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बारात के सामने दुल्हन ने फेंकी जयमाला, बाॅयफ्रेंड संग लगाए फेरे, मिनटों में दूल्हे ने भी ढूंढी रेडीमेड बहुरिया

Nitendra Verma Satire : स्टेज पे खड़ी दुल्हन ने वरमाला फेंकी औ लपक के बारात लाये अपने प्रेमी की बाहों में जा समायी । अब तक राकेट की तरह तना जा रहा दूल्हा बेचारा टेक ऑफ करने से पहले ही क्रैश हो गया ।

Nitendra Verma
Written By Nitendra VermaPublished By Shivani
Published on: 5 Aug 2021 3:25 PM IST
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नितेंन्द्र वर्मा (फोटो: न्यूजट्रैक)

Nitendra Verma Satire:शहनाई बज रही थी । चारों तरफ जश्न का माहौल था । लजाई, शर्मायी सी दुल्हन काँपते हाथों में वरमाला लिए दूल्हे के सामने थी । लेकिन भैया ये क्या??? अरे आप भी सुनेंगे तो भौंचक्के रह जायेंगे ।

तो भैया मामला है कन्नौज के तिर्वा का । शादी की रस्मे खूब धूमधाम से चल रही थीं । इधर दुल्हन ने अपने हाथ दूल्हे के गले में वरमाला डालने को बढ़ाये उधर दूल्हे के दोस्तों ने पूरी दम लगा के उसे राकेट की तरह तान दिया । प्रोग्राम चल ही रहा था कि दरवाजे पर एक और बारात बैंड बाजा लिए फड़फड़ाने लगी । सब सोचे कि चिट्ठी गलत पते पे आ गई है ।

लेकिन जिसको पहचानना था वो पहचान गया । स्टेज पे खड़ी दुल्हन ने वरमाला फेंकी औ लपक के बारात लाये अपने प्रेमी की बाहों में जा समायी । अब तक राकेट की तरह तना जा रहा दूल्हा बेचारा टेक ऑफ करने से पहले ही क्रैश हो गया । उधर इन सबसे बेखबर डीजे वाला 'गजबन पानी ले चली' लगाये पड़ा था ।

ढूंढा गया तो पता चला खुद इन गाने पे नागिन डांस करने में जुटा है । घर वाले बड़ी मुश्किल से बंद कराये । अब तो घराती औ बराती दोनों सन्न । कउन बोले औ बोले तो क्या बोले । दूल्हे राजा कभी खुद को, कभी अपनी होने वाली दुल्हन को औ कभी अपनी दुल्हन को बाँहों में लपेटे उसके प्रेमी को देख के अपनी फूटी किस्मत पे आँसू बहा रहे थे ।



लड़की एकदम क्लियर थी । बोली शादी तो अपने बॉयफ्रेंड से ही करेगी । अब आजकल कहाँ मिलते हैं ऐसे दिलेर । ठीक शादी के दिन जयमाल के समय बारात लेके आना कोई साधारण बात थोड़े ही है । बहुत मान मनौव्वल हुई लेकिन पुन्नू मैडम एक पिच्चर में बताए रहीं कि लड़की की ना का मतलब ना है ।

पुलिस बुलाई गई । लेकिन जीत तो प्यार की ही होती है । सो दुल्हन और उसके प्रेमी की शादी फाइनल हो गई । लेकिन मामला अभी यहाँ खत्म नहीं हुआ । अभी पिच्चर में ट्विस्ट है । जो प्रेमी महोदय यहां ढोल नगाड़े लिए खड़े थे असल में स्टैंडबाई में एक इंतजाम फरुखाबाद में पहिले ही कर रखे थे। मतलब यहाँ जुगाड़ लग गया तो ठीक नहीं तो फरुखाबाद तो हईये है ।

लेकिन लड़की वाले सूंघते सूंघते पहुँच गये । खूब विरोध किये । लेकिन भैया प्रेमी जुगाड़ू निकला । नामालूम कउन सी पट्टी पढाई कि सब आपस में समझौता कर लिए । बस फरुखाबाद वाले वापसी की ट्रेन पकड़ लिए । औ स्टेज पे अब तक अपने अरमानों की जली राख समेट रहा दूल्हा भी बुझे मन से लौटने की तैयारी करने लगा । कुछ और गज़ब हो इससे पहिले ही घर वाले लड़की अउर प्रेमी के फेरे करवाने में जुट गए ।

लेकिन भैया अभी भी पिच्चर खत्म नहीं हुई । एक ट्विस्ट अउर है । बेचारे दूल्हे राजा की हताशा निराशा देखके उसी गाँव के एक सज्जन से न रहा गया । हो न हो इनका दिल भी जवानी में जरूर टूटा होगा । तुरन्त अपनी लड़की को बुलाये औ सजे सजाए पके पकाए दूल्हे राजा से उसी मंडप में शादी करवा दिए ।

तो भैया इस तरह दोनों दूल्हों को उनकी दुल्हनिया मिल गई औ कहानी की भी हैप्पी एंडिंग हो गई ।

Shivani

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