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महंगाई को मिला तरक्की का ज्ञान, गैस सिलेंडर ने फिर मारी छलांग

Nitendra Verma ki Chikoti: जबसे ये ज्ञान महंगाई को प्राप्त हुआ है तबसे आम आदमी की तरक्की थम गई है । अब देखिये ना ये गैस सिलिंडर फिर छलांग मार गया । अबकी बार डायरेक्ट पच्चीस रूपये ।

Nitendra Verma
Written By Nitendra VermaPublished By Monika
Published on: 2 Sep 2021 2:47 AM GMT
Nitendra Verma
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नितेन्द्र वर्मा   

Nitendra Verma ki Chikoti: जीवन में तरक्की करने के लिए सबसे जरूरी है चलते रहना, बढ़ते रहना । इधर आपके कदम थमे उधर तरक्की रुकी । भैया बाकी सब तो ठीक है लेकिन जबसे ये ज्ञान महंगाई को प्राप्त हुआ है तबसे आम आदमी की तरक्की थम गई है । अब देखिये ना ये गैस सिलिंडर फिर छलांग मार गया । अबकी बार डायरेक्ट पच्चीस रूपये ।

लेकिन भैया इसको महंगाई समझने की गलती गलती से भी न करियेगा । असल में यही तो वो विकास है जिसे आम आदमी ढूँढने में लगा है । पेट्रोल तो शतक मार ही चुका है । सरसों का तेल भी काहे पीछे रहे । बेचारा बैठे बिठाये हीन भावना का शिकार हुआ जा रहा था । जब महंगा हुआ तब जाके कहीं ऑक्सीजन लेवल नॉर्मल हुआ है ।

तो मल्लब मोटा मोटा ये समझिये कि अब एक सिलिंडर 900 के पार सफलतापूर्वक पहुँच चुका है । बस एक बार 1000 छू ले तो लगे हाथ धन्यवाद भी दे दिया जाये । इसी बहाने गंगा स्नान भी हो जायेगा । सब्सिडी की तो बात ही न करिये । कीमतें क्या बढ़नी शुरू हुईं पीठ ही दिखा दी । अब भैया या तो हमाई गणित कमजोर है या फिर फार्मूले में कोई तकनीकी समस्या है । खुद ही देखिये जैसे जैसे गैस की कीमत बढ़ रही है उससे ज्यादा रफ़्तार से सब्सिडी घट रही है ।

गैस की महंगाई ने बदला खाने का स्वाद

यही हालत रहे तो यकीन जानिए एक दिन वो भी आएगा जब सब्सिडी मिलेगी नहीं उल्टे चुकानी पड़ेगी । अच्छा जबसे गैस महंगी हुई है तबसे खाने का स्वाद भी बढ़ गया है । ऐसा लगता है कि एकदम रेस्टोरेंट का खाना खा रहे हैं । मल्लब कुछ साल पहले जितने में रेस्टोरेंट में खा लिया करते थे अब उतने घर में खा पाते हैं ।

इधर सिलिंडर भी खूब एटीट्यूड दिखा रहा है । गलती से भी नजरें टेढ़ी हो गईं तो एकदम ऐंठने लगता है । हमाये पड़ोसी शर्मा जी तो नहा धोके सबसे पहिले सिलिंडर की ही पूजा अर्चना करते हैं । हम सबको उनका शुक्रगुजार होना चाहिए वरना गैस तो कब की 1000 पार हो गई होती । वैसे ये टुकड़े टुकड़े में बढ़ाने के बजाय डायरेक्ट छक्का काहे नहीं मारते । कायदे से तो जनता की डिमांड होनी चाहिए - अबकी बार हजार पार ।

पेट्रोल 100 पार तो गैस 1000 पार

ये सब देख सुन के ही मन कुलांचे भरने लगता है । एकदम प्राउड वाली फीलिंग आने लगती है । इधर पेट्रोल 100 पार तो गैस 1000 पार । वाह!!!

तो भैया हम जश्न की पूरी तैयारी कर रखे हैं । तुम बस 1000 पे पहुँचों । फिर तो पार्टी होगी आलनाईट । फिर चाहे ऑन्टी पुलिस बुलाएँ या आर्मी । आप लोग भी रेडी रहिये । चिंता न करिये बस थोड़ा सावधान रहिएगा काहे से तरक्की बहुत रफ्तार से चल रही है ।

तो आज की हमाई चिकोटी यहीं समाप्त । आपको पसन्द आयी हो तो फौरन share कर दें । चलते हैं...

Disclaimer: यह एक व्यंग्य आधारित लेख है । इसका मकसद किसी भी रूप में किसी व्यक्ति, जाति, धर्म, सम्प्रदाय, स्थान या पद की छवि खराब करना नहीं है । न ही इसका कोई राजनीतिक मन्तव्य है ।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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