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महंगाई को मिला तरक्की का ज्ञान, गैस सिलेंडर ने फिर मारी छलांग
Nitendra Verma ki Chikoti: जबसे ये ज्ञान महंगाई को प्राप्त हुआ है तबसे आम आदमी की तरक्की थम गई है । अब देखिये ना ये गैस सिलिंडर फिर छलांग मार गया । अबकी बार डायरेक्ट पच्चीस रूपये ।
Nitendra Verma ki Chikoti: जीवन में तरक्की करने के लिए सबसे जरूरी है चलते रहना, बढ़ते रहना । इधर आपके कदम थमे उधर तरक्की रुकी । भैया बाकी सब तो ठीक है लेकिन जबसे ये ज्ञान महंगाई को प्राप्त हुआ है तबसे आम आदमी की तरक्की थम गई है । अब देखिये ना ये गैस सिलिंडर फिर छलांग मार गया । अबकी बार डायरेक्ट पच्चीस रूपये ।
लेकिन भैया इसको महंगाई समझने की गलती गलती से भी न करियेगा । असल में यही तो वो विकास है जिसे आम आदमी ढूँढने में लगा है । पेट्रोल तो शतक मार ही चुका है । सरसों का तेल भी काहे पीछे रहे । बेचारा बैठे बिठाये हीन भावना का शिकार हुआ जा रहा था । जब महंगा हुआ तब जाके कहीं ऑक्सीजन लेवल नॉर्मल हुआ है ।
तो मल्लब मोटा मोटा ये समझिये कि अब एक सिलिंडर 900 के पार सफलतापूर्वक पहुँच चुका है । बस एक बार 1000 छू ले तो लगे हाथ धन्यवाद भी दे दिया जाये । इसी बहाने गंगा स्नान भी हो जायेगा । सब्सिडी की तो बात ही न करिये । कीमतें क्या बढ़नी शुरू हुईं पीठ ही दिखा दी । अब भैया या तो हमाई गणित कमजोर है या फिर फार्मूले में कोई तकनीकी समस्या है । खुद ही देखिये जैसे जैसे गैस की कीमत बढ़ रही है उससे ज्यादा रफ़्तार से सब्सिडी घट रही है ।
गैस की महंगाई ने बदला खाने का स्वाद
यही हालत रहे तो यकीन जानिए एक दिन वो भी आएगा जब सब्सिडी मिलेगी नहीं उल्टे चुकानी पड़ेगी । अच्छा जबसे गैस महंगी हुई है तबसे खाने का स्वाद भी बढ़ गया है । ऐसा लगता है कि एकदम रेस्टोरेंट का खाना खा रहे हैं । मल्लब कुछ साल पहले जितने में रेस्टोरेंट में खा लिया करते थे अब उतने घर में खा पाते हैं ।
इधर सिलिंडर भी खूब एटीट्यूड दिखा रहा है । गलती से भी नजरें टेढ़ी हो गईं तो एकदम ऐंठने लगता है । हमाये पड़ोसी शर्मा जी तो नहा धोके सबसे पहिले सिलिंडर की ही पूजा अर्चना करते हैं । हम सबको उनका शुक्रगुजार होना चाहिए वरना गैस तो कब की 1000 पार हो गई होती । वैसे ये टुकड़े टुकड़े में बढ़ाने के बजाय डायरेक्ट छक्का काहे नहीं मारते । कायदे से तो जनता की डिमांड होनी चाहिए - अबकी बार हजार पार ।
पेट्रोल 100 पार तो गैस 1000 पार
ये सब देख सुन के ही मन कुलांचे भरने लगता है । एकदम प्राउड वाली फीलिंग आने लगती है । इधर पेट्रोल 100 पार तो गैस 1000 पार । वाह!!!
तो भैया हम जश्न की पूरी तैयारी कर रखे हैं । तुम बस 1000 पे पहुँचों । फिर तो पार्टी होगी आलनाईट । फिर चाहे ऑन्टी पुलिस बुलाएँ या आर्मी । आप लोग भी रेडी रहिये । चिंता न करिये बस थोड़ा सावधान रहिएगा काहे से तरक्की बहुत रफ्तार से चल रही है ।
तो आज की हमाई चिकोटी यहीं समाप्त । आपको पसन्द आयी हो तो फौरन share कर दें । चलते हैं...
Disclaimer: यह एक व्यंग्य आधारित लेख है । इसका मकसद किसी भी रूप में किसी व्यक्ति, जाति, धर्म, सम्प्रदाय, स्थान या पद की छवि खराब करना नहीं है । न ही इसका कोई राजनीतिक मन्तव्य है ।