इमरान की बेवकूफियों से फिर टूटेगा पाक

इमरान खान कुछ हिल से गए लगते हैं। अब उनकी सरकार ने पाकिस्तान का एक नया मानचित्र जारी करते हुए गुजरात के जूनागढ़ और सर क्रीक लाइन को भी पाकिस्तान का अंग बता दिया है।

Newstrack
Published on: 12 Aug 2020 7:02 AM GMT
इमरान की बेवकूफियों से फिर टूटेगा पाक
X

आर.के. सिन्हा

इमरान खान कुछ हिल से गए लगते हैं। अब उनकी सरकार ने पाकिस्तान का एक नया मानचित्र जारी करते हुए गुजरात के जूनागढ़ और सर क्रीक लाइन को भी पाकिस्तान का अंग बता दिया है। वे अपने को बार-बार मूर्ख साबित करने पर आमदा हो गये लगते है । वे अपने को इतिहास का विद्यार्थी कहते हैं, पर लगता है कि उन्हें कोई इतिहास का कोई मूल बोध नहीं है । हैरानी की बात तो यह है कि उन्हें इतना भी नहीं पता कि जूनागढ़ में जनमत संग्रह तक हो चुका है। यह 1948 में हुआ था और वहां के 99.95 फीसद लोगों ने भारत के साथ ही रहने का फैसला किया था।

ये भी पढ़ें:कोर्ट में मजाकिया माहौल: CJI ने भगवान कृष्ण से दोषी की सजा पर उठाया ये प्रश्न

इमरान की बेवकूफियों से फिर टूटेगा पाक

आगे बढ़ने से पहले जरा यह जान लें कि क्या है जूनागढ़ ? यह गुजरात के गिरनार पर्वत के समीप स्थित है। यहीं पूर्व-हड़प्पा काल के स्थलों की खुदाई भी हुई है। इस शहर का निर्माण नौवीं शताब्दी में हुआ था। यह वस्तुतः चूड़ासम राजपूतों की राजधानी थी। यह एक रियासत थी। गिरनार के रास्ते में एक गहरे रंग की बसाल्ट या कसौटी के पत्थर की चट्टान है, जिस पर तीन राजवंशों का प्रतिनिधित्व करने वाला शिलालेख अंकित है। मौर्य शासक अशोक (लगभग 260-238 ई.पू.) रुद्रदामन (150 ई.) और स्कंदगुप्त (लगभग 455-467)।

यहाँ 100-700 ई. के दौरान बौद्धों द्वारा बनाई गई गुफ़ाओं के साथ एक स्तूप भी है। जूनागढ़ शहर के निकट स्थित कई मंदिर और मस्जिदें भी इसके लंबे और जटिल इतिहास को उद्घाटित करती हैं। यहाँ तीसरी शताब्दी ई.पू. की बौद्ध गुफ़ाएँ, पत्थर पर उत्कीर्णित सम्राट अशोक का आदेशपत्र और गिरनार पहाड़ की चोटियों पर कहीं-कहीं जैन मंदिर स्थित हैं। 15वीं शताब्दी तक राजपूतों का गढ़ रहे जूनागढ़ पर 1472 में गुजरात के महमूद बेगढ़ा ने क़ब्ज़ा कर लिया, जिन्होंने इसे मुस्तफ़ाबाद नाम दिया और यहाँ एक मस्जिद बनवाई, जो अब खंडहर हो चुकी है।

ये भी पढ़ें:बेंगलुरु हिंसा: रुह कंपा देंगी ये तस्वीरें, देखें क्या हैं आज सुबह के हालात

इमरान की बेवकूफियों से फिर टूटेगा पाक

जूनागढ़ और भुट्टो कुनबा

अब जरा लौटते हैं ताजा इतिहास पर । जूनागढ़ का संबंध पाकिस्तान के दो प्रधानमंत्रियों जुल्फिकार अली भुटटो और बेनजीर भुट्टों से रहा है। भुट्टो के पिता सर शाहनवाज भुट्टो देश के विभाजन से पहले जूनागढ़ रियासत के प्रधानमंत्री थे। वे गुजरात के नवाब मुहम्मद महाबत खनजी के खासमखास थे। जुल्फिकार अली अहमद भुट्टों की मां हिन्दू थी। उनका निकाह से पहले का नाम लक्खीबाई था। बाद में हो गया खुर्शीद बेगम।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Newstrack

Newstrack

Next Story