Nitendra Verma Ki Chikoti: मजार में लम्बा हाथ मारने आए थे चोर, दानपत्र में फंसा हाथ, साथी हुए फरार

Nitendra Verma Ki Chikoti: हाँ तो आज चलिये कन्नौज । यहाँ के मढ़हारपुर में पड़ती है एक मजार । तो भैया चोरों के स्वयं सहायता समूह ने मिलकर लम्बा हाथ मारने का तगड़ा प्लान बनाया ।

Nitendra Verma
Written By Nitendra VermaPublished By Monika
Published on: 22 Sep 2021 10:39 AM GMT
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नितेंद्र वर्मा

Nitendra Verma Ki Chikoti: भैया लॉकडाउन (Lockdown) में सबसे बड़ा नुकसान किसी का हुआ तो वो हैं चोर, लुटेरे। एकदम बेरोजगार कर के रख दिया कम्बख्त ने । अब जब आदमी ही चौबीसों घण्टे घर में रहेगा तो भला चोर, लुटेरे अपना काम कब करेंगे । वैसे सही बताएं तो ये चोर, लुटेरे सामाजिक संतुलन यानी सोशल बैलेंसिंग के लिए बहुत जरूरी हैं। खैर अब सब कुछ खुल गया है तो इनका धंधा भी चऊकस चल रहा है ।

हाँ तो आज चलिये कन्नौज । यहाँ के मढ़हारपुर में पड़ती है एक मजार । तो भैया चोरों के स्वयं सहायता समूह ने मिलकर लम्बा हाथ मारने का तगड़ा प्लान बनाया । बड़े बुजुर्ग बता भी गये हैं कि सोचो तो बड़ा, करो तो बड़ा । तो बस पहिले तो सब मिलके थोड़ी थोड़ी टिका लिए । देखते ही देखते कॉन्फिडेंस चढ़ बईठा । फिर क्या था रात के सन्नाटे में घुस गए मजार में ।

घुसते ही इनको दिख गयी बड़ी सी संदूक यानी की दान पेटिका । एक चोर ज्यादै जोश में था । आव देखा न ताव हाथ डायरेक्ट संदूक में घुसेड़ दिया । इसके बाद तो उसकी खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा । मल्लब ये समझिये कि दुनिया भर की खुशियाँ उसकी मुट्ठी में कैद हो चुकी थी । कुछ देर तक तो ये सज्जन सातवें आसमान की सैर करते रहे ।

जब साथ वाले गरियाये तब जाके इनको याद आया कि हाथ बाहर भी निकालना है । ये तो याद आया सो आया इसके बाद इनको नानी भी याद आ गई । अब हुआ यूं कि जोश जोश में इन महोदय ने हाथ तो अंदर डाल दिया लेकिन अब हाथ ने बाहर निकलने से साफ़ इंकार कर दिया । मल्लब अंदर ही फंस गया । सब मिल के कोशिश किये । दम लगा कि हईशा भी बोले लेकिन सब बेकार ।

हर तरकीब अपना ली लेकिन होनी को कउन टाल पाया है भैया । यही सब करते करते सुबह हो गई । तो बाकी साथी तो टाटा बाय बाय कर लिए । ये हाथ फँसाये वहीं के वहीं रह गए । काम बनता न देख बेचारे सुबक सुबक के रोने लगे । अड़ोस पड़ोस वाले सुने तो भाग के पहुँचे । अंदर का सीन देखे तो सबकी चौंक निकल गई ।

देखते ही देखते मोहल्ला इकठ्ठा हो गया । हमेशा की तरह सबसे बाद में पुलिस भी पहुंच गई । लेकिन हाथ तभी निकला जब चाबी से संदूक खोली गई । खैर संदूक ने तो हाथ छोड़ दिया लेकिन फिर पुलिस ने पकड़ लिया ।

तो आज की चिकोटी यहीं हुई समाप्त । आपको चिकोटी पसन्द आयी हो तो शेयर कर दें । चलते हैं...

Monika

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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