Tanot Devi: भारत- पाक सीमा पर सनातन भारत की रक्षा देवी मां तनोट का दरबार

Tanot Devi: भारत पाकिस्तान युद्ध मे यहां गिरे बम फटे ही नहीं। आज भी उन बमों को यहां सुरक्षित रखा गया है। BSF के जवान ही मंदिर की पूरी व्यवस्था देखते हैं।

Sanjay Tiwari
Written By Sanjay Tiwari
Published on: 10 Feb 2023 7:28 AM GMT
Tanot Devi: भारत- पाक सीमा पर सनातन भारत की रक्षा देवी मां तनोट का दरबार
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Tanot Devi: कल मां तनोट के दरबार मे उपस्थिति लगी। अद्भुत और अनंत ऊर्जा का स्रोत। इन्हें भारत की रक्षा शक्ति भी कहा जाता है। BSF की कुलदेवी हैं। भारत पाकिस्तान युद्ध मे यहां गिरे बम फटे ही नहीं। आज भी उन बमों को यहां सुरक्षित रखा गया है। BSF के जवान ही मंदिर की पूरी व्यवस्था देखते हैं। जैसलमेर से लगभग सवा सौ किमी दूर पाकिस्तान सीमा तक के लिए भारत सरकार ने शानदार सड़क बनाई है। सड़क के दोनों तरफ केवल रेगिस्तान। अद्भुत और रमणीय यात्रा। कई कई किलोमीटर तक केवल सन्नाटा। कहीं कही सेना या किसी पर्यटक का वाहन मिल जाएगा। यह हमारा सौभाग्य कि सपरिवार कल यहां हाजिरी लग गयी। बिल्कुल चमत्कृत कर देने वाली शक्ति पीठ।

तनोट माँ (तन्नोट माँ) का मन्दिर जैसलमेर जिले से लगभग एक सौ तीस कि॰मी॰ की दूरी पर 'तनोट' नामक गाँव में स्थित हैं। इस मन्दिर को 'तनोट राय' कहते हैं। मामडिया चारण की पुत्री देवी आवड़ को तनोट माता के रूप में पूजा जाता है। पुराने चारण साहित्य के अनुसार तनोट माता, हिंगलाज माता की अवतार हैं जिनका प्रसिद्ध मन्दिर बलूचिस्तान (पाकिस्तान) में है। भाटी राजपूत नरेश तणुराव ने वि॰सं॰ 828 में तनोट का मंदिर बनवाकर मूर्ति को स्थापित किया था। भाटी तथा जैसलमेर के पड़ोसी क्षेत्रों के लोग तन्नोट माता की पूजा करते हैं।


माना गया है कि भारत और पाकिस्तान के मध्य जो सितम्बर 1965 को लड़ाई हुई थी , उसमें पाकिस्तान के सैनिकों ने मंदिर पर कई बम गिराए थे लेकिन माँ की कृपा से एक भी बम नहीं फट सका था। तभी से सीमा सुरक्षा बल के जवान इस मन्दिर के प्रति काफी श्रद्धा भाव रखते हैं। मंदिर के एक पुजारी ने मंदिर के इतिहास के बारे में उल्लेख किया कि बहुत समय पहले मामड़िया नाम का एक चारण था, जिनके कोई 'बेटा-बेटी' अर्थात कोई संतान नहीं थी, वह संतान प्राप्ति के लिए लगभग सात बार हिंगलाज माता की पूरी तरह से पैदल यात्रा की। एक रात को जब उस चारण (गढवी ) को स्वप्न में आकर माता ने पूछा कि तुम्हें बेटा चाहिए या बेटी, तो चारण ने कहा कि आप ही मेरे घर पर जन्म ले लो। हिंगलाज माता की कृपा से उस चारण के घर पर सात पुत्रियों और एक पुत्र ने जन्म लिया। इनमें से एक आवड माँ थी, जिनको तनोट माता के नाम से जाना जाता है।


घूमने के लिए है अच्छी जगह

अगर आप तनोत माता के दरबार में धोक देने आने वाले हैं यह आपके लिए एक अच्छा पर्यटन स्थल है। तनोत माता के दरबार में आने के लिए जैसलमेर से गाडी से या आप अपनी खुद की गाड़ी लेकर आ सकते हैं। तनोत माता को 'रक्षा की देवी' भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच में हुए घमासान युद्ध के समय माता के दरबार में पाकिस्तान की ओर से कई बम फेंके गये, पर माता जी मंदिर को कुछ नही हुआ।



Durgesh Sharma

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