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यूपी के संत कबीर नगर में लगा अन्न महोत्सव, लेकिन बार बालाओं के डांस में खोई रही भीड़
Nitendra Verma Satire: अपनी यूपी के संत कबीर नगर के एक गाँव में गरीबों के लिए अन्न महोत्सव लगा । पता चला कि मंत्री जी अपने ही हाथों से सबको अन्न बांटेगे ।
Nitendra Verma Satire: भैया मान लिया कि पेट के लिए अन्न जरूरी है । लेकिन अन्न से पेट की गर्मी भले शांत हुई जाये आँखों की गर्मी थोड़े ठंडी हुई जायेगी । अब साहेब गरीबों के लिए बाकायदा महोत्सव का ऐलान कर दिए हैं । तो अब अन्न महोत्सव (Ann Mahotsav) हुआ करेगा । इसमें कोई शक नहीं कि स्कीम बहुत बढ़िया है ।
तो हुआ यूं कि अपनी यूपी के संत कबीर नगर के एक गाँव में गरीबों के लिए अन्न महोत्सव लगा । पता चला कि मंत्री जी अपने ही हाथों से सबको अन्न बांटेगे । अब क्या है कि गलती से भी कहीं गैर मंत्री के हाथों बंट गया तो अन्न की पौष्टिकता नष्ट होने का बड़ा खतरा है । तो टेंट वेन्ट, कुर्सी मेज लगा के बढ़िया से सब इंतजाम किया गया । मंत्री जी के लिए स्टेज भी एकदम चौकस सजाया गया ।
अब मंत्री जी ठहरे व्यस्त आदमी तो सुबह सुबह तो पहुँच नहीं जायेंगे । लेकिन मेले में तो गाँव वालों का रेला लग चुका था । आयोजक इसका भी पूरा इंतजाम किये थे । कुछ ही देर में सनसनाती बार बालाएँ मंच पे प्रकट हो गईं । फिर भैया स्टेज पे जो आग लगी है कि जवानों से लइके बुड्ढे तक गर्मा गये ।
डांस के चक्कर में भूले खाना पीना
लोगों की भीड़ डांस औ डांसर में अईसा खोई कि खाना पीना सब भूल गई । आखिर मनोरंजन भी तो कोई चीज होती है । खाना पीना तो कभी भी हो सकता है । पूरा जीवन पड़ा है उसके लिए । औ फिर बार बालाओं के दर्शन कोई रोज रोज थोड़े होते हैं । इधर स्टेज पर ठुमके लग रहे थे उधर गाँव वालों के दिल उछल के बाएँ से दाएं पहुंचे जा रहे थे । किडनी लिवर तो लिवर किडनी में घुसा जा रहा था । तमाम का तो हफ्ते दो हफ्ते का इंतजाम हो गया ।
माहौल में गर्मी बढ़ ही रही थी कि पता चला कि मंत्री जी नहीं आएंगे । बस इतना सुनना था कि आयोजक डांस बंद करा दिए । बोले अब सीधा अन्न लेयो । लोग चढ़ बइठे । बोले अन्न दो चाहे न देओ लेकिन डांस चालू रखो । लेकिन आयोजक न माने । आधे गाँव वाले तो बिना लिए ही चले गए । झोला बंटा तब जाके लौटे ।
गाँव वालों को तो खूब मजा आया हम तो बस चिकोटी काटे हैं । कैसा लगा जरूर बताइये