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Narendra Modi: नेतृत्व और प्रशासनिक कौशल के असाधारण नायक, विश्वास, भरोसा और गर्व महसूस कराया

Narendra Modi: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 17 सितंबर को जन्मदिन है। इस दिन विश्वकर्मा पूजा भी है। नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री के रूप में 13 साल और प्रधानमंत्री के रूप में 7 साल के नेतृत्व में कड़ी मेहनत तथा नीति निर्माण में नए मानक स्थापित किए हैं।

Rajeev Chandrasekhar
Published on: 16 Sept 2021 7:07 PM IST
An extraordinary hero of leadership and administrative acumen
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: डिजाईन फोटो- न्यूजट्रैक

Narendra Modi: मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद मैं पहली बार अपने राज्य कर्नाटक, जन आशीर्वाद यात्रा के लिए गया था। इस कार्यक्रम के अंतर्गत मैंने 6 जिलों की यात्रा की। मुझे 4 दिनों की इस यात्रा के दौरान सैकड़ों नागरिकों, सामाजिक नेताओं, कार्यकर्ताओं से मिलने का अवसर मिला। पूरी यात्रा के दौरान, मुझे आशीर्वाद और शुभकामनाएं देने वालों की ओर से एक जैसी भावना प्रकट हुई - विश्वास, भरोसा और गर्व, जो लोगों ने अपने प्रधानमंत्री और नेता नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) के लिए महसूस किया था। शिवमोगा के एक किसान ने अपने जीवन को बेहतर बनाने में सरकार के समर्थन के लिए मुझे धन्यवाद दिया। सिरसी में उज्ज्वला योजना( Ujjwala Yojana) की लाभार्थी, एक गृहिणी ने मुझे शुभकामनाएं दीं ।

पूजनीय स्वामीजी से आशीर्वाद प्राप्त करने मैं कई मठों में गया, वहां भी मुझे ऐसी ही भावना देखने को मिली। मैं स्वास्थ्य योद्धाओं और कार्यकर्ताओं को उनकी सेवा के लिए धन्यवाद देने गया था - वे सभी, स्वयं को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) जी के न्यू इंडिया के विज़न में भागीदार के रूप में देख रहे थे। मेरे लिए स्नेह, समर्थन और आशीर्वाद का यह प्रवाह इसलिए भी था, क्योंकि मैं नरेन्द्र मोदी की टीम में शामिल था। ठीक उसी तरह, जैसे इनमें से प्रत्येक अपने आप को प्रधानमंत्री की टीम का हिस्सा मानते थे।

17 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी का जन्मदिन

17 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी का जन्मदिन (PM Modi's birthday on 17th September) है। यह विश्वकर्मा दिवस भी है। नरेन्द्र मोदी के जीवन और सरकार में उनके 20 साल का इससे बेहतर वर्णन नहीं हो सकता। मुख्यमंत्री के रूप में 13 साल और प्रधानमंत्री के रूप में 7 साल के नेतृत्व ने कड़ी मेहनत तथा नीति निर्माण में नए मानक स्थापित किए है। सार्वजनिक जीवन एवं सार्वजनिक सेवा के स्तर को ऊपर उठाया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: डिजाईन फोटो- न्यूजट्रैक

लेकिन भारतीय राजनीति पर उनका प्रभाव इससे कहीं आगे जाता है। उन्होंने हमारे लोकतंत्र के संबंध में स्थायी राजनीतिक वंशवाद, भ्रष्टाचार और यथास्थितिवाद के मिथकों को खत्म कर दिया है। 1947 में आज़ादी मिलने के बाद, आतंकवाद से निपटने समेत कई मुद्दों के लिए नए विज़न के साथ नयी नीतियाँ अपनायी गयीं हैं। उन्होंने प्रत्येक भारतीय के आत्मविश्वास, महत्वाकांक्षा और आकांक्षा को नयी परिभाषा दी है। ये उपलब्धियां आज विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि हम स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का उत्सव मना रहे हैं और भारत के भविष्य का सपना अपनी आँखों में संजोये हैं।

पीएम के रूप में मोदी जी का 7वां साल

यह वर्ष पीएम के रूप में मोदी जी का 7वां साल है। 30 मई 2019 को, उन्हें शानदार और अभूतपूर्व जनादेश मिला था - हाल के इतिहास में किसी भी नेता के लिए सबसे निर्णायक जनादेश तथा लगभग 3 दशकों के बाद एक नेता और राजनीतिक दल को पूर्ण बहुमत की प्राप्ति हुई । पहले 5 वर्षों के शासन का प्रमाण है कि उनकी पार्टी को 61 करोड़ लोगों का लोकप्रिय वोट मिला। निहित स्वार्थों से वशीभूत होकर एक वर्ग द्वारा मोदी जी को झूठ और बदनामी के दुष्प्रचार अभियान का केन्द्रबिन्दु बनाए जाने के बावजूद उन्हें यह जीत मिली थी।

राजनीति और शासन के संबंध में उनका दर्शन एक जैसा रहा है - सभी के लिए समान अवसर की उपलब्धता। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास। अपने दूसरे कार्यकाल के शुरुआती भाषणों में से एक में उन्होंने कहा, "इस नए भारत का दृष्टिकोण महान आध्यात्मिक संत, समाज सुधारक और कवि नारायण गुरु के महान विचारों - जाति-भेदम मत-द्वेशम अदुम इल्लादे सर्वरुम सोदर-त्वैन वादुन्न मातृकस्थान मानित - से प्रेरित है।"

यानी आदर्श स्थान वह है जहां लोग जाति और धर्म के भेदभाव से मुक्त होकर भाइयों की तरह रहें।नए भारत की इस राह पर, ग्रामीण भारत मजबूत होगा और शहरी भारत भी सशक्त होगा। नए भारत की इस राह पर उद्यमी भारत नई ऊंचाइयों को छुएगा और युवा भारत के सपने भी पूरे होंगे।नए भारत की इस राह पर सभी व्यवस्थाएं पारदर्शी होंगी और ईमानदार देशवासियों की प्रतिष्ठा और बढ़ेगी।

दूरदर्शिता और अथक परिश्रम

नए भारत की इस राह परव 21वीं सदी के बुनियादी ढांचे का निर्माण होगा और एक शक्तिशाली भारत के निर्माण के लिए सभी संसाधन जुटाए जायेंगे। नरेन्द्र मोदी ने इन सात सालों में वह सब कर दिखाया है, जो ज्यादातर सरकारें दशकों तक नहीं कर पाईं। वित्तीय क्षेत्र को साफ-सुथरा बनाने से लेकर सभी के लिए आर्थिक अवसरों का विस्तार, राष्ट्रीय सुरक्षा, रिकॉर्ड उच्च निवेश, प्रौद्योगिकी, धारा 370 को निष्प्रभावी, लद्दाख का नया राज्य, नागरिक संशोधन अधिनियम, राम मंदिर का सौहार्दपूर्ण समाधान आदि। हम सभी के पास उनका आभारी होने के लिए बहुत कुछ है।लेकिन कोविड महामारी के इन पिछले 18 महीनों के दौरान उनके नेतृत्व, दूरदर्शिता और अथक परिश्रम के लिए हम वाकई उनके आभारी हैं।

पूरे कोरोना संकट के दौरान, श्री मोदी का नेतृत्व और प्रशासनिक कौशल पूरे दमखम के साथ नजर आया। उन्होंने इस वायरस से लड़ने और इस पर काबू पाने के उद्देश्य से देश के सामूहिक संकल्प का निर्माण करने के लिए प्रत्येक नागरिक को एकजुट किया। इस लॉकडाउन की कठिन अवधि के दौरान शांति के साथ सभी 1.4 बिलियन भारतीयों का नेतृत्व किया। जब कोविड महामारी ने हम पर हमला किया, तब हमारे पास पीपीई किट की उत्पादन की क्षमता बहुत ही कम या नहीं थीं।

अस्पतालों और आईसीयू बिस्तरों की संख्या सीमित थी। विभिन्न राज्यों में स्वास्थ्य संबंधी देखभाल की क्षमता खराब थी। फार्मा, टीका, उपकरण और स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मचारियों के मामले में कई सीमाएं थीं। इन सब वास्तविक चुनौतियां के साथ-साथ, प्रधानमंत्री मोदी को हमारी उत्तरी सीमाओं पर चीन के शत्रुतापूर्ण व्यवहार और पाकिस्तान द्वारा जारी आतंक और निश्चित रूप से भारत के उन राजनेताओं और कुछ राज्यों के अयोग्य और या गैरजिम्मेदार मुख्यमंत्रियों, जो कोविड-19 महामारी के लिए कार्य करने की बजाय, इस परिस्थिति को एक राजनीतिक अवसर के रूप में देख रहे थे, से भी निपटना पड़ा।

महामारी के दौरान पूरी निडरता के साथ हमें आगे बढ़ाया

लेकिन इन सबके बीच उन्होंने पूरी निडरता के साथ हमें आगे बढ़ाया। इस पूरे दौर में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किया गया व्यक्तिगत प्रयास अति-मानवीय था। यह कई बार किसी भी सामान्य व्यक्ति के लिए थका देने लायक था। जब वैज्ञानिक और विशेषज्ञ इस महामारी के कारण, असर और समाधान को समझने के लिए जूझ रहे थे, उस दौर में प्रधानमंत्री द्वारा महामारी से निपटने के तरीकों को निर्धारित करने की चुनौतियों को भी कम करके नहीं आंका जा सकता।

इस महामारी के दौरान भारत की सुदृढ़ स्थिति के साथ-साथ एकदम सटीक ढंग से मुश्किलों से निपटने में मिली अभूतपूर्व कामयाबी भी दरअसल नरेन्‍द्र मोदी द्वारा अपने पहले कार्यकाल में लिए गए अनगिनत दूरदर्शी निर्णयों से ही संभव हो पाई है , जो उनकी दूरदर्शिता का स्पष्ट प्रमाण है। महामारी से सबसे अधिक प्रभावित गरीब और कमजोर लोगों को बड़ी तेजी से वित्तीय राहत प्रदान की गई जो दरअसल 'जन धन योजना (जेडीवाई)' के जरिए प्रत्येक भारतीय का बैंक खाता खोलने संबंधी नरेन्‍द्र मोदी के निर्णय से ही संभव हो पाई। जेडीवाई, पीएम गरीब कल्याण योजना, पीडीएस और पीएम किसान ने बिना किसी लीकेज के सरकार द्वारा सीधे ग्रामीणों, किसानों और गरीबों को आर्थिक रूप से आवश्‍यक सहारा देना सुनिश्चित किया है।

डिजिटल इंडिया ने करोड़ों लोगों को सूचनाओं से जुड़े रहने में मदद की। इसके साथ ही कारोबारियों को दूर रहकर भी अपना काम जारी रखने में मदद की। इस महामारी के दौरान रसोई गैस सिलेंडरों के लिए उज्ज्वला, जन औषधि योजना और पीएम आयुष्मान जैसी योजनाएं आम लोगों के लिए बड़ी मदद के रूप में सामने आईं। प्रधानमंत्री मोदी के अत्‍यंत मजबूत नेतृत्व से ही यह सुनिश्चित हो पाया है कि भारत ने इस महामारी से उत्‍पन्‍न विकट स्थिति को काफी अच्‍छी तरह से संभाला है। अधिकतर अन्य देशों यहां तक कि अपेक्षाकृत ज्‍यादा विकसित देशों की तुलना में भी भारत में महामारी से यथासंभव बेहद कम लोगों की मौत हुई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: डिजाईन फोटो- न्यूजट्रैक

प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व और दूरदृष्टि

जैसा कि हमने पिछले 18 महीनों में देखा है, भारत को इस मुश्किल समय से पार पाने के लिए एक सक्षम मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता थी। खुशकिस्मती से हमारे पास अपने राष्ट्रीय संकल्प के लिए तथा कोविड के खिलाफ लड़ाई में अहम पड़ाव हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व और दूरदृष्टि थी। इस अहम पड़ाव के तहत हमने हाल ही में 13 सितंबर को टीकाकरण अभियान के तहत 75 करोड़ खुराक देने की महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की।

कोविड के बाद दुनिया में बड़े पैमाने पर बदलाव हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के नेतृत्व में भारत भी अपने भविष्य को लेकर ज्यादा मजबूत, आत्मविश्वास से भरपूर और महत्वाकांक्षी बनकर उभर रहा है। यह प्रधानमंत्री की इस समय को भारत का समय मानने की मजबूत धारणा से ही प्रेरित हो रहा है। जैसा कि उन्होंने इस साल 15 अगस्त को कहा, 'यही समय है, यही समय है।' यानी यह हमारा समय है। यह हमारा समय है।

यह वह वर्ष भी है जब मैंने सार्वजनिक सेवा के 15 वर्ष पूरे किए। मैं इसे एक बड़ा सम्मान और विशेषाधिकार मानता हूं कि मुझे प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सेवा करने का अवसर मिला ।मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारे देश और हमारे सभी लोगों के अपरिवर्तनीय और निरंतर उत्थान का साक्षी रहा हूं।

सभी भारतीयों के लिए प्रधानमंत्री मोदी का जन्मदिन मनाने का सबसे अच्छा तरीका होगा कि वे सभी के लिए एक मजबूत, समृद्ध भारत के उनके सपने पर विश्वास करें और उसे पूरा करने के लिए काम करें। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास। इस दिन मैं उनके आने वाले वर्षों में अच्छे स्वास्थ्य और हमारी मातृभूमि की सेवा की कामना करता हूं।

(लेखक केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री हैं।)

Shashi kant gautam

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