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अब तो दो ही भले!!!
अब यूपी में जनसंख्या नियंत्रण पर नई नवेली नीति आने वाली है। जो फुरसतिये थे एकदम एलर्ट हो जाएं। वैसे देखा जाये तो जनता जागरूक तो हुई है। दो से आगे बढ़ने का दुस्साहस कम ही लोग कर पाते हैं।
भैया भलाई चाहते हैं तो दो तक ही सीमित रहिये । मतलब आप तो दो जरूर रहिये लेकिन गलती से भी दो से तीन न करिये। अब तक जो गया सो हो गया। आगे का रास्ता बहुत कँटीला, पथरीला है। कलयुग है घोर कलयुग। बल्कि ऐसी पाबन्दियाँ तो कलयुग में भी न रही होंगी।
ब्लॉक प्रमुख चुनाव में जो भोकाल टाइट किये हैं तो कॉन्फिडेंस (Confidence) से लबालब योगी जी (Yogi Ji) दूसरा ही निकाल के लाये हैं। अब यूपी में जनसंख्या नियंत्रण (Population Control) पर नई नवेली और बड़ी खतरनाक वाली नीति (Neeti) आने वाली है। जो फुरसतिये थे एकदम एलर्ट (Alert) हो जाएं। वैसे देखा जाये तो जनता (Public) जागरूक तो हुई है। दो से आगे बढ़ने का दुस्साहस कम ही लोग कर पाते हैं।
ऐसा नहीं है कि ये सब रातों रात हो गया हो। अरे सरकारें बहुत मेहनत की हैं इसके लिए। एक तो महंगाई की लगाम ऐसी खोल दी कि जनता तो दो नहीं चार छः कर ले लेकिन उनके दाना पानी का इंतजाम नहीं कर पायेगा। अच्छा औ अब लाइट भी कम जाती है। जनसंख्या और लाइट एक दूसरे के ठीक व्युत्क्रमानुपाती हैं। जिस एरिया में लाइट जितनी ज्यादा आयेगी वहाँ जनसंख्या उतनी ही कम होगी।
पहले के जमाने में तो लाइट न दिन देखती थी न रात। जब मन हुआ गायब। और फिर पीठ पीछे खेल हो जाया करते थे। पता चला जब तक लौटी तब तक एक आध का इंतजाम हो गया। अब दो वालों को वीआइपी ट्रीटमेंट (VIP Treatment) मिलेगा। लेकिन भैया एक प्रैक्टिकल (Practical) समस्या है । मान लीजिए पहला तो ठीक है लेकिन दूसरे में जुड़वाँ प्रकट हो गए तब??? तब तो आदमी उस अपराध की सजा झेलेगा जो उसने किया ही नहीं । इस पर तत्काल विचार करने की जरूरत है वरना घोर अनर्थ हो जायेगा। और अगर मान लीजिए किसी से गलती हो गई, भूल चूक हो गई तब??? इन चीजों पर भी पूरी गम्भीरता से विचार करने की जरूरत है।
दो से आगे बढ़े तो समझो सरकारी नौकरी से भी हाथ धो बैठे। अभी तक तो दे दनादन अप्लाई किये रहो। लेकिन इसके बाद तो बस पकौड़े ही बचेंगे। अगर दो में संतोष है तो फिर ले इन्क्रीमेंट, दे प्रमोशन (prmotion) मतलब सब कुछ है। मान लीजिए सरकारी नौकरी नहीं करते तो टैक्स (Tax) में छूट लीजिये।
सरकार अबकी बार बहुत गम्भीर है। दो हैं तब तो ठीक है ही लेकिन अगर एक ही है तो उनको अलग से इंसेंटिव मिलेगा। माने अगर एक भी नहीं हो तो सरकार घर आके खुद जॉइनिंग लेटर देगी वो भी बिना पेपर वेपर दिए । लेकिन भैया जो अब तक चलते फिरते आधी आधी क्रिकेट टीम तैयार कर दिया करते थे उनका क्या होगा । इनको समझाओ तो बात बने । बाकी जिस रफ्तार से जनसंख्या बढ़ रही है उस हिसाब से तो बहुत जल्दी ही दूसरे ग्रह में प्लॉट लेना पड़ जायेगा ।
बाकी कोई बुरा न मानियेगा । जरा चिकोटी काटने का मन किया तो काट लिए । आप निश्चिन्त होके मजे लीजिये ।
नोट : यह एक व्यंग्य आधारित लेख है । इस लेख का मकसद किसी भी रूप में किसी व्यक्ति, जाति, धर्म, सम्प्रदाय, स्थान या पद की छवि खराब करना नहीं है । न ही इसका कोई राजनीतिक मन्तव्य है ।