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Olympic में मिल रहा मंगेतर, खेलों के महाकुंभ में प्यार, मेडल नहीं घर ले जाइए Future Husband

Coach Proposes Argentine Fencer : ओलंपिक में कोच लुकास बाबू ने मौका देख के चौका मार दिया । लेकिन भैया उनकी प्रेम कहानी बड़ी ऐतिहासिक है । कायदे से तो गिनीज बुक के पन्नों में होनी चाहिए ।

Nitendra Verma
Written By Nitendra VermaPublished By Shivani
Published on: 29 July 2021 5:26 AM GMT
Coach Propose Argentine Fencer
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ओलंपिक में प्यार (Concept Image)

Coach Proposes Argentine Fencer : भैया हर खेल के पीछे एक खेल होता है । जो समझ गया वही असली खिलाड़ी जो न समझे वो अनाड़ी । खेल अगर ओलंपिक हो तो फिर कहना ही क्या । मल्लब इसके पीछे तो खेल नहीं खेला होता है खेला । याद है ना??? खेला होबे...

तो भैया आज चलिये सीधे टोकियो । ओलंपिक चल रहा है। अर्जेंटीना की एक तलवारबाज हैं मारिया बेलन पेरेज । भैया बेलन वेलन नहीं मारा इनका नाम ही है मारिया बेलन पेरेज । समझ गए हैं तो ठीक नहीं तो अईसै काम चलाइये । ये तीसरी बार ओलंपिक खेल रही हैं । परफॉरमेंस में गजब की कंसिस्टेंसी है । मल्लब न पहली बार कउनो मेडल जीती थीं, न दूसरी बार और न ही तीसरी यानी इस बार जीती हैं । मतलब इनके प्रदर्शन में कहीं कोई गिरावट नहीं है ।

अर्जेंटीना की तलवारबाज मारिया बेलन पेरेज

हार के बाद बेलन बहुत निराश उदास थीं । टीवी चैनल वाले बार बार पूछ रहे थे कि हारने के बाद कैसा महसूस कर रही हैं । हताशा में मैडम का ऑक्सिजन लेवल डाउन हुआ जा रहा था । अब उनके कोच लुकास से न रहा गया । हाथों में तख्ती लिए पीछे से आ गये । तख्ती में लिखा था मुझसे शादी करोगी । आदमी समझदार थे । सामने आके शादी के पहले ही डायरेक्ट समर्पण कर दिए । घुटने के बल झुके औ प्रपोज कर दिए ।


तलवारबाज मारिया को कोच ने किया प्रपोज

बस मैडम की निराशा का लेवल जितनी तेजी से उतरा ऑक्सिजन लेवल उत्ती तेजी से चढ़ गया । बिना एक सेकंड गँवाये हाँ बोल दीं । लुकास बाबू ने मौका देख के चौका मार दिया । लेकिन भैया उनकी प्रेम कहानी बड़ी ऐतिहासिक है । कायदे से तो गिनीज बुक के पन्नों में होनी चाहिए । लुकास बाबू कोई पहली बार प्रपोज थोड़े किये थे । 11 साल पहले भी इन्ही बेलन मैडम को प्रपोज किये थे लेकिन तब मैडम का मूड नहीं था सो प्रपोजल रिजेक्ट हो गया था ।


11 साल पहले भी कोच लुकास ने किया था प्रपोज

लेकिन ये जो लुकास बाबू हैं ये कोचिंग की आड़ में इतने सालों से अपना खेला खेलते रहे । मैडम भी गलतफहमी में रहीं कि ट्रेनिंग चल रही है । खैर अब मेडल तो नहीं मिला लेकिन घर जरूर बस गया । आखिर आदमी इतनी मेहनत करता काहे के लिए है ।

Shivani

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