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फर्जी IPS: फोन पर DCP ट्रैफिक से चालान निरस्त करने का बनाया दवाब, पकड़ा गया

Nitendra Verma Ki Chikoti: हुआ यूं कि यहाँ कि एक युवती की स्कूटी का चालान हो गया । ना भैया चिंता की कउनो बात नहीं है । अरे जब सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का ।

Nitendra Verma
Written By Nitendra VermaPublished By Monika
Published on: 20 Aug 2021 9:37 AM GMT (Updated on: 20 Aug 2021 9:39 AM GMT)
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नितेन्द्र वर्मा (फोटो : Newstrack)

Nitendra Verma Ki Chikoti: भैया मोहब्बत जो न कराये सो कम है । कोई चाँद तारे तोड़ लाता है तो कोई आसमान जमीन पे ले आता है । लेकिन जो मामला हम आपको बताने जा रहे हैं वो एकदम अलहदा टाइप का है ।

हाँ तो भैया मामला है अपने कानपुर का । तो हुआ यूं कि यहाँ कि एक युवती की स्कूटी का चालान हो गया । ना भैया चिंता की कउनो बात नहीं है । अरे जब सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का । औ यहाँ तो ये ठहरे कोतवालों के कोतवाल । बस साहब सीधे ट्रैफिक वाले बड़े साहेब को फोन घुमा दिए ।

असल में साहब IPS अफसर थे । IPS भी अईसे वइसे वाले नहीं । यूँ समझिये कि जईसे RAW वाले होते हैं ना एकदम वैसे वाले । सो डायरेक्ट बोल दिए कि मैडम का चालान कैंसल कराइए । ट्रैफिक वाले साहेब सोचे कि इसी बहाने थोड़ा मेलजोल बढ़ा लिया जाये । बैच वैच पूछ बैठे । इत्ते में IPS महोदय लड़खड़ा गये । लेकिन साहेब भी एकदम फुर्सत में बइठे थे । बोले आइये आराम से ऑफिस में चाय की चुस्कियां लेते हुए बात करते हैं ।

IPS महोदय बोले चाय पीते ही नहीं । बाकी सीक्रेट मिशन में अभी अभी लौटे हैं और पैर में गोली घुसी है सो आ न पाएंगे । इतना सुनना था कि साहब एकदम चिंतित हो उठे । तत्काल उनका पता नोट किये और अपने आदमी को गुलदस्ते के साथ भेज दिए । गुलदस्ता तो बताए पते पे पहुँच गया लेकिन अफसर महोदय का अता पता न चला । साहब की चिंता की लकीरें और लम्बी हो गईं । तत्काल क्राइम ब्रांच को काम पे लगा दिए ।

घर पर सीधे मारा छापा

क्राइम ब्रांच वाले भी खाली बइठे थे । पता ठिकाना ठूँढ के डायरेक्ट छापा मार दिए । अफसर महोदय सकपका गये । पहले तो खूब कलक्टरगंज झाड़े । पोल खुली तो पता चला कि ये तो फर्जी वाले IPS हैं । मल्लब एक फर्जी IPS अफसर को असली IPS अफसर को फोन करना महंगा पड़ गया ।

औ मजे की बात बताएं । ये महोदय फर्जी IPS अफसर होने के अलावा बाकायदा सरकारी मास्टर भी हैं । वाकई बहुत पहुंची चीज हैं ये । एक और बात । ये इससे पहले भी फर्जीवाड़े में अंदर जा चुके हैं । तब मास्टर साहब फर्जी IRS अफसर हुआ करते थे । फ़िलहाल उस केस में जमानत पर चल रहे हैं ।

तो भैया पूरी कहानी का सार ये है कि चालान कैंसल कराने के लिए कभी IPS अफसर को फ़ोन न करें । काहे से कि अफसर को कहीं आपकी चिंता हो गई तो बन बनाया खेल बिगड़ सकता है।

(यह एक व्यंग्य लेख है । इसका मकसद किसी भी रूप में किसी व्यक्ति, जाति, धर्म, सम्प्रदाय, स्थान या पद की छवि खराब करना नहीं है । न ही इसका कोई राजनीतिक मन्तव्य है ।)

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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