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इमरान खान का कोलंबो में ''नो'' बॉल !

इमरान खान कोविड—19 से मरे श्रीलंकाई मुसलमानों के दाह संस्कार के मसले पर उलझ गये। इमरान खान श्रीलंकाई राष्ट्रपति को समझाने आये है कि कयामत के दिन हर मुसलमान को सशरीर उपस्थिति होना पड़ता है।

Shivani Awasthi
Published on: 24 Feb 2021 9:34 PM IST
इमरान खान का कोलंबो में नो बॉल !
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K-Viram-rao

के. विक्रम राव

इस्लामी जम्हूरियाते पाकिस्तान के वजीरे—आजम, खान मोहम्मद इमरान खान अपनी प्रथम सरकारी यात्रा पर कल कोलम्बो पहुंचे। वे कम्युनिस्ट चीन की व्यापारिक योजना ''एक बेल्ट, एक मार्ग'' की मार्केटिंग करने गये थे। भारत इसके जमीनी मार्ग का विरोध करता है, क्योंकि यह पाक—अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरता है। चीन की सेना का कश्मीर और लद्दाख पहुंचना आसान करता है।

कोविड-19 से मरे श्रीलंकाई मुसलमानों के दाह संस्कार के मसले में उलझे इमरान

मगर इमरान खान उलझ गये कोविड—19 से मरे श्रीलंकाई मुसलमानों के दाह संस्कार के मसले पर। श्रीलंका अब तक 19 श्रीलंकाई मुसलमानों के शव को जला चुका है। इमरान खान श्रीलंकाई राष्ट्रपति को समझाने आये है कि कयामत के दिन हर मुसलमान को सशरीर उपस्थिति होना पड़ता है। यूं श्रीलंका में मुस्लिम आबादी करीब ग्यारह प्रतिशत (पच्चीस लाख) है। बौद्ध-मुसलमान दंगें भी काफी होते रहते हैं। अर्थात इमरान खान गये थे नमाज अता कराने, मगर रोजे गले पड़ गये।

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श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने 1986 में पाकिस्तानी ​क्रिकेट टीम की किया था स्वागत

कोलंबो हवाई अड्डे पर श्रीलंकाई राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने पाकिस्तान की ​क्रिकेट टीम के 1986 में श्रीलंकाई यात्रा का स्मरण किया और इमरान के प्रधानमंत्री के रुप में कप्तानी के दृढ़ता की प्रशंसा कर दी। उस दौर में इमरान खान ने श्रीलंकाई अम्पायर को बेइमान और पक्षपातपूर्ण कहा था। अपनी टीम को जिताने में वे जानबूझ कर गलत निर्णय दे रहे थे। इमरान की इस आलोचना ने श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड की छवि को कलंकित किया था। उसी के बाद अब तीसरे राष्ट्र के अम्पायर ही नियुक्त किये जाते हैं। शायद महिन्दा राजपक्षे ने इमरान की कप्तानी की श्लाधा मजाक में की होगी। क्योंकि ''व्यंगे—विपरीतार्थ:'' कहावत भी है।

पीएम इमरान बतौर खिलाड़ी पहुंचे थे श्रीलंका

अड़सठ—वर्षीय खान की इस प्रथम यात्रा के पहले कौर में ही मक्खी टपक गयी। गत सप्ताह श्रीलंकाई संसद को इमरान खान के संबोधन का कार्यक्रम था अचानक निरस्त हो गया। आशंका थी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री अपने भाषण में कश्मीर का उल्लेख कर डालते। श्रीलंका बेवजह क्यों भारत—पाकिस्तान के कलह का बटाईदार बनें? श्रीलंका गत माह सहमत हो गया था कि मुसलमानों के शवों को दफनाने की अनुमति दी जायेगी। मगर ऐन वक्त पर यह निर्णय भी रद्द कर दिया गया। गुनाह बेलज्जत ही हुआ।

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पाकिस्तानी पीएम का श्रीलंका दौरा हुआ था रद्द

श्रीलंकाईयों को मोहम्मद नवाज शरीफ की 2016 की सफल यात्रा याद है जब बिना भारत की निंदा किये पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने आपसी सौहार्द की भावनाओं को पनपाया था। आजकल मरियम शरीफ लाहौर से इस्लामाबाद पर गरज रहीं हैं। लाखो श्रोता जमा होते हैं। यह श्रीलंकाई देख रहें हैं। मरियम के पिता हैं नवाज साहब जो जमानत पर लंदन में इलाज करा रहे हैं। उनकी बीवी का इसी दौर में इंतकाल भी हो गया। दोनों देशों में कटुता हुयी इस वास्तविकता के बावजूद कि चीन ने श्रीलंका में अरबों डालर का निवेश किया है।

Imran Khan

भारत और श्रीलंका के रिश्तों में खट्टास को पीएम मोदी ने दूर किया

कुछ वर्ष पूर्व श्रीलंकाई तमिलभाषियों के मसले पर भारत और श्रीलंका के रिश्तों में खटास आ गयी थी। खासकर लिट्टे द्वारा राजीव गांधी की निर्मम हत्या के बाद। तब चीन, पाकिस्तान और श्रीलंका का त्रिभुज भारत के खिलाफ बन रहा था। सरदार मनमोहन सिंह स्थिति बचा नहीं पाये थे। अब नरेन्द्र मोदी की भाग्य रेखा का कमाल ही कहेंगे कि इमरान की आर्थिक यात्रा में अनर्थ हो गया। सौदा घाटे का हो गया।

(ये लेखक के निजी विचार हैं।)

Shivani Awasthi

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