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One Nation-One Police Uniform: पुलिस: एक राष्ट्र--मगर किस्में दो !!

One Nation-One Police Uniform: भारतीय पुलिस के दो वृत्तांतो पर यह व्याख्या है। एक को "कृति" कहेंगे, तो दूसरे को "करतूत।" लेकिन दोनों के पात्रों के चरित्र और चलन उजागर हो गए हैं।

K Vikram Rao
Written By K Vikram Rao
Published on: 3 Nov 2022 7:54 PM IST
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K Vikram Rao: पुलिस: एक राष्ट्र--मगर किस्में दो !!

One Nation-One Police Uniform: भारतीय पुलिस के दो वृत्तांतो पर यह व्याख्या है। एक को "कृति" कहेंगे, तो दूसरे को "करतूत।" लेकिन दोनों के पात्रों के चरित्र और चलन उजागर हो गए हैं। पहला किस्सा है सुदूर समुद्र-तटीय केरल का। दूसरा है दुआबा (उत्तर प्रदेश) का। बीच में है विध्यांचल, भारत का प्राचीनतम पर्वत। यह पहाड़ भौगोलिक विषमता सर्जाता है। दोनों किस्सों के चरित्र और चलन को उजागर करता है। समाजशास्त्री तथा मनोवैज्ञानिक हेतु गंभीर विश्लेषण और निदान चाहता है प्रशिक्षुओं के लिए भी।

केरल हाई कोर्ट जज ने की श्लाघा

पहले चर्चा हो मलयालम-भाषी मार्क्सवादी-शासित केरल की महिला अधिकारी की, जिसकी केरल हाई कोर्ट जज ने श्लाघा की। दूसरे हैं रामपुर के दरोगा रहे, पूर्व डीएसपी विद्याधर शर्मा जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अवनत किए गए। कथित भ्रष्टाचार में दोषी पाए गए। अब दोनों की उपलब्धियों पर एक नजर।

29 अक्तूबर को हुई थी यह घटना

यह घटना 29 अक्तूबर को हुई थी जब लापता शिशु की मां ने कोझिकोड़ के चेवायूर थाने में शिकायत दर्ज कराई, कि उसका शिशु गायब है और "मेरे पति उसे अपने साथ ले गया है।" रम्या ने कहा कि पुलिस ने अंदाजा लगाया कि शिशु का पिता उसको लेकर बेंगलुरू जा सकता है, जहां वह नौकरी करता है। केरल-कर्नाटक सीमा पर वाहनों की जांच के दौरान सुल्तान बेकरी थाने की पुलिस को शिशु और उसका पिता मिल गये। मां का दूध नहीं मिलने के कारण बच्चा थका हुआ था। उसे अस्पताल ले जाया गया। वहां पता चला कि शिशु का शुगर लेवल कम है। तब रम्या ने डॉक्टरों से कहा कि वह बच्चे को दूध पिलाना चाहती हैं। उन्होंने शिशु को दूध पिलाया तो उसकी जान बच गई।

केरल की इस महिला पुलिसकर्मी की हर ओर हो रही तारीफ

वह शिक्षिका बन न सकी, तो पुलिस अफसर पद पर चयनित होकर एमआर रम्या ने ऐसी कृति की कि उसे यश मिला। कोझिकोड़ (केरल) के एक माता पिता के बीच झगड़े के बीच फंसे 12 दिन के बच्चे को रम्या ने स्तनपान कराया। केरल की इस महिला पुलिसकर्मी की हर ओर तारीफ हो रही है। नवजात को दूध पिलाकर उसकी जान बचाने वालीं पुलिस अधिकारी रम्या को केरल पुलिस ने सम्मानित किया। रम्या ने कहा: "मैंने कोई असाधारण काम नहीं किया है।" पुलिस के पेशे में उसके अप्रत्याशित प्रवेश की तरह ही, उसने कभी ऐसा नहीं सोचा भी नहीं था कि वह राज्य पुलिस का मानवीय चेहरा बनेगी। कोझिकोड़ के चेवायूर थाने से जुड़ीं इस सिविल पुलिस अधिकारी रम्या माँ-पिता के बीच झगड़े के कारण में फंसे 12 दिन के नवजात को उसने स्तनपान कराया था।

केरल हाई कोर्ट के कई प्रमुख हस्तियों ने की प्रशंसा

केरल हाई कोर्ट के न्यायाधीश देवान रामचंद्रन और राज्य के पुलिस महानिदेशक तथा कई प्रमुख हस्तियों ने प्रशंसा की। न्यायमूर्ति रामचंद्रन ने उसको भेजे संदेश में कहा: "आज आप पुलिस का सबसे अच्छा चेहरा बन गई हैं। एक शानदार अधिकारी और एक सच्ची मां, आप दोनों हैं। स्तनपान एक दिव्य उपहार है, जो केवल एक मां ही दे सकती है और आपने ड्यूटी निभाते हुए यह उपहार दिया। आपने हम सभी में भविष्य में मानवता के जिंदा रहने की उम्मीद कायम रखी है।"

ग्यारह माह की आयु के दूसरे शिशु की माँ रम्या ने कहा कि वह एक पुलिस अधिकारी से ज्यादा एक महिला और मां थीं। "जब हम बच्चे की तलाश कर रहे थे, तब मां और उससे जुदा हुए शिशु के बारे में ही मैं सोच रही थी। मैं बस यही चाहती थी कि किसी तरह दोनों का मिलन हो जाए। इस बीच मैं अपने पति स्कूल टीचर वीआर अशिवनी विश्वन से बात कर रही थी। वह यह कहकर मुझे दिलासा दे रहे थे कि मुझे और मेरे साथियों को इस मिशन में पक्का कामयाबी मिलेगी।"

उत्त प्रदेश की कीर्ति-गाथा

अब जानिए अपने ही उत्तर (उत्तम) प्रदेश की कीर्ति-गाथा। राज्य गृह विभाग तथा मुख्यमंत्री मुख्यालय से प्राप्त खबर है। रामपुर में 2021 नवम्बर में एक अस्पताल संचालक पर महिला ने गैंगरेप का मामला दर्ज कराया था। अस्पताल संचालक ने अपनी बेगुनाही के तमाम सबूत पुलिस अधिकारियों को दिए लेकिन पुलिस अधिकारी सबूतों को दरकिनार कर, मदद करने के एवज में घूस की मांग करने लगे। इसी अस्पताल संचालक से इंस्पेक्टर विद्या किशोर शर्मा ने मामले को रफा-दफा करने के लिए पाँच लाख रुपये की मांग की। वीडियो वायरल हुआ तो मामला लखनऊ पहुंचा। गृह विभाग ने डिप्टी एसपी शर्मा को तत्‍काल सस्पेंड कर दिया। यह घटना रोशनी में आई जब गत नवंबर में मुख्यमंत्री रामपुर के दौरे पर गए थे। वहाँ पीड़िता ने आत्मदाह का प्रयास किया। पुलिसिया निष्क्रियता के खिलाफ यह कदम था। योगीजी ने जांच के आदेश दिए। दोषी पुलिस अधिकारी रामवीर यादव और विद्या किशोर शर्मा निलंबित हो गए।



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Deepak Kumar

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