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जल संरक्षण और संकट

पहले पानी कुओं और तालाबों में मिलता था, फिर हैंडपंप में मिलना शुरू हुआ और अब बोतलों में मिलने लगा है।

Ankit Awasthi
WritteN By Ankit AwasthiPublished By Shraddha
Published on: 13 April 2021 6:45 PM IST (Updated on: 16 April 2021 3:35 PM IST)
हवा के बाद सबसे ज्यादा जरूरी है पानी
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इंसान को जीवन में हवा के बाद सबसे ज्यादा जरूरी है पानी फोटो - सोशल मीडिया

इंसान को जीवन में हवा के बाद जो चीज सबसे ज्यादा चाहिए वो पानी है। जब उस पानी की ही कमी होना शुरू हो जाये, उसके लिए जान जाने की नौबत आ जाये, तो क्या लगता है आपको हम किस दिशा में जा रहे हैं ? सबसे बढ़कर हम अपने आने वाले कल को क्या बनाने जा रहे हैं, क्या वो एक सूखा कल नहीं होगा, जिसमे सब एक दूसरे की प्यास को कभी न खत्म होने वाले मुकाम पर लेकर जा रहे हैं, अपने बच्चो के भविष्य के विषय में भी सोचे।

पहले पानी कुओं और तालाबों में मिलता था, फिर हैंडपंप में मिलना शुरू हुआ और अब बोतलों में मिलने लगा है,आपमें से बहुत से लोग कुओं और तालाबों से पानी पीते आये होंगे। मगर आज वो भी बोतल में पीने को मजबूर हैं। पानी पहले कुएं से लिया जाता था और सिचाई के लिए कुंए में मोटर लटकाकर सिचाई की जाती थी, फिर बोरिंग का चलन बढ़ा और ज़मीन से निकालकर पानी का उपयोग शुरू हुआ।

कहाँ गए हमारे कुए और तालाब

पानी के जहरीले होने की वजह आर्सेनिक का हिमालय से बहकर आना और नदी की तलहटी पर मौजूद होना बताया गया है, सैकड़ो वर्षो बाद जब पानी ने रास्ता बदला तो छोड़ी हुयी जगह पर गांव बस गए, पानी की जरुरत पूरी करने के लिए कुंए खोदे गए। जरुरत बढ़ी तो हैंडपंप आये फिर बोरिंग करके ज़मीन के जल का दोहन शुरू हुआ जिसने पानी को ज़हरीला बना दिया।


समस्या तब और बढ़ जाती है, जब हम ये भूल जाते हैं की जल सीमित है, और इसका इस्तेमाल ही नहीं इसकी बचत और इसे वापस ज़मीन में पहुंचाना भी आवश्यक है। तालाबों को हमने ही खत्म कर दिया है, जरा सोच के देखिये अपने आस पास या दूर ही सही कहाँ पर तालाब देखा होगा शायद देखा ही नहीं होगा।

इंसान को जीवन में हवा के बाद सबसे ज्यादा जरूरी है पानी फोटो - सोशल मीडिया

अपने पर्यावरण को हम ऐसे हाल में ले आये है, की पानी के स्त्रोत ही नहीं बचे तो फिर पानी के बचने की तो सम्भावना ही नहीं रह जाती है, ध्यान आज देना शुरू करेंगे तो कल बचा पाएंगे। और हम अपना कल सूखा प्यास से व्याकुल नहीं चाहेंगे बल्कि हराभरा और पानी से लहलहाता हुआ चाहेंगे प्रयास शुरू करे अपने कल और अपने जल को बचाने का आज से अभी से।

पानी काफी सारे पड़ाव पार करके हमारे पास तक पहुंचता है

हम अगर पानी को सिर्फ नल खोलकर आने वाली एक जरुरत की चीज़ मानेंगे, तो कभी ये नहीं जान पाएंगे की वो कितने सारे पड़ाव पार करके हमारे पास पहुंच रहा है, और वो भी आज कल के दौर में बड़ी बात है क्यूंकि बहुत से जिले में गर्मी शुरू होते ही पानी के घनघोर संकट से जूझना शुरू कर चुके होंगे, इस तरफ ध्यान देना शुरू करें। पानी बचा नहीं सकते तो उसे बर्बाद भी न करें, यही बहुत बड़ा सहयोग होगा। बस अब शुरू हो जाये और संचय पर ध्यान देना शुरू कर दें।



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Shraddha

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