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Vice Presidential Election 2022: जगदीप धनखड़- सही पसंद
Vice Presidential Election 2022: जगदीप धनकड़ की उपस्थिति का लाभ भाजपा को राजस्थान, उत्तरप्रदेश और हरियाणा में भी मिलेगा।
Vice Presidential Election 2022: भाजपा सरकार ने राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मु को उम्मीदवार बनाया और अब उप-राष्ट्रपति (vice president election 2022 ) पद के लिए जगदीप धनकड़ (Jagdeep Dhankhar) का नाम घोषित हुआ है। दोनों उम्मीदवारों को मंत्री और राज्यपाल रहने का अनुभव है लेकिन इससे भी बड़ी बात यह है कि इन दोनों को इन सर्वोच्च पदों के लिए चुनते हुए भाजपा नेताओं ने किस बात का ध्यान रखा है? वह बात है वंचितों के सम्मान और वोट बैंक की!
एक उम्मीदवार देश के समस्त आदिवासियों को भाजपा से जोड़ेगा और दूसरा समस्त पिछड़ों को! यह देश के आदिवासियों और पिछड़ी जातियों में यह भाव भी भरेगा कि वे लोग चाहे सदियों से दबे-पिसे रहे लेकिन यदि उनके दो व्यक्ति भारत के सर्वोच्च पदों पर पहुंच सकते हैं तो वे भी जीवन में आगे क्यों नहीं बढ़ सकते? किसान-पुत्र धनकड़ के उप-राष्ट्रपति बनने की घटना देश के किसानों में नई उमंग जगाए बिना नहीं रहेगी। इसके अलावा पं. बंगाल, झारखंड और उड़ीसा के आदिवासियों को भाजपा की तरफ खींचने में और ममता बनर्जी के वोट बैंक में सेंध लगाने में ये दोनों पद कोई न कोई भूमिका जरुर निभाएंगे।
राजस्थान की कांग्रेस सरकार के लिए चुनौती
जगदीप धनकड़ की उपस्थिति का लाभ भाजपा को राजस्थान, उत्तरप्रदेश और हरियाणा में भी मिलेगा। धनकड़ उपराष्ट्रपति के रूप में राज्यसभा के अध्यक्ष होंगे। यह शायद पहला संयोग होगा कि लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला और राज्यसभा के अध्यक्ष धनकड़ एक ही राज्य राजस्थान के होंगे। यह तथ्य राजस्थान की कांग्रेस सरकार के लिए चुनौती भी बन सकता है। धनकड़ को विधायक, सांसद और केंद्रीय मंत्री रहने का अनुभव भी है। वे जनता पार्टी और कांग्रेस में भी रह चुके है। उन्हें उप-राष्ट्रपति पद पर भाजपा बिठा रही है, इससे यह सिद्ध होता है कि भाजपा अपने दरवाजे बड़े कर रही है। वे यदि अपनी विनम्रता के लिए जाने जाते हैं तो उनकी स्पष्टवादिता भी सर्वज्ञात है। उनके जितने दो-टूक राज्यपाल देश में कितने हुए हैं? पं. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की जितनी खुली खिंचाई धनकड़ ने की है, क्या कोई अन्य राज्यपाल किसी मुख्यमंत्री की कर पाया है? इसीलिए उन्हें 'जनता का राज्यपाल' कहा जाता है।
पिछले साल जब जगदीपजी ने मेरे खातिर अपने राजभवन में प्रीति-भोज आयोजित किया तो मैंने अपने कोलकाता के सभी खास मित्रों को आमंत्रित किया। उसमें भाजपाइयों और संघियों के अलावा कांग्रेसी, ममता के तृणमूली और कुछ पत्रकार भी थे। उन्हें देखकर राज्यपाल ने कुछ लोगों को कहा कि आप लोगों से मैं बहुत नाराज हूं लेकिन आप वैदिकजी के मित्र हैं, इसलिए आपका विशेष स्वागत है। कौन कहेगा, ऐसी दो-टूक बात? धनकड़ राजस्थान के किसान परिवार के बेटे हैं लेकिन उन्होंने अपनी योग्यता के बल पर अपनी वकालत की धाक सर्वोच्च न्यायालय तक में जमा रखी थी। पं. बंगाल में इस बार भाजपा विधायकों की संख्या 3 से बढ़कर 71 हो गई। इसक बड़ा श्रेय राज्यपाल जगदीप धनकड़ को भी है। मुझे विश्वास है कि अब राज्यसभा का सदन ज़रा बेहतर और अनुशासित ढंग से काम करेगा। धनकड़ की जीत तो सुनिश्चित है ही, उनके सदव्यवहार का असर हमारे विपक्ष पर भी देखने को मिलेगा।