TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

पुलिस के सुरः पूरा हुआ गांधी का सपना, प्रजाराज लोकभाषा में

अब फोन नम्बर 112 डायल करते ही उधर से लोकभाषा में प्रवाहमय लहजे में संवाद आयेगा। बोलियां हैंः भोजपुरी, अवधी, बुंदेली, ब्रज और उत्तराखण्डी (पहाड़ी)।

Shreya
Published on: 24 Oct 2020 1:06 PM IST
पुलिस के सुरः पूरा हुआ गांधी का सपना, प्रजाराज लोकभाषा में
X
पुलिस के सुरः पूरा हुआ गांधी का सपना, प्रजाराज लोकभाषा में

के विक्रम राव

सामान्यतः पुलिस की छवि अभी भी जनमित्र वाली बनी नहीं। हालांकि ब्रिटिश राज के खात्मे के सात दशक बीत गये। बस इसी कारणवश जब उत्तर प्रदेश पुलिस ने जनसेवा की नयी योजना कल (22 अक्टूबर 2020) से चलाई, तो संशयालू शहरी को यकीन क्रमशः ही आया। योजना वही लुभावनी है। अब फोन नम्बर 112 डायल करते ही उधर से लोकभाषा में प्रवाहमय लहजे में संवाद आयेगा। बोलियां हैंः भोजपुरी, अवधी, बुंदेली, ब्रज और उत्तराखण्डी (पहाड़ी)।

अपनी जुबान में दर्ज कराएं शिकायत

आमजन बिना भाषा की कठिनाई से सुगमता से अपनी जुबान में अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। खड़ी बोली न भी आये तो कोई अड़चन नहीं। आशय यह है कि संवाद में व्यवधान अब दूर होगा। खाकी और धोतीधारी ग्रामीण भारतीय में सामंजस्य बढ़ेगा। दिली और वैचारिक भी। इस योजना के प्रभारी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री असीम अरूण ने बताया कि क्षेत्रीय भाषाओं में लोगों से संवाद करने के लिए आपातकालीन सेवा में संवाद हेतु अधिकारियों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है।

यह भी पढ़ें: झारखंड उपचुनावः चाय की चुस्की लेे रहे CM सोरेन, पारा मिलिट्री की मांग कर रही BJP

अब अपनी बात बताने में होगी सुविधा

क्षेत्रीय भाषाओं में पारंगत संवाद अधिकारियों की नियुक्ति से ग्रामीण अंचल में से सहायता के लिए काॅल करने वाले लोगों, खास कर महिलाओं को अपनी बात बताने में काफी सुविधा होगी। हालांकि अरूणजी ने इस जनपक्षधरीय विचार का सृजनकर्ता योगी आदित्यनाथ जी को बताया जो स्वयं पौढ़ी गढ़वाल के हिमाच्छादित अंचल में पले थे। गोरखपुर में साधारण आस्थावानों द्वारा पुलिस सम्पर्क के दौरान भुगत रही यातनाओं से योगीजी अवगत हैं। अतः प्रजाराज अब लोकभाषा में वे लाये हैं। बापू का यह कभी सपना रहा था।

देवदूत वाला हुआ यह नंबर

असीम अरूण इस योजना को कारगर बना लेंगे क्योंकि विगत आठ माहों में कोरोना से ग्रसित जनता को इसी फोन (112) पर से भोजन, औषधि तथा अन्य राहत पहुंचाते रहे। तो यह नम्बर देवदूत वाला हो गया है। लोककल्याण के इस संदर्भ में युवा असीम के स्वर्गीय पिताजी श्रीराम अरूण की याद आती है। वे दो बार उत्तर प्रदेश के पुलिस महाप्रबंधक रहे। मोहल्लों में नागरिकों की भागीदारी से जनपुलिसिंग की कारगर योजना उनकी ही थी। यह यूरोप के औद्योगिक नगरों की पद्धति पर चला था। ग्रामरक्षक इसी के अंग रहे।

यह भी पढ़ें: चीन की बिकाऊ मीडिया! जिनपिंग सरकार का पूरा कब्जा, ऐसे होता है इस्तेमाल

श्रीराम अरूण कितने आगेदेखू पुलिस अधिकारी थे इसका अंदाज मुझे सन 1979 में ही हो गया था। तब वे लखनऊ के पुलिस अधीक्षक थे। उन्हें राजभवन कालोनी (लखनऊ) में मेरे पड़ोसी स्व. अशोकजी (संपादक, दैनिक स्वतंत्र भारत) हमारे आवास पर लाये थे। तब अरूण जी का सुझाव था कि लखनऊ अब महानगर हो गया है। अतः पुलिस कमिश्नर पद्धति का गठन हो। इस बात को मैंने मुख्यमंत्री रामनरेश यादव के समक्ष रखी। तब वह आजमगढ़ के दरोगा को ही सबसे बड़ा पुलिस वाला मानते रहे। बात बनी नहीं।

चार दशकों बाद पुलिस आयुक्त की व्यवस्था

सांसद मधु लिमये तक शासन को राजी नहीं कर पाये। बात वहीं रह गई। करीब चार दशकों बाद लखनऊ के पुलिस आयुक्त की व्यवस्था बन पायी। विशेष कार्य बल (एसटीएफ) की रचना का श्रेय अरूण जी को जाता है। बलात्कार के अपराध पर उनकी शोधपरक रचना उपयोगी है। इसी वर्ष जनवरी माह में प्रथम पुलिस आयुक्त (सुजीत पाण्डे जी) नियुक्त हुये।

चूंकि पुलिस व्यवस्था भारत में ब्रिटिश साम्राज्यवादियों द्वारा लाई गई थी, अतः लन्दन पुलिस कमिश्नर का उल्लेख रूचिकर होगा। लन्दन के ऐतिहासिक पुलिस आयुक्त थे इयान वारविक ब्लेयर। (1 दिसम्बर 2008 से जुलाई 2010) तक। उसी दौर में उनके उपनामाराशि एंथोनी (टोनी) ब्लेयर ब्रिटेन के सोशलिस्ट प्रधानमंत्री थे। विश्व के ''थिंकिंग पुलिसमैन'' ब्लेयर रहे।

उनकी कहासुनी हो गयी लन्दन के तत्कालीन मेयर बोरिस जानसन से जो आज प्रधान मंत्री है। मगर सोशलिस्ट सरकार ने इस पुलिसवाले को उच्च सदन में नामित कर सांसद बना दिया। इयान ब्लेयर मशहूर हुए जब ब्रिटेन में इस्लामी आंतकवाद से वे मुस्तैदी से भिड़े। उन्होंने कहा था: ''इस्लामी आतंक सबसे बड़ा खतरा है। ''

भारत के लिए भी सच यही है।

यह भी पढ़ें: माफियाओं की खैर नहींः मुख्तार के करीबी शम्मे हुसैन हॉस्पिटल पर चला बुलडोजर

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Shreya

Shreya

Next Story