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प्रभु यीशु के जन्म के नहीं है प्रमाण, फिर भी 25 दिसंबर को ही क्यों मनाते हैं क्रिसमस

suman
Published on: 24 Dec 2018 8:44 AM IST
प्रभु यीशु के जन्म के नहीं है प्रमाण, फिर भी 25 दिसंबर को ही क्यों मनाते हैं क्रिसमस
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जयपुर:25 दिंसम्बर क्रिसमस डे है। इस दिन लोगों में एक नया ही उत्साह देखने को मिलता है और इसे सभी बडी धूम-धाम से मनाते हैं। इस डे को क्रिसमस डे ही क्यों बोला जाता है ये बहुत कम लोग जानते होंगे, इस शब्द का अर्थ बताते हैं। क्रिसमस शब्द का जन्म क्राईस्टेस माइसे अथवा "क्राइस्टस् मास" शब्द से हुआ है। क्रिसमस या बडा दिन प्रभु के पुत्र ईसा मसीह या यीशु के जन्म की खुशी में पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है और आमतौर पर इस दिन लगभग पूरी दुनिया में छुट्टी रहती है। यूं तो 25 दिसंबर को यीशु का जन्मदिन होने का कोई तथ्यपूर्ण प्रमाण उपलब्ध नहीं है, लेकिन समूची दुनिया इसी तिथि को यह रोमन पर्व सदियों से मनाती चली आ रही है।

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बाइबल में जीसस की कोई बर्थ डेट नहीं दी गई है, लेकिन फिर भी 25 दिसंबर को ही हर साल क्रिसमस मनाया जाता है. इस तारीख को लेकर कई बार विवाद भी हुआ. लेकिन 336 ई. पूर्व में रोमन के पहले ईसाई रोमन सम्राट के समय में सबसे पहले क्रिसमस 25 दिसंबर को मनाया । परम्परागत रूप से क्रिसमस 12 दिन तक चलने वाला उत्सव है। प्रभु ईसा मसीह का जन्मदिन संपूर्ण विश्व में लोग अपनी-अपनी परंपराओं एवं रीति-रिवाजों के साथ श्रद्धा, भक्ति एवं निष्ठा के साथ मनाते हैं। सभी समुदाय के लोग इसे पूरी श्रद्धा और उल्लास के साथ एक धर्मनिरपेक्ष, सांस्कृतिक उत्सव के रूप मे मनाते हैं।

क्रिसमस पर विशेष रुप से केक बनता है, केक बिना क्रिसमस अधूरा होता है। भगवान यीशु मसीह के जन्मोत्सव को सेलीब्रेट करने के लिए क्रिसमस केक भी गिरिजाघरों में सजाए जाते हैं। व्यापक रूप से स्वीकार्य एक ईसाई पौराणिक कथा के अनुसार, प्रभु ने मेरी नामक एक कुंवारी लडकी के पास गैब्रियल नामक देवदूत को भेजा, जिसने मेरी को बताया कि वह प्रभु के पुत्र को जन्म देगी तथा बच्चे का नाम जीसस रखा जाएगा। वह बच्चा बडा होकर राजा बनेगा और उसके राज्य की कोई सीमा नहीं होगी।

क्रिसमस के मौके पर कहा जाता है कि सांता क्लॉज आयेगा ढेर सारी खुशियां लायेगा। ये क्रिसमस से जुडा एक लोकप्रिय पौराणिक परंतु कल्पित पात्र हैं। वह बच्चों को प्यार करता है। माना जाता है कि क्रिसमस की रात सफेद रंग की बडी-बडी दाढी-मूंछों वाले सांता क्लॉज यानी क्रिसमस फादर स्वर्ग से उतरकर हर घर में आते हैं और बच्चों के लिए तोहफे की पोटली क्रिसमस ट्री पर लटकाकर चले जाते हैं, ऎसी मान्यता है कि सांता क्लॉज रेंडियर पर चढकर किसी बर्फीले जगह से आते हैं और चिमनियों के रास्ते घरों में प्रवेश करके सभी अच्छे बच्चों के लिए उनके सिरहाने उपहार छोड जाते हैं।

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