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…और फिर कुंभ मेले में लगे मुलायम सिंह यादव के जयकारे

Mulayam Singh Yadav Jayanti: मुलायम सिंह रिश्ते निभाने वाले नेताओं में से रहे हैं। प्रयागराज में कुंभ मेले की तैयारियां जोरों पर हैं। मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन के मौके पर मुझे याद आ रहा है एक वाकया। 2007 का प्रयागराज का अर्धकुंभ मेला चल रहा था।

Ratibhan Tripathi
Published on: 22 Nov 2024 6:19 PM IST (Updated on: 22 Nov 2024 6:29 PM IST)
Photo is of Police Lines helipad where Shri Mulayam Singh Yadav was called for a meeting
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फोटो पुलिस लाइंस हेलीपैड का है जहां श्री मुलायम सिंह यादव ने मुलाकात के लिए बुलाया था: फोटो क्रेडिट: शरद मालवीय

Mulayam Singh Yadav Jayanti: आज 22 नवंबर है। राजनीति में अपने युग के धुरंधर नेता मुलायम सिंह यादव की आज जयंती है। उन्हें कोई समाजवादी माने या जातिवादी लेकिन आज के दौर में समाजवाद शब्द जिसकी गूंज चतुर्दिक है, वह मुलायम सिंह यादव की बदौलत ही है। विचार कभी मरता नहीं, यह अलग अवधारणा है लेकिन जिस रूप में भी सही, उसे गुंजायमान रखने वाला बड़ा होता है। और इस तरह कहा जा सकता है कि पिछले चार दशक से समाजवाद की गूंज-अनुगूंज के अगुवा सिर्फ और सिर्फ मुलायम सिंह यादव रहे हैं।

पहलवान, शिक्षक और फिर दिग्विजयी मुलायम सिंह यादव अपने युग में वक्त को पहचानने वाले चतुर सुजान नेता रहे हैं। उनकी तेजस्विता ने उस दौर के अधिकांश समाजवादी नेताओं को अपने झंडे के नीचे खड़ा कर लिया था। और तो और उनके वैचारिक विरोधी नेता कल्याण सिंह भी उनकी अधीनता जैसी स्थिति में आ गए थे। संघ, विहिप, बजरंग दल और भाजपा के लोग भले ही गला फाड़-फाड़कर उन्हें 'कारसेवकों का हत्यारा' जैसे शब्दों से नवाजते रहे हैं लेकिन यह नेता जी की व्यापकता और राजनीतिक शक्ति ही कही जाएगी कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने मुलायम सिंह यादव को पद्मविभूषण से सम्मानित किया।

फोटो क्रेडिट: शरद मालवीय

रिश्ते निभाने वाले नेताओं में से एक थे मुलायम सिंह यादव

राजधानी लखनऊ के बहुतेरे पत्रकार तो उनके दीवाने लगते थे। पता नहीं मुलायम सिंह ने उन पर कौन सा जादू चला रखा था। मुलायम सिंह रिश्ते निभाने वाले नेताओं में से रहे हैं। प्रयागराज में कुंभ मेले की तैयारियां जोरों पर हैं। मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन के मौके पर मुझे याद आ रहा है एक वाकया। 2007 का प्रयागराज का अर्धकुंभ मेला चल रहा था। मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री थे। वह संगम स्नान के लिए आने वाले थे। साधु-संत कुछ नाराज चल रहे थे। संतों की नाराज़गी की सूचना उन्हें थी। प्रयागराज आगमन वाले दिन सुबह सुबह लखनऊ से मुझे सूचना दी गई कि मुख्यमंत्री जी आपसे मिलना चाहते हैं।

समाजवादी पार्टी के तत्कालीन महानगर अध्यक्ष केके श्रीवास्तव मुझे पुलिस लाइंस हेलीपैड ले गए। हेलीकॉप्टर लैंड किया तो मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव बाहर आए। मैं सामने ही था। वह आगे बढ़े और मेरा हाथ पकड़कर एक किनारे ले गए। पूछा, साधू बाबा लोगों की नाराज़गी क्या है? यह कैसे दूर होगी? मैंने कहा, ये साधु-संत स्वभाव से बड़े सरल होते हैं। जितनी जल्दी नाराज होते हैं, उतनी ही जल्दी प्रसन्न भी हो जाते हैं। कुछ खास बात नहीं है। अखाड़े वालों की कुछ मांगें हैं। सरकार पर दो-चार करोड़ का बोझ पड़ेगा और इतनी रकम सरकार के लिए कोई बड़ी रकम नहीं होती है। बोले, ठीक है। चलिए मेरे साथ। मैंने कहा, मैं किसी साधन से पहुंच जाऊंगा। आप निकलिए।

फोटो क्रेडिट: शरद मालवीय

कुंभ मेला क्षेत्र पहुंच कर मुलायम सिंह यादव ने संगम स्नान और त्रिवेणी पूजन किया। फिर अखाड़ा परिषद के शिविर में पहुंचे। जैसी आशंका थी। कुछ साधु-संत लाल-पीले हो रहे थे। मुलायम सिंह यादव मंच पर पहुंचे। कोई कुछ कहता, इससे पहले ही वह बोल पड़े- आप लोगों की क्या मांगें हैं बताइए। साधु-संत अपनी अपनी अर्जियां लहराने लगे। सबकी अर्जियां मंगा ली गईं। मुलायम सिंह यादव ने सबकी अर्जियां हाथ में लेकर कहा कि मैं आपकी ये सारी मांगें मंजूर करता हूं। जो जिम्मेदार अफसर हैं, सुन लें। जल्दी से जल्दी ये सुविधाएं साधु-संतों को दे दी जाएं। इतना सुनते ही साधु-संत मुलायम सिंह यादव के जयकारे लगाने लगे। उनका गला फूल मालाओं से भर दिया। मैं सामने ही खड़ा था। मुख्यमंत्री जी से मेरी नज़रें मिलीं तो मुस्कुराने लगे। मंत्र काम कर गया था।

फोटो क्रेडिट: शरद मालवीय

वह मंच से नीचे आए तो मेरे अनुजवत और आज के प्रख्यात भजन गायक प्रेम प्रकाश दुबे मेरे में साथ थे। मैंने मुख्यमंत्री जी से उनका परिचय कराते हुए बताया कि इनकी प्रयागराज और संगम पर भजन गीतों की एक सीडी है। सारे भजन अद्भुत राग रागिनी से सराबोर हैं। हर गीत से पहले भूमिका के रूप में स्क्रिप्ट मैंने लिखी है। स्क्रिप्ट को स्वर दिया है हरीश भिमानी ने जो महाभारत सीरियल में बोलते हैं... मैं समय हूं..। इस सीडी का लोकार्पण आपको ही करना है। वह फौरन तैयार हो गए। बोले लाइए कहां है सीडी। प्रेम प्रकाश ने सीडी निकालकर दी। मुख्यमंत्री जी ने उसका वहीं लोकार्पण किया।

फिर बोले- एक भजन सुनवाइए तो प्रेम प्रकाश ने "प्रयाग नगरी बसै संगम के तीरे.." गाया। उन्होंने प्रेम प्रकाश की पीठ ठोंककर साबाशी दी। इसके बाद साधु-संतों का अभिवादन कर आगे बढ़ गए।

( लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं ।)



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Shashi kant gautam

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