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केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग क्यों बनाता हैं स्थापना दिवस

भारत सरकार की आय प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कर लगाकर की जाती है। कर के रूप में जो धन संग्रह होता है उसी धन से वह जन कल्याण के गरीबों के उत्थान के लिए वह किसानों को मदद करके देश को विकास की राह पर लाते हैं । इन कर मैं देश में अप्रत्यक्ष रूप से केंद्रीय उत्पाद शुल्क के रूप में एक कर लगाकर धन संग्रह किया जाता है

Ashiki
Published on: 24 Feb 2021 3:03 AM GMT
केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग क्यों बनाता हैं स्थापना दिवस
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केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग क्यों बनाता हैं स्थापना दिवस

Rajiv Gupta Janasnehi राजीव गुप्ता जनस्नेही

भारत सरकार की आय प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कर लगाकर की जाती है। कर के रूप में जो धन संग्रह होता है उसी धन से वह जन कल्याण के गरीबों के उत्थान के लिए वह किसानों को मदद करके देश को विकास की राह पर लाते हैं । इन कर मैं देश में अप्रत्यक्ष रूप से केंद्रीय उत्पाद शुल्क के रूप में एक कर लगाकर धन संग्रह किया जाता है।

77 वर्ष पूर्व हुआ था गठन

वर्ष 1944 दिनांक 24 फरवरी को केंद्रीय उत्पाद शुल्क और नामांक अधिनियम के साथ इस विभाग का गठन 77 वर्ष पूर्व हुआ था| इस विभाग की कर्मठता ईमानदारी और कर्तव्य परायण करने वाले अधिकारियों को सम्मानित करने के लिए व समाज में शुद्र संबंध बनाए रखने के लिए हर वर्ष 24 फरवरी को बड़े धूमधाम से केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क दिवस बनाया जाता है।

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देशभर के सभी उत्पाद शुल्क कार्यालय में अपने क्षेत्र के व्यापारिक संगठनों व्यापारियों या लाभकारी और कर्मचारियों के साथ उनकी द्वारा की गई कड़ी मेहनत व ईमानदारी को सम्मानित करने के उद्देश्य मनाया जाता है तथा यह दिवस अप्रत्यक्ष रूप से माल निर्माण या सेवा कर में भ्रष्टाचार की जांच करने में सहयोग करने वालों के सम्मान करके अन्य के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य मना कर सभी देशवासियों को केंद्रीय उत्पाद और सीमा शुल्क बोर्ड के महत्व को बताया जाता है| इस अवसर पर केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड अनेक रंगारंग कार्यक्रम विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करता है।

रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन

जिसमें सेमिनार कार्यशाला शैक्षिक और सांस्कृतिक जागरूकता के कार्यक्रम प्रतियोगिता और पुरस्कार शामिल रहते हैं| अधिकतर कार्यालय पर एक मैत्री क्रिकेट मैच का भी आयोजन अनेक रंगारंग कार्यक्रम के साथ में किया जाता है |जिसमें शहर के अन्य प्रशासनिक और उच्च अधिकारी भी शामिल होते हैं, साथ में कर्मचारी उनके अच्छे आचरण और काम के लिए पुरस्कृत भी किया जाता है आप सभी जानते हैं केंद्रीय उत्पाद और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी )केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधीन एक राजस्व विभाग का एक हिस्सा है| (सीबीईसी )सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सेवा कर से कर संग्रह और इससे संबंधित नीति निर्माण का भी भाग है।

इस दायरे में सीमा शुल्क केंद्रीय उत्पाद शुल्क सेवा कर और मादक पदार्थों से संबंधित तस्करी आदि से संबंधित मामलों कि ना केवल धन संग्रह किया जाता है बल्कि आपराधिक दृष्टांत देखने पर कानूनी कार्रवाई भी की जाती है |बोर्ड अपने आदेश संगठनों के लिए प्रशासनिक प्राधिकरण है जिसमें कस्टम हाउस ,केंद्रीय उत्पाद शुल्क सेवा कर आयुक्त और केंद्रीय राजस्व निर्माण नियंत्रण प्रयोगशाला शामिल है औरप्री बोर्ड आम जनता को सीबीआई और उसके अधिकारियों की भूमिका और जिम्मेदारियों को समझने में मदद करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम की एक श्रृंखला आयोजित करता है|

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1944 से शुरू हुआ केंद्रीय उत्पाद शुल्क व नमक अधिनियम

वर्ष 1944 से शुरू हुआ केंद्रीय उत्पाद शुल्क व नमक अधिनियम ने 77 साल में अनेक गतिविधियों व उपलब्धियों के साथ अनेक परिवर्तन देखे हैं |वर्ष 1962 में भारत चीन युद्ध के दौरान सोने पर नियंत्रण के लिए इसी विभाग को गोल्ड एक्ट की जिम्मेदारी भी मिली थी लेकिन यह वर्ष 1991 में हटा दिया गया था| करीब 3 साल बाद वर्ष 1994 में इस विभाग में सेवा कर जुड़ गया जो आज की तारीख में सबसे बड़ा आय का स्रोत बन गया है ब्रिटिश शासन में 1855 में ही उत्पाद शुल्क विभाग की स्थापना हो गई थी |

सन 1994 में विभिन्न प्रकार की सेवाओं को भी उत्पादन शुल्क केटेगरी में रखा आज देश में केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर 1 जुलाई 2017 से लागू होने के बाद सभी अप्रत्यक्ष करों को वस्तु एवं सेवा कर में शामिल कर लिया है |अब केंद्रीय उत्पादन एवं सीमा शुल्क विभाग का नाम केंद्रीय गुड्स एवं सर्विस टैक्स हो गया हैं।

(नोट- ये लेखक के निजी विचार हैं )

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