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Ram Mandir Pran Pratishtha: कई दिनों से यहां दिवाली , अनुष्ठान जो चल रहे थे पूर्ण हो चले

Ram Mandir Pran Pratishtha: भारत के कोने कोने से साधु, सन्यासी , संत, महंत, महात्मा , पुण्यात्मा, अमलात्मा, प्रेमी, भक्त, मीडिया , लेखक, गीत संगीत के अध्येता और कलाकारों की भारी भीड़ है।

Sanjay Tiwari
Published on: 22 Jan 2024 10:40 AM IST (Updated on: 22 Jan 2024 10:45 AM IST)
ram mandir pran pratishtha
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ram mandir pran pratishtha   (photo: Newstrack.com )

Ram Mandir Pran Pratishtha: तीर्थक्षेत्र पुरम , श्री अयोध्या जी। बड़ा उत्साह है। बड़ी आतुरता है। बहुत उमंग है। अयोध्या आज पुनः श्री अयोध्या पुरी के रूप में स्थापित हो चुकी है। कई दिनों से यहां दिवाली है। अनुष्ठान जो चल रहे थे , अब पूर्ण हो चले हैं। भारत के कोने कोने से साधु, सन्यासी , संत, महंत, महात्मा , पुण्यात्मा, अमलात्मा, प्रेमी, भक्त, मीडिया , लेखक, गीत संगीत के अध्येता और कलाकारों की भारी भीड़ है।


यह निशा अद्भुत है। इस रात की प्रतीक्षा भी अद्भुत है। इस प्रतीक्षा का जैसे कोई अंत ही नहीं। यह श्री राम की प्रतीक्षा ही है जिसे कभी प्रेम और कभी भक्ति के भाव में अनुभव किया जा सकता है। पूरब दिशा माता कौशल्या की तरह श्री राम के अवतरण की प्रतीक्षा कर रही है। ऊपर जैसे सूर्य की प्रथम किरण की प्रतीक्षा है सूर्यवंश के कुलदीपक के प्राकट्य का। ठीक ऐसे ही कभी अहिल्या ने प्रतीक्षा की होगी। कभी शबरी ने। कभी जटायु ने। कभी शरभंग ने। बाल्मीकि ने भी और स्वयं की मुक्ति के लिए असुर कुल नायक रावण ने भी।


500 वर्षो तक लड़ते लड़ते आज की तिथि दे दी

इसी में राम की प्रतीक्षा शिव के लिए और शिव की प्रतीक्षा राम के लिए। जिस कथा को सुनने शिव सती के संग मुनि अगस्त्य के घर की यात्रा किए होंगे उसी कथा को याज्ञवल्क्य ने भारद्वाज को सुनाया होगा। उसी कथा को शिव ने पार्वती को सुनाया होगा। उसी कथा को काग भूशुंडी ने गरुण को सुनाया होगा। बाल्मीकि ने लिखा और तुलसी ने तब रचा जब आक्रांता बाबर इसी स्थल पर विराजमान मन्दिर को तोड़ रहा था। बाबर ने एक मंदिर तोड़ा। तुलसी ने हर मन में श्रीराम मंदिर स्थापित कर दिया। हमारे पुरखों ने 500 वर्षो तक लड़ते लड़ते प्रतीक्षा की और एक ऐसा नायक आया जिसने आज की तिथि दे दी। श्री राम जन्मभूमि पर भव्य श्रीरामंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की बेला आ गई


भोर हो रही है। कुछ ही घड़ी शेष है। एक असंभव को संभव होते देखने का आनंद ही कुछ और है। सब कुछ अद्भुत है। आनंददाई है।

जयसियाराम।।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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