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आलीशान महल छोड़कर 15 साल जेल में क्यों रहे नेहरू

हां वो नेहरू थे जो एक आलीशान जीवन जी सकते थे अपने इलाहाबाद स्थित आनंद भवन/स्वराज भवन में ।बिना किसी मुसीबत में पड़े ।

Sanjeev Pandey
Written By Sanjeev PandeyPublished By Monika
Published on: 27 May 2021 11:30 AM GMT (Updated on: 27 May 2021 11:33 AM GMT)
आलीशान महल छोड़कर 15 साल जेल में क्यों रहे नेहरू
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हां वो नेहरू थे जो एक आलीशान जीवन जी सकते थे अपने इलाहाबाद स्थित आनंद भवन/स्वराज भवन में । बिना किसी मुसीबत में पड़े । पर न जाने क्या सूझी जिन नेहरू के कपड़े विदेश जाते थे ड्राईक्लीन होने उन्होंने वो कपड़े छोड़कर खद्दर अपना लिया। कहते हैं उनके लिए कॉलेज के हर गेट पर गाड़ी खड़ी कर दी थी। उनके पिता पंडित मोतीलाल नेहरू जी को न जाने क्या दिमाग में आया जो सारी लग्जरी गाड़ियों को त्यागकर गांधी जी के साथ ट्रेन और बसों में तो धक्के खाने ही, साथ ही गिरफ्तार होकर पुलिस की गाड़ियों में ज्यादा सफर किया। उनका आलीशान घर था इलाहाबाद में, फिर भी जीवन के पंद्रह साल जेल में बिता दिए।

बेटियां पिता की जान होती हैं पर न जानें क्या हुआ जो जेल में बंद रहने के बाद अपनी बेटी की चिंता करने की जगह उसे चिट्ठी के माध्यम से देश विदेश के तौर-तरीकों और स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े तथ्यों की जानकारी देने लगे। बंटवारे के वक्त जब किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी सड़क पर आने की तो वो गांधी जी के साथ जानें क्यों भटक भटक कर दंगा रोकने का प्रयास कर रहे थे। पूरा भारत जब आज़ादी के जश्न में डूबा था तब पार्टी करने की जगह दिमाग में भारत का आधुनिकीकरण घूम रहा था। कौन सा गणित था जो नेहरू जी ने पूर्ण बहुमत की सरकार होते हुए भी जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी को काश्मीर से संबंधित मामलों का और शेड्यूल कास्ट फेडरेशन से डाक्टर भीमराव अम्बेडकर जी को कानून मंत्री बनाया। यही नहीं कांग्रेस में तमाम योग्य नेता होते हुए भी विपक्ष के श्री अटल बिहारी वाजपेई जी को भारत का प्रतिनिधित्व सौंपकर क‌ई बार विदेश भेजा।

वास्तव में वर्तमान ने न आपको पढ़ा न सही से जाना ।

आज जरुरत है उस वक्त को उसी वक्त के हिसाब से पढ़ने की न कि इस वक्त ये लिखा हुआ तथ्यहीन मनगढ़ंत पढ़ने की कि उस समय ये हुआ होगा ।

जितना पढ़ा, खोजा, समझा और जाना कि वास्तव में भारत का अगर कोई सबसे शानदार प्रधानमंत्री हुआ तो वो नि संदेह पंडित जवाहरलाल नेहरू थे।

नेहरू जी की अंतिम यात्रा क‌ई मील लंबी थी और अमेरीकी राष्ट्रपति के साथ लार्ड माउंटबेटन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री , सोवियत संघ के उपराष्ट्रपति समेत सैकड़ों प्रतिनिधि विदेशो के आए थे। नेहरू जी की पुण्यतिथि पर शत-शत नमन और वंदन

(लेखक सेंट्रल बार एसोसिएशन, लंखनऊ के महासचिव हैं)

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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