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NIRF: क्या है एनआईआरएफ और कैसे करता है रैंकिंग, जानें उत्तर प्रदेश के संस्थानों की स्थिति
एनआईआरएफ 2015 में अस्तित्व में आया और प्रति वर्ष 2016 से यह भारत के शैक्षिक संस्थानों की रैंकिंग करने का कार्य करता है।
डॉ. आकांक्षा सिंह
असिस्टेंट प्रोफेसर शिक्षाशास्त्र विभाग, इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय, प्रयागराज
एनआईआरएफ 2015 में अस्तित्व में आया और प्रति वर्ष 2016 से यह भारत के शैक्षिक संस्थानों की रैंकिंग करने का कार्य करता है। इस वर्ष 2021 में इसके द्वारा छठीं बार रिपोर्ट दी गयी है। इसकी रैंकिंग में संस्थाएं स्वयं पूछी गयी सूचनायें प्रदान करती हैं और उनके आधार पर उस संस्था की रैंक निकाली जाती है। यहां यह समझने की बात है कि एनआईआरएफ देश के संस्थानों को यह समझाने में मदद करता है कि वह अपनी श्रेणी के संस्थानों में किस तरह का प्रदर्शन कर रहे हैं।
एनआईआरएफ अलग अलग प्रकार के संस्थानों की अलग रैंकिंग भी जारी करता है और एक ओवर आल रैंकिंग भी जारी करता है। क्योंकि हर संस्थान जैसे विश्वविद्यालय, कॉलेज, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फार्मेसी, मेडिकल, लॉ, आर्किटेक्चर, डेंटल एवं रिसर्च स्वयं में अलग अलग सेक्टर की आवश्यकता के अनुरूप कार्य करते हैं और उनकी रैंकिंग उनकी श्रेणी के अंतर्गत होती है।
ओवरआल पैरामीटर में शिक्षण, अधिगम संसाधन, अनुसंधान और व्यावसायिक अभ्यास, स्नातक परिणाम, आउटरीच और समावेशिता और सामाजिक धारणा के आधार पर स्कोर प्रदान किये जाते हैं। इन पैरामीटर के अंतर्गत छात्र संख्या, स्थायी संकाय सदस्य व संकाय-छात्र अनुपात, संकाय सदस्यों का अनुभव व पीएचडी उपाधि तथा वित्तीय संसाधन और उनका उपयोग देखा जाता है। इसके अलावा प्रकाशन, प्रकाशनों की गुणवत्ता, पेटेंट और परियोजनाओं और व्यावसायिक अभ्यास पक्ष को भी देखा जाता है। अन्य राज्यों/देशों के छात्रों का प्रतिशत, महिलाओं का प्रतिशत, आर्थिक और सामाजिक रूप से विकलांग छात्र, शारीरिक रूप से विकलांग छात्रों के लिए सुविधाएं एवं संस्थान के बारे में अन्य साथियों की क्या धारणा है इन सब के आधार पर रैंक निर्धारित की जाती है।
ओवर आल रैंकिंग में उन संस्थान को ही रैंक किया गया है जहां पर स्नातक एवं परा स्नातक कार्यक्रमों में कम से कम 1000 छात्र पढ़ रहे हों। जहां पर 1000 से कम छात्र संख्या है उनको अपने डिसिप्लिन में ही रैंक प्रदान की गयी है। मुक्त विश्वविद्यालय और संबद्ध विश्वविद्यालय की रैंकिंग के लिए विचार नहीं किया जाता। हालांकि, अगर इन विश्वविद्यालयों का अपना शिक्षण या अनुसंधान परिसर होता है तो वह केवल अपने भौतिक परिसरों से संबंधित डेटा के साथ भाग ले सकते हैं।
एनआईआरएफ पोर्टल पर संस्थानों को स्वयं अपनी सूचनायें प्रदान करनी होती हैं। इस वर्ष उत्तर प्रदेश से केवल 69 संस्थान ने स्वयं को ओवर आल श्रेणी में एनआईआरएफ पोर्टल पर रजिस्टर करवाया था और 27 कॉलेज ने स्वयं को रजिस्टर करवाया था। इंजीनियरिंग में 73 संस्थान, मैनेजमेंट में 60 संस्थान, फार्मेसी में 30 संस्थान ने उत्तर प्रदेश से स्वयं को रजिस्टर करवाया था। यहां पर सारणी के माध्यम से केवल उत्तर प्रदेश के विभिन्न श्रेणियों में संस्थानों की रैंकिंग को दिखाया गया है।
(यह लेखिका के निजी विचार हैं)