिरंजीवी अनंत अम्बानी को सफल वैवाहिक जीवन हेतु शुभकामनाएँ प्रेषित करते हैं।
India's Royal Wedding: भारत के सर्वाधिक धनाढ्य मुकेश अम्बानी जी के छोटे सुपुत्र अनंत अम्बानी का शाही पाणीगृहण संस्कार, दिनांक 12 जुलाई वर्ष 2024 को हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हो गया। इस विवाह में देश व विदेश से आमंत्रित अतिथिगण शुभाशीष देने हेतु सम्मिलित हुए। दिनांक 13 जुलाई को प्रधानमंत्री मोदी जी ने स्वयं इस भव्य विवाह में उपस्थित होकर नवयुगल दम्पति को अपना आशीर्वाद प्रदान किया। हम भी आयुष्मति राधिका एवं चिरंजीवी अनंत अम्बानी को सफल वैवाहिक जीवन हेतु शुभकामनाएँ प्रेषित करते हैं।
स्वतंत्रता से पूर्व शाही राजघरानों में अत्यधिक ऐश्वर्यपूर्ण ढंग से विवाह हुआ करते थे और भारत की निर्धन जनता अपने उदास, निराशापूर्ण नेत्रों से उन भव्य दृश्यों को निहारते तथा उस शाही विवाह में सम्मिलित अतिथियों की झूठन से अपनी क्षुधा शान्त कर प्रसन्नता का अनुभव करते थे। आज वही दृश्य पुनः घटित हो रहा है, जब भारत की 80 करोड़ निर्धन जनता, जोकि मोदी जी की कृपादृष्टि से निशुल्क अन्न प्राप्त कर अपनी क्षुधा शान्त कर रही है, वे इस भव्य विवाह केे दृश्यों का अपने नेत्रों से विवशता के साथ अवलोकन कर रहीं है।
सूत्रों के अनुसार, इस विवाह में अम्बानी परिवार ने 6 हजार करोड़ रूपये की धनराशि का व्यय किया, जिसमें मात्र निमन्त्रण पत्र की ही कीमत 6.5 लाख रुपयें आंकी गई है, सोने तथा चांदी के आवरण से युक्त, जो पान अतिथियों को पेश किया गया, उसकी कीमत भी 6000 रूपयें थी एवं अतिथियों को 2 करोड़ रुपयें कीमत की घड़ी विदाई में भेंटस्वरूप प्रदान की गई। अब यदि अतिथियों द्वारा भेंट स्वरूप दिए गए उपहारों की कीमत की गणना की जाए तो सम्भवतया विवाह का कुल व्यय 12 हजार करोड़ से भी अधिक हो सकता है। अब इस अथाह धनराशि के व्यय के दूसरे पहलू पर भी यदि चिंतन किया जाए तो इतनी विशाल धनराशि से 12 AIMS 24 मेडिकल कॉलेज खुल सकते थे और उनमें गरीब, असहाय जनता स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर इस नवयुगल दम्पती को कितने आशीष वचन प्रदान करती, इसका अनुमान लगाना भी कठिन है। यहाँ यह भी तथ्य स्पष्ट करना आवश्यक है कि गुजरात के धनाढ्य उद्योगपति अम्बानी जी ने इस विवाह में जो भी व्यय किया, वह भी उन्होंने जनता से ‘जीओं प्लान‘ की कीमत में वृद्धि कर प्राप्त कर लिया है।
इस शाही विवाह की एक प्रमुख विशेषता यह भी थी कि इस विवाह में अतिथि स्वरूप राजनीति के दोनों पक्ष अर्थात् एनडीए एवं इंडिया गठबंधन के नेताओं को आमंत्रित किया गया, इतना ही नहीं, मुकेश अम्बानी जी, गाँधी परिवार को निमन्त्रण देने स्वयं पहुँचे परन्तु गाँधी परिवार ने उनके निमन्त्रण को स्वीकार नहीं किया, शेष समस्त नेताओं ने प्रसन्नतापूर्वक विवाह समारोह में उपस्थित होकर तथा परस्पर गले मिलकर अपनी हर्षाभिव्यक्ति की। चुनावी मंच पर इसी इंडिया गठबंधन के नेतागण, अम्बानी जी की कटु निंदा करते थे, परन्तु भारत के प्रथम उद्योगपति के विवाह समारोह में वहीं नेतागण शाही व्यंजनों का आंनद लेने से स्वयं को रोक नहीं सके। मोदी जी ने चुनावी मंच से यह रहस्य भी खोला था कि अम्बानी परिवार टेम्पू भर-भरकर गाँधी परिवार को धन भेजता है, यह अत्यधिक आश्चर्य का विषय है कि गाँधी परिवार विवाह में सम्मिलित क्यों नहीं हुआ? इस विवाह में सम्मिलित इंडिया गठबंधन के माननीय नेतागण शाही व्यंजनों का आनंद लेने के पश्चात उद्योगपति अम्बानी जी के परिवार के विरूद्ध किस मुँह से निर्धन जनता के समक्ष तीखे शब्दों का प्रयोग कर पायेंगे।
इतिहास साक्षी है कि भारत में जितने भी शाही विवाह समारोह अत्यधिक ऐश्वर्यपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुए हैं, उनपर किसी न किसी की कुदृष्टि अवश्य रही है। अम्बानी जी ने इस तथ्य को संज्ञान में रख आदरणीय शंकराचार्य, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज जी को भी निमंत्रित किया था, जिससे किसी की भी कुदृष्टि इस परिवार पर न पड़े। हम सभी ईश्वर से करबद्ध प्रार्थना करते हैं कि यह नवयुगल दम्पति तथा उसका परिवार सदा प्रसन्न रहे, स्वस्थ रहे। दूधों नहाय, पूतों-फले। इस परिवार को किसी की बुरी नज़र न लगे।