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अस्थमा होगा जान लेवा, रहें प्रदूषण से दूर
वर्तमान में वायु प्रदूषण को देखते हुए अस्थमा के रोगियों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है।
प्रतिवर्ष मई महीने के पहले मंगलवार को पूरे विश्व में विश्व अस्थमा दिवस (World Asthma Day) मनाया जाता है। 1998 में सबसे पहली बार वर्ल्ड अस्थमा डे बार्सिलोना में 35 देशों के साथ मनाया गया। इसके बाद हर साल मई के पहले मंगलबार को वर्ल्ड अस्थमा डे मनाया जाता है।धीरे धीरे अन्य देश भी जुड़ते चले जा रहे है। इस वर्ष 5 मई 2021 को मनाया जा रहा है।
अस्थमा का कारण
अस्थमा बढ़ते प्रदूषण और बिगड़ी लाइफ स्टाइल ने आज दुनिया भर में अस्थमा के मरीजों की संख्या में काफी बढ़ा दी है, जब तक लोग इस रोग को समझ पाते हैं, तब तक ये विकराल रूप धारण कर चुका होता है, इसी बात के मद्देनजर 'विश्व अस्थमा दिवस' मनाने की शुरुआत हुई, ताकि लोगों का इस रोग के प्रति ध्यान आकर्षित किया जा सकें और सही समय पर इसकी रोकथाम की जा सकें।पिछले वर्ष लाक्डाउन के चलते अस्थमा मरीज़ों को बड़ी राहत है कारण बहुत साफ़ है अस्थमा नमी ओर प्रदूषण के चलते मरीज़ों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है अतः आज हम प्रदूषण का सामना ना के बराबर कर रहे थे।
प्रदूषण को करे ख़त्म
वर्तमान में वायु प्रदूषण को देखते हुए अस्थमा के रोगियों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। इस बीमारी से छोटे बच्चों से लेकर वयोवृध्द जन तक प्रभावित हो रहे हैं इस वर्ष सौभाग्य देखे 4 मई को ग्रीनरी दिवस पड़ रहा है। कहने का तात्पर्य है हमें प्रदूषण के प्रती काम करना होगा व जीवन शेली धूम्रपान आदि से बचना होगा।
भारत में अस्थमा
अस्थमा फेफड़ों का रोग है भारत में जानकारी के अभाव में व नमी और प्रदूषण बहुत अधिक होने के कारण मरीज़ अधिक है ।यह सांस की समस्याओं के कारण होता है। यह अनुवांशिक बीमारी है। इसमें बचाव व अवेयरनेस और सही समय पर इलाज के जरिए इससे काफी हद तक बचा जा सकता है।अस्थमा के मरीज़ को सांस लेने में परेशानी, खांसी, छाती में कड़ापन और बार-बार ऐसे होना शामिल हैं। अगर इसे समय रहते नियंत्रित न किया जाए तो मरीज़ को जब अस्थमा का दोरा पड़ता हे तो सांस लेने में बहुत परेशानी होती मरीज़ और घर वालों के लिए वह समय बड़ा कष्ट दायक होता है| हालांकि अस्थमा को ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन दवाइयों और घरेलू इलाज से कंट्रोल व इंसान सामान्य जिंदगी जी सकता है।
अस्थमा का इलाज
आप लोगों ने अक्सर फ़िल्मों में या अपने आस पास देखा होगा अक्सर दमा के मरीज़ों इन्हेलर लेते हुए अगर इन्हेलर ना ले पाने में पुराने दमा मरीज़ की जान चली जाती है| यह इन्हेलर उनके लिए संजीवनी बूटी का काम करती है। आयुर्वेद में इसकी रोग की रोकथाम व इलाज से मरीज़ आराम की ज़िंदगी जी सकता है| वैसे भारत का रसोई घर हर इलाज का दवाखाना हे।
घरेलू दवा बतायी है
मैथी का काढ़ा तैयार करने के लिए एक चम्मच मैथीदाना और एक कप पानी उबालें। हर रोज सबेरे-शाम इस मिश्रण का सेवन करने से निश्चित लाभ मिलता है। इस तरह एक नही अनेक इलाज मसाल दान में हे जो मरीज़ों को आराम देते है और बिना किसी नुक़सान के।
अस्थमा मरीज़ को शुभकामना
आज अस्थमा दिवस पर सभी अस्थमा मरीज़ों के स्वस्थ की कामना करता है| सभी से निवेदन करता शुरुआत में ही हमें इसकी रोक थाम करने से परेशानी से ना केवल बचा जा सकता है बल्कि जीवन बचाया जा सकता है।
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