×

कोरोना से राहतः पुण्य कमाएं

बधाई। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के गरीबों, ग्रामीणों, वंचितों, विकलांगों, दिहाड़ी मजदूरों, छोटे व्यापारियों या यों कहें कि देश के लगभग 80 करोड़ लोगों के लिए तरह-तरह की रहत की घोषणा कर दी है।

Dr. Ved Pratap Vaidik
Published on: 27 March 2020 4:04 AM GMT
कोरोना से राहतः पुण्य कमाएं
X

डॉ. वेदप्रताप वैदिक

जिस काम के लिए मैं लगभग एक हफ्ते से लगातार जोर दे रहा हूं, वह काम आज कमोबेश भारत सरकार ने कर दिया। बधाई। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के गरीबों, ग्रामीणों, वंचितों, विकलांगों, दिहाड़ी मजदूरों, छोटे व्यापारियों या यों कहें कि देश के लगभग 80 करोड़ लोगों के लिए तरह-तरह की रहत की घोषणा कर दी है।

सरकार अब अगले तीन महिनों में आम-जनता को सहूलियतें देने के लिए एक लाख 70 हजार करोड़ रु. खर्च करेगी। इसे मैं 'देर आयद्, दुरुस्त आयद' कहता हूं। यह देर सिर्फ राहतों की घोषणा में ही नहीं हुई है। तालाबंदी की तैयारी में भी हुई है। प्रधानमंत्री ने तालाबंदी पर भाषण दिया और उसके तीन-चार घंटों में ही उसे लागू कर दिया। करोड़ों मजदूर, किसान और व्यापारी और यात्री भी, जहां थे, वही फंस गए। डर के मारे लोग घरों से निकले ही नहीं। हमें लगा कि लोगों में कितना अनुशासन है, कितनी आज्ञाकारिता है लेकिन अब कुछ टीवी चैनल जो सच्चाइयां दिखा रहे हैं, उनसे चिंता पैदा हो रही है।

हजारों मजदूर अपने गांव जाने के लिए बस-अड्डों पर भीड़ लगा रहे हैं, कुछ लोग बाल-बच्चों समेत पैदल ही निकल पड़े हैं, सैकड़ों लोग कई शहरों में साग-सब्जी और अनाज की दुकानों पर टूटे पड़ रहे हैं। कुछ लोग यह कहते भी सुने गए कि वे सुबह से भूखे हैं और उनके पास पैसे भी नहीं हैं। यदि तालाबंदी के दो-तीन दिन पहले लोगों को आगाह कर दिया जाता तो इन समस्याओं से बचा जा सकता था।

कई लोग सड़कों पर घूमते हुए पकड़े भी गए हैं। पुलिसवालों और कर्फ्यू तोड़नेवालों में मुठभेड़ की खबरें भी कई शहरों से आ रही हैं। कई दुकानदारों ने मुनाफाखोरी भी शुरु कर दी है लेकिन संतोष का विषय है कि कई राज्यों ने कोरोना से राहत की कई घोषणाएं भी की हैं। सरकार को यह भी देखना चाहिए कि नागरिकों के अत्यंत अपरिहार्य कार्यों में कोई रुकावट न आएं।

इस संबंध में मैंने आज देश के कुछ संपन्न लोगों और दो-तीन मुख्यमंत्रियों से बात भी की है और उन्हें कुछ ठोस सुझाव भी दिए हैं। इसमें शक नहीं कि हमारा स्वास्थ्य मंत्रालय कोरोना के इलाज के लिए जी-तोड़ प्रबंध कर रहा है लेकिन यदि भारत के करोड़ों लोग, जिन मसालों का रोज सेवन करते हैं, उनमें से जो मनुष्यों की प्रतिरोध-शक्ति बढ़ाते हैं, उनका प्रचार वह करे तो बहुत अच्छा होगा।

क्या कारोना से स्वस्थ होनेवाले मरीजों के ‘प्लाज्मा’ का बड़े पैमाने पर उपयोग हो सकता है ? सरकार से भी ज्यादा भारत की जनता पर निर्भर है कि वह कितने दिनों में कोरोना को पराजित करती है। देश के धनी लोगों से मैं निवेदन करता हूं कि जरुरतमंदों के लिए वे अपनी तिजोरियां खोल दें। पुण्य कमाने का इससे बढ़िया मौका उन्हें कब मिलेगा ?

www.drvaidik.in

Dr. Ved Pratap Vaidik

Dr. Ved Pratap Vaidik

डॉ. वेद प्रतापवैदिक अपने मौलिक चिंतन, प्रखर लेखन और विलक्षण वक्तृत्व के लिए विख्यात हैं।अंग्रेजी पत्रकारिता के मुकाबले हिन्दी में बेहतर पत्रकारिता का युगारंभ करनेवालों में डॉ.वैदिक का नाम अग्रणी है।

Next Story