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हॉकी में जीत गई इंडिया, 1980 के बाद पुरुष हॉकी टीम लाई मेडल, एक नए इतिहास की शुरुआत

Nitendra Verma Satire: लेकिन भैया खेला गज़ब दिखाये हो । कउन सोचा था कि सेमीफाइनल तक जा पहुंचोगे । लेकिन एकदम दबंग स्टाइल में एंट्री मार दिए ।

Nitendra Verma
Written By Nitendra VermaPublished By Monika
Published on: 6 Aug 2021 12:43 PM IST
Nitendra Verma article
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नितेंन्द्र वर्मा (फोटो: न्यूजट्रैक) 

Nitendra Verma Satire: भैया ई का हुई गवा??? अब रो रहे हैं । होनी को कौन टाल सकता है भला । बड़े बुजुर्ग बता गये हैं कि होई वही जो राम रचि राखा । लेकिन इन लोगों को कउन समझाये । बस रोये जा रहे हैं । इनके मोटे मोटे आँसू देख के तो हमाये आँसू आ गए । आधा घण्टा तक तो हम ही रोते रहे । ये तो भला हो जो हमाये पड़ोसी शर्मा जी आये गए । बोले मिठाई खाओ ।

मन में तो आया कि हुसड़ के धर दें एक । मल्लब वो रो रहे हैं हम रो रहे हैं औ ये बेसरम आदमी मिठाई लिए खड़ा है । लेकिन भैया जैसे ही शर्मा जी मुँह खोले औ बोले कि बधाई हो हम जीत गए हम एकदम झनझना उठे । मतलब हम जीत गए । हॉकी में जीत गए??? सच्ची । वाह लड़कों क्या खेल दिखाये हो । मतलब 1980 के बाद मेडल ले ही आये । दुनिया के लिए भले कांसा हो लेकिन हमाये लिए तो भैया सोना है ।

लेकिन भैया खेला गज़ब दिखाये हो । कउन सोचा था कि सेमीफाइनल तक जा पहुंचोगे । लेकिन एकदम दबंग स्टाइल में एंट्री मार दिए । जापान, अर्जेंटीना, स्पेन, ब्रिटेन को तो कोपचे में लेके अच्छे से निचोड़े ही जर्मनी को भी धूल चटा दिए । असल में ये नये लड़के नहीं बल्कि लड़ाके हैं धुन के पक्के लड़ाके । ये अउर बात है कि हमाये देश में ही 99 परसेंट लोग टीम के इक्का दुक्का को छोड़ बाकी खिलाड़ियों के नाम तक नहीं जानते होंगे । चिंता न करिये हम भी उन्ही में से एक हैं । अभी तो काहो तमाम को मालूम भी न हो कि हम हॉकी में मेडल जीत लिए हैं ।

महिला खिलाड़ी मेडल पे मेडल लिए जा रही

ये तो अच्छा हुआ कि हॉकी टीम जीत गई वरना देश की पुरुष प्रजाति अवसाद में जाने वाली थी । जिस रफ्तार से अपनी महिला खिलाड़ी मेडल पे मेडल लिए जा रही थीं हम पुरुषों पे नाकारा, नाकाबिल, नालायक होने जैसे आरोप लगाए जाने लगे थे ।

अच्छा ये अपना श्रीजेश तो कमाल ही कर गया । मल्लब दोनों हाथ पैर फइला के गोल पोस्ट के सामने ऐसा खड़ा हो जाता है कि बॉल भी अंदर घुसने से पहिले दो चार बार तो जरूर सोचती होगी । वइसे चीन की दीवार के बाद दो ही दीवारें और हुई हैं - एक तो क्रिकेट में राहुल द्रविड़ और दूसरा अपना श्रीजेश ।

खिलाड़ी तो सब एक से बढ़के एक जुझारु हैं । मेडल अईसे ही थोड़े मिला है । तो भैया टीम के सब खिलाड़ियों को हमाई तरफ से ढेर सारी बधाई । ये जीत इतिहास नहीं बल्कि एक नए इतिहास की शुरुआत है ।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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