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दलितों के बहाने 27 साल बाद UP में सत्ता वापस पाना चाहती है कांग्रेस

कांक्लेव में हिस्सा लेने के लिए दलित समाज के सात सौ से ज्यादा लोगों को न्योता भेजा गया है। कांक्लेव में दलित उत्पीड़न की बढ़ रही घटनाओं के अलावा प्रोमोशन में आरक्षण का मुद्दा भी उठाया जाएगा। पीएल पुनिया बसपा का नाम लिए बिना कहते हैं कि दलितों के ठेकेदार बने दलों की पोल खुलने लगी है और दलितों में कांग्रेस के खिलाफ किए गए दुष्प्रचार की परत भी उखड़ रही है।

Newstrack
Published on: 17 Feb 2016 11:50 AM GMT
दलितों के बहाने 27 साल बाद UP में सत्ता वापस पाना चाहती है कांग्रेस
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लखनऊ: दलितों का वोटबैंक खोने के बाद एक बार फिर यूपी में कांग्रेस दलितों को अपने पाले में करने की जुगत में है। इस दलित वोटबैंक को वापस पाने के लिए कांग्रेस ने बीएसपी और बीजेपी पर हमलावर होने के लिए कमर कस रखी है। कांग्रेस ने दलितों की नब्ज टटोलने के लिए गुरुवार को लखनऊ में दलित कॉन्क्लेव का आयोजन किया। कांग्रेस के सामने 2017 विधान सभा चुनाव एक बड़ी चुनौती है।

पूनिया हुए बीजेपी पर हमलावर

दलित कॉन्क्लेव की तैयारियों के लिए लखनऊ पहुंचे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पीएल पूनिया ने केंद्र की एनडीए सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने केंद्र सरकार पर दलितों की उपेक्षा का आरोप लगाया। उनके मुताबिक, मोदी सरकार ने बजट में ऐसे मदों से 66 हजार करोड़ रुपए काटे हैं, जो दलित समाज से सीधे जुड़े हैं। इनमें पेयजल, सेनिटेशन और हेल्थ भी शामिल हैं।

बीजेपी ने ही प्रमोशन में रिजर्वेशन बिल रोका

पूनिया ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि पिछले लोकसभा में बीजेपी ने पदोन्नति में आरक्षण बिल पास नहीं होने दिया। आज पूरे देश में घूम-घूमकर आरएसएस आरक्षण और संविधान के समीक्षा की बात कर रही है। बिहार में पीएम ने कहा आरक्षण लागू रखने के लिए जी जान लगाने की बात कही थी। पूनिया ने सवाल उठाया कि जी जान क्यों लगा रहे हैं, जब बीजेपी के लोग ही आरक्षण का विरोध कर रहे हैं।

दलितों को केवल गुमराह करती है बीएसपी

पीएल पूनिया ने मायावती की पार्टी बीएसपी पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि बीएसपी ने आजतक केवल दलितों को धोखा दिया है। बीएसपी दलित हित की बात कर केवल पूरे दलित समाज को गुमराह करती रही है। पीएल पुनिया ने कहा कि दलितों के ठेकेदार बने दलों की पोल खुलने लगी है और दलितों में कांग्रेस के खिलाफ किए गए दुष्प्रचार की परत भी उखड़ रही है।

जमीनी स्तर तक जाएगी कांग्रेस

पूनिया ने अगले विधान सभा चुनावों की तैयारी के बारे में बताते हुए कहा कि दलित कॉन्क्लेव कोई आज की प्लानिंग नहीं है। इसके लिए कांग्रेस पार्टी ने तैयारी कर ली थी। बाबा साहब अंबेडकर की 125वीं जन्मदिवस के लिए एक साल पहले ही पार्टी ने योजना बना ली थी। इसके तहत कांग्रेस की भीम ज्योति यात्राएं 33 जिलों में जा चुकी हैं और बाकी के शहरों में ये 14 अप्रैल से पहले जाएंगी। उन्होंने बताया कि चुनाव तो इसके बीच पड़ रहे हैं। कांग्रेस ने चुनाव के मद्देनजर कोई तैयारी नहीं की है।

संगठन को बूथ स्तर तक है पहुंचाना

कॉन्क्लेव में हिस्सा लेने के लिए दलित समाज के 700 से ज्यादा लोगों को न्योता भेजा गया है। कॉन्क्लेव में दलित उत्पीड़न की बढ़ रही घटनाओं के अलावा प्रमोशन में आरक्षण का मुद्दा भी उठाया जाएगा।

झलक रही है 27 साल की सत्ता से दूरी की छटपटाहट

यूपी में कांग्रेस लगभग 27 साल से सत्ता के बाहर है। 1985 में कांग्रेस ने वीर बहादुर सिंह के नेतृत्व में सरकार बनाई थी। इसके बाद उन्हें कांग्रेस ने उन्हें केंद्र में बुला लिया और 1988 में नारायण दत्त तिवारी यूपी के सीएम बने थे। इसके बाद कांग्रेस कभी यूपी की सत्ता में वापसी नहीं कर सकी। इस कॉन्क्लेव के सहारे कांग्रेस का दलितों के दरवाजे पर दस्तक देना माना जा रहा है। यूपी में दलित, ब्राह्मण और मुस्लिम कांग्रेस के खास वोट बैंक माने जाते थे। अयोध्या आंदोलन में ब्राह्मण और मुस्लिम वोट कांग्रेस से छिटक गए तो दलितों का वोट बैंक मायावती ले उड़ीं। कांग्रेस अब दलितों के 27 प्रतिशत वोट पर नजर गड़ाए है।

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