TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

मोदी की गुगली का इमरान के पास जवाब नहीं

raghvendra
Published on: 14 Jun 2019 3:30 PM IST
मोदी की गुगली का इमरान के पास जवाब नहीं
X

नवल कान्त सिन्हा

अमा इतनी लाइन तो लैला ने मजनूं को नहीं मारी होगी, शीरी ने फरहाद को नहीं मारी होगी, जूलियट ने रोमियो को नहीं मारी होगी, अनारकली ने सलीम को नहीं मारी होगी, मस्तानी ने बाजीराव को नहीं मारी होगी... जितनी कि पाकिस्तान के अनुभवी शादीबाज इमरान खान अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मारने में लगे हुए हैं, लेकिन मोदी जी हैं कि लिफ्ट देने का नाम ही नहीं ले रहे।

अब बताइए कि किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में होने जा रहे शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन में मोदी जी को जाना था। अफसर साहबान ने रास्ता तलाशा। सबसे छोटा हवाई रास्ता पाकिस्तान से होकर था। लिहाजा पाकिस्तान से परमिशन मांगी गयी और पाकिस्तान तो इसी के इंतजार में था। खोल दिया पूरा आकाश मोदी जी के स्वागत के लिए। अपने आकाश में मोदीजी के लिए पलक पावड़े बिछा दिए। लेकिन मोदी तो मोदी ही हैं। पिछली सरकार में शरीफ से इश्क करके देख चुके हैं। अब लव यू बोलकर मुकर जाने की पाकिया अदा से बखूबी वाकिफ हैं। लगता तो यही है कि उन्होंने पाकियों से उसी समय कह दिया था- ‘तेरे एयर स्पेस में न रखेंगे, कदम आज के बाद’। ऐसा अब साबित होता भी दिख रहा है।

न मतलब तो न ही होता हैं न। लिहाजा मोदी जी ओमान, ईरान और मध्य एशिया को चीरते हुए बिश्केक में इमरान खान को मेंटली डिस्टर्ब कर चुके हैं। चलिए न जाते पाकिस्तान के एयरस्पेस में, बिश्केक में तो बैठकर इमरान के साथ केक खा सकते थे, हाल-चाल ले सकते थे। लेकिन नहीं, वहां भी नहीं मिलेंगे। बस यूं ही समझ लीजिए कि वो इमरान के जरा भी अभिनंदन के मूड में नहीं हैं। वैसे भी अपने सूरमा अभिनन्दन का इतना खौफ है कि पाकिस्तान के बड़े-बड़े एंकर वहां अर्थ का अनर्थ कर रहे हैं। आपने वो वायरल वीडियो तो देखा ही होगा न, जिसमें एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल के एंकर ने पीएम मोदी के भाषण में अभिनंदन के शब्द को विंग कमांडर अभिनंदन समझ लिया। अब इन्हें कौन समझाए कि अभिनंदन का मतलब बधाई या अभिवादन होता है। अब डिस्टर्ब पाकिस्तानियों को ये बात कौन समझाए।

चलिए पाकिस्तानियों को कुछ मत समझाइए, लेकिन उनकी बात को समझ तो लीजिए। लेकिन पता नहीं क्यों मोदी जी इमरान साहब को बैटिंग कराने के मूड में हैं ही नहीं। पाकिस्तान की उबडख़ाबड़ क्रीज में डटे इमरान खान को गुगली पर गुगली डाले जा रहे हैं। भला ये भी कोई बात हुई। गुगली डाल रहे हैं तो गुगली ही डालें, बीच-बीच में बाउंसर भी मार दे रहे हैं। अब बताओ, क्या कभी किसी स्पिनर को बाउंसर फेंकते हुए देखा है। वैसे भाजपाइयों से पूछ लो तो यही कहते हैं कि मोदी है तो मुमकिन है। लेकिन हमें इमरान खान की डरी हुई बल्लेबाजी से क्या लेना-देना। हम तो बस इतना चाहते हैं कि वल्र्ड कप में इंडिया, पाकिस्तानियों को धर के कूट दे और वल्र्ड कप ले आए। देश की छाती छप्पन इंच की कर दे।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)



\
raghvendra

raghvendra

राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

Next Story