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राजनीतिक लाभ के लिए अपराधियों को बना दिया गया माननीय

समाजवादी पार्टी की सरकार चाहे वह मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में रही हो या फिर अखिलेश यादव की अपराधियों को खुलेआम संरक्षण देती थी

raghvendra
Published on: 4 March 2021 9:32 AM GMT
राजनीतिक लाभ के लिए अपराधियों को बना दिया गया माननीय
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फोटो— सोशल मीडिया

बृजलाल

बृजलाल

समाजवादी पार्टी की सरकार चाहे वह मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में रही हो या फिर अखिलेश यादव की अपराधियों को खुलेआम संरक्षण देती थी और राजनीति का अपराधीकरण करके शातिर अपराधियों को माननीय बना दिया। उत्तर प्रदेश के मफ़ियाओं मुख़्तार अंसारी, अतीक अहमद, डीपी यादव, कमलेश पाठक, अरुण शंकर शुक्ला उर्फ अन्ना, उमाकांत यादव, ओम प्रकाश पासवान पासवान, मदन भैया सहित दर्जनों अपराधियों को अपनी पार्टी में लाकर सांसद, विधायक, एमएलसी, नगर निगम चेयरमैन आदि बनाये।

यूपी का बीरप्पन कहा जाने वाले चित्रकूट के शिव कुमार ददुवा के भाई बालकुमार पटेल को सांसद, बेटे वीर सिंह, भतीजे राम सिंह पटेल को समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक बनाया। ददुवा यूपी-एमपी में 32 वर्ष तक सक्रिय रहा और 200 से अधिक हत्या, फिरौती के अपहरण की घटनाओं को अंजाम दिया। उसने ‘रामू का पुरवा’ थाना मऊ बांदा में सामूहिक नरसंहार करके 10 लोगों की हत्या की थी।

ऐसे इंटर-स्टेट गैंग लीडर के परिवार के सदस्यों को मुलायम सिंह यादव ने माननीय बना दिया। उनकी योग्यता थी- शातिर ददुवा के भाई और भतीजे। ददुवा के बाहुबल से उसके परिवार के लोगों ने ज़िला पंचायत के पदों पर पूरे ज़िले में क़ब्ज़ा कर लिया। ददुवा के आशीर्वाद से ही लोग एमपी, एमएलए, ब्लॉक प्रमुख, प्रधान, ज़िला अध्यक्ष बनते थे। सरकारी ठेकेदार ददुवा को बिना चौथ दिए चित्रकूट और बांदा में काम नहीं कर सकते थे। जंगल में ‘तेंदू पत्ता’ के ठेकेदार करोड़ों में ददुवा को गुंडा टैक्स देते थे। इससे बड़ा योग्यता वाला कोई था ही नहीं, जो चुनाव जिताने की 100 प्रतिशत गारंटी ले। बस क्या था- ददुवा के सभी लोग समाजवादी बन गये। ददुवा मेरे कार्यकाल में जुलाई 2007 में अपने साथियों के साथ यूपी एसटीएफ़ से मुठभेड़ में मारा गया।

चम्बल के बीहड़ों के डकैतों को समाजवादी पार्टी ने खुलेआम संरक्षण दिया। गैंग लीडर और चम्बल का बेताज बादशाह निर्भय गूजर ने टीवी पर बयान दिया था कि उसने समाजवादी पार्टी के शीर्ष परिवार के लोगों को सोने-चांदी के मुकुट पहनाये। निर्भय गूजर को संरक्षण देकर बीहड़ के वोट को अपनी पार्टी के पक्ष में धमकाकर मोड़ा गया। चुनाव में निर्भय का फ़रमान चलता था। 90 के दशक में छविराम यादव, महाबीरा यादव, पोथी यादव, अनार सिंह यादव जैसे दुर्दांत डकैत गिरोहों को किसने संरक्षण दिया, सभी जानते है। उनका भी चुनाव में जमकर इस्तेमाल हुआ। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव यूपी की राजनीति के अपराधीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी और वो भी लुके- छिपे नहीं बल्कि डंके की चोट पर।

(लेखक भाजपा से राज्यसभा सदस्य हैं)

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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