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Punjab: पंजाब का असली कैप्टन

Punjab: भैया अपने सिद्धू साहब जब खिलाड़ी रहे तो बहुत जिद्दी रहे। लेकिन जब गुरु गुस्सा हो जाते थे तो फिर गुस्सा ही रहते थे।

Nitendra Verma
Written By Nitendra VermaPublished By Chitra Singh
Published on: 8 July 2021 9:17 AM IST
Nitendra Verma
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नितेंन्द्र वर्मा 

Punjab: भैया अपने सिद्धू साहब (Navjot Singh Sidhu) जब खिलाड़ी रहे तो बहुत जिद्दी रहे। ठान लेते थे तो ऐसा धोते थे कि सामने वाला भी सोचता होगा कि घर भर के कपड़े गुरु ही धोते होंगे। ओपनिंग किया करते थे। मतलब लीडरपने के गुण तभी से थे । लेकिन जब गुरु गुस्सा हो जाते थे तो फिर गुस्सा ही हो जाते थे। एक बार ऐसा गुस्सा गये कि क्रिकेट से सन्यास ही ले डाले। बस तभी से क्रिकेट के मैदान सूने पड़े हैं ।

चुप ये तब भी नहीं बैठे। इसके बाद तो दुनिया को इनके अनोखे टैलेंट का पता चला । दुनिया हैरान थी कि दूसरों के चुटकुलों पे हंसके भी पैसा कमाया जा सकता है। मतलब हॅंस-हँस के ऐसा छापा है कि नोट वाली मशीन भी क्या छापती होगी। ये सालों साल हँसते तो रहे लेकिन कुछ कमी थी। बस पॉलिटिक्स में कूद पड़े।

इत्ते साल हो गए, लेकिन गुस्सा करना अब भी नहीं छोड़े। जब से पंजाब में कैप्टन सरकार (Captain Sarkar) बनी है तभी से मुँह फुलाए हैं। कैप्टन बनने का इनका सपना तभी से था, जब ये क्रिकेट खेला करते थे। ये बात और है कि मौका नहीं मिल पाया। मौके की किस्मत ही खराब थी। लेकिन बदकिस्मती देखिये कि वहां तो बन नहीं पाए और यहां भी मौका मिला तो कैप्टन को कैप्टन बना दिए। खांग्रेस आलाकमान नाम से धोखा खा गया ।

आजकल कुछ ज्यादा ही गुस्सा हैं। गुस्से गुस्से में दिल्ली पहुँच गये। लेकिन राउल भैया आजकल बहुत बिजी हैं सो बोल दिए कि हम तो बुलाये नहीं । सिद्धू जी लगा कि ये तो बेइज्जती हो रही है तो प्रियंका मैडम से ही मिल के काम चलाये । हालांकि बाद में राउल भैया भी सोचे कि मिल लिया जाये वरना जनता सोचेगी कि बिना चुनाव के भी व्यस्त हैं ।

सिद्धू जी खांग्रेस आलाकमान से भी मिले । खूब फील्डिंग सजाई । ऐसा थोड़े है कि फील्डिंग सजाना केवल कैप्टन ही जानता है । उनकी फील्डिंग में असली कैप्टन फंस गए । सिद्धू साहब के जाते ही उनका भी बुलावा 10 जनपथ से आ गया । पेंच कसे गये तो बोले आलाकमान की हर बात सिर माथे पर । लेकिन पेंच फँसा भी गये । बोले सिद्धू साहब के बारे में कुछ नहीं जानते ।

अब अपने सिद्धू साहब ने तो पूरा गेम पालन तैयार कर लिया है । बहुत जल्द साफ़ हो जायेगा कि आखिर असली कैप्टन है कौन । बाकी भैया अपना काम है चिकोटी काटना सो काट ली । आप भी बेझिझक बेहिचक मजा लीजिये इस चिकोटी का...

नोट- यह एक व्यंग्य आधारित लेख है। इस लेख का मकसद किसी भी रूप में किसी व्यक्ति, जाति, धर्म, सम्प्रदाय, स्थान या पद की छवि खराब करना नहीं है । न ही इसका कोई राजनीतिक मन्तव्य है ।

Chitra Singh

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