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पुष्कर के उत्तराखंड में अब तीन गंगा बहती है
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नेक नियत व नेक नीति से राज्य के विकास को चारचांद लगाए हैं l कहावत भी कही गयी है जैसी जिसकी नियत वैसी उसकी बरकत l धामी को मुख्यमंत्री बने अभी 2 वर्ष भी पूरे नहीं हुए हैं ।
पहली गंगा सुरसरि यानी देवलोक की जो परमपिता परमेश्वर श्री हरि के श्री चरणकमलों से निकल भगवान भोलेनाथ की जटाओं में आयी । फिर महात्मा भगीरथ की तपस्या से पृथ्वी लोक पर आयी l दूसरी गंगा हरि की कथा है जो संतों के श्री मुख से हम सभी को सुनने का सौभाग्य दे रही है l श्रीराम चरित मानस की चोपाई,भगवान शिव मां पार्वती को राम कथा सुनाते हुए कहते हैं ‘पूछव रघुपति कथा प्रसंगा सकल लोक जग पावनी गंगा l’ तीसरी गंगा उत्तराखंड में विकास की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी निरन्तर बहा रहे हैं l उत्तराखण्ड राज्य आगामी 25 मई को देश के उन पांच राज्यों में शामिल हो जाएगा जहां से भारत की सबसे आधुनिक रेल वन्दे भारत चलनी तय मानी जा रही है l देश के विज़नरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वन्दे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखा कर रवाना करेंगे । मुख्यमंत्री धामी ने ट्विटर पर प्रधानमंत्री का हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए इसे उत्तराखंड के विकास में गैमचेंजर बताया है l
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नेक नियत व नेक नीति से राज्य के विकास को चारचांद लगाए हैं l कहावत भी कही गयी है जैसी जिसकी नियत वैसी उसकी बरकत l धामी को मुख्यमंत्री बने अभी 2 वर्ष भी पूरे नहीं हुए हैं । लेकिन उनके नेतृत्व में चल रही सरकार के कामों की तारीफ स्वयं प्रधानमंत्री तक अनेक अवसरों पर करते आए हैं l अति सरल संवेदशील सहजता से भरे युवा मुख्यमंत्री पुष्कर धामी एक सुगंधित पुष्प की भांति सबके प्रिय बन गए हैं l केन्द्र सरकार से लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष नेतृत्व की भी पसंद वाले नेताओं की श्रेणी में धामी टॉप पर है l उत्तराखण्ड के लोगों के इतने चेहेते हैं कि यह जानना मुश्किल है कब कौन नेता जनता का इतना प्रिय था l मुख्यमंत्री पुष्कर कह्ते है कि उत्तराखंड को गौरवान्वित करने के कोई कसर बाकी नहीं रखूंगा l उत्तराखण्ड प्रदेश को देश का नंबर एक राज्य बनाना ही मेरा एक मात्र मकसद है l जैसे सेना में उत्तराखण्ड के लोगों का अविस्मरणीय योगदान है । वैसे ही देश के विकास में हो हमेशा यादगार रहे ऐसी नीतियां बना कर मेरी सरकार निरन्तर कार्यरत है l उत्तराखंड में जहां सैलानियों का आना प्रति वर्ष बढ रहा है । वैसे ही यहां का विकास भी दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है l
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सिपाही हूँ। अतः मातृभूमि के प्रति सर्वस्व न्यौछावर करने का महान मंत्र याद रखता हूं उसी मंत्र के अनुसार उत्तराखंड की जनता की सेवा करता रहता हूं l प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी राजनीति में मेरे मार्गदर्शक हैं। देश सेवा का जज्बा मोदी जी से सीखा है l ज़न ज़न की सेवा करते हुए मस्त हाथी की चाल चलते रहो जिनको भौंकना है वे भौंकते रहें। उनकी बिल्कुल परवाह नहीं कर्त्ता हूँ। क्योंकि भलीभांति जनता हूँ हवा का काम है चलना दीये का काम है जलना । वो अपना काम करती हैं मै अपना काम करता हूँ l अभी तक के उनके कार्यकाल पर दृष्टि डालें तो यही पता लगता है कि वे अपना काम बहुत ही शालीन तरीके से करते हैं। जो भी काम करते हैं ठोस योजना बनाकर ही करते हैं l धरातल पर मुख्यमंत्री धामी के कार्य सफ़लतापूर्वक क्रियान्वित हुए हैं और हो रहे हैं l जल,थल, नभ सभी और धामी सरकार निरन्तर विकास कार्यो को सफ़लतापूर्वक आगे बढ़ा रहीं हैं l हवाई यात्रा को और सुगम बनाने व लिए हवाई अड्डो का विस्तार व निर्माण प्रगति पर है l सड़क मार्ग की बात करें। तो उत्तराखण्ड का ड्रीम प्रोजेक्ट दिल्ली देहरादून हाईवे का कार्य पूरा होने जा रहा है l इसके पूरा होते ही देश की राजधानी नयी दिल्ली से मात्र 3 घंटे में या अधिकतम साढ़े तीन घंटे में प्रदेश की राजधानी देहरादून आया जाया जा सकेगा । यानी आप सुबह का नाश्ता दिल्ली में करें । दोपहर का भोजन देहरादून में और फिर रात का भोजन दिल्ली में कर सकेंगे l देश की राजधानी नई दिल्ली से नजदीकी का लाभ प्रदेश के तेजी से विकास में मील का पत्थर साबित होगा इसमे कोई संदेह नहीं है lनई दिल्ली विकास की जननी है l देश के प्रधानमंत्री का साथ सहयोग व आशिर्वाद हो तो विकास छलांग लगाता है l उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर प्रधानमंत्री मोदी जी का विशेष आशिर्वाद है ।उनकी केंद्र सरकार का दिल खोलकर साथ व सहयोग हैं l
जैसे मैदान और पहाड़ में बहुत अन्तर होता है । वैसे ही वहां की चुनौतियाँ भी भिन्न होती हैं। मौसम की चुनौतियां वो अलग से पहाड़ पर धूप छाव की तरह आती जाती रहती हैं। आप ऊपर की और जा रहे हैं तो पहाड़ पर और नीचे की और आ रहे होते है । तो प्लेन में आ रहे है l ठीक वैसे ही जैसे उपर यानि पहाड़ पर चढ़ने में प्लेन यानि मैदान में उतरने पर समय में बहुत अन्तर होता है । वैसे ही पहाड़ पर विकास करने में मैदानी क्षेत्रों की अपेक्षा बहुत अधिक समय, संसाधन व परिश्रम लगता है l उदाहारण पहाड़ पर महल बनाने में जितना समय, धन व मेहनत लगती है उतने में मैदान में ताजमहल बन जाता है l कुम्भ मेले के बारे मे हम सभी भलीभांति जानते हैं l 12 वर्ष में एक बार पूर्ण कुम्भ पड़ता है और 6 वर्ष में अर्ध कुम्भ आता है l कुम्भ मेला भारत में चार स्थानों पर ही होता है l हरिद्वार उत्तराखण्ड, प्रयागराज उत्तर प्रदेश व नासिक महाराष्ट्र इन चारों स्थानों पर हिन्दूधर्म की मान्यतानुसार समुद्र मन्थन के समय निकले अमृत की बूंदे गिरी थी l इस एतिहासिक मेले को निर्विघ्नम सम्पन्न कराने के लिए राज्य सरकारों को पूर्व से ही कड़ी मेहनत करनी पड़ती है l
केंद्र सरकार भी आवश्यकतानुसार प्रदेश सरकारों की यथासंभव मदद करती है उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में कुम्भ मेला तो अपनी बारी से वर्षो में एक बार ही अन्य प्रांतों की भांति आता है । लेकिन चारधाम यात्रा तो प्रति वर्ष होती है । जो कुम्भ मेले की भांति ही सुरक्षित कराने के लिए राज्य सरकार को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है l यात्रा सुगम व सुरक्षित हो इसबात का विशेष ध्यान रखा जाता है l गौरतलब य़ह है कि उत्तराखंड में तो प्रतिवर्ष कुम्भ मेले जैसी ही चाक-चौबंद व्यवस्था करनी होती है l कुम्भ वाले साल तो कुम्भ मेले के साथ-साथ चारधाम यात्रा की भी तैयारी करनी होती है l कहना लिखना-पढ़ना इसके बारे में जितना आसान है उतना ही कठिन है इसको सकुशल सम्पन्न कराना l विकास की बात हो, कानून व्यवस्था को 100 प्रतिशत बनाये रखने की बात हो, महिला की उन्नति उनकी सुरक्षा, नौजवानों को रोजगार, किसानों की ख़ुशहाली व पहाड़ की जवानी और पहाड़ के पानी के पलायन को रोकने के वादे हों आदि की व्यवस्था रखेंगे । करेंगे की बात तो हर सरकार करती आयी है । लेकिन उनकी नियत में खोट था जो साफ साफ दिखता है l बीजेपी को छोड़ यहां कांग्रेस की सरकारे भी रहीं हैं l