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NDA vs INDIA: एनडीए बनाम इंडिया गठबंधन का सेमीफाइनल

NDA vs INDIA: सम्भवतया यह निर्णय लिया है कि आगामी चुनाव में उनके स्थान पर प्रदेश का नेतृत्व किसी युवा नेता को सोंप दिया जाए। यह एक अत्यधिक बुद्धिमता पूर्ण निर्णय होगा, जिसके लिए भाजपा ने अपने केन्द्रीय मंत्री तथा सांसदों को इस चुनावी भंवर का सामना करने हेतु उतार दिया है।

Yogesh Mohan
Written By Yogesh Mohan
Published on: 13 Oct 2023 6:16 PM IST
NDA vs INDIA
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NDA vs INDIA (Photo: Social Media)

NDA vs INDIA: भारत के लोकसभा चुनाव से पूर्व पाँच राज्य, यथा - मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, मिजोरम में होने वाले विधानसभा चुनावों की तिथि की घोषणा चुनाव आयोग द्वारा कर दी गई है। अब उसके सम्भावित परिणाम जोकि 3 दिसम्बर को घोषित होना है, इसकी प्रतीक्षा जनता को उसी प्रकार बनी हुई है, जिस प्रकार भारत-पाकिस्तान के क्रिकेट मैच को देखने के लिए सम्पूर्ण विश्व आतुर रहता है। इन विधानसभा चुनावों से सम्बन्धित आँकड़े एकत्र कर उन्हें प्रकाशित करने हेतु विश्व के पत्रकारों ने भारत में आने की योजना बनानी प्रारम्भ कर दी है। इसी के साथ सभी राजनीतिज्ञ, पत्रकार एवं जनता अत्यधिक उत्सुकता के साथ चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर ध्यान केन्द्रित किए हुए है कि किस प्रकार से चुनाव आयोग ये चुनाव निष्पक्ष रूप से सम्पन्न कराता है,

एनडीए गठबंधन ने इन पाँचो राज्यों में मुख्यमंत्री पद हेतु किसी भी उम्मीदवार की पूर्व घोंषणा नहीं की और उन्होंने मोदी जी की लोकप्रियता के सहारे ही विजयश्री प्राप्त करने का निर्णय लिया है। इसका प्रमुख कारण आगामी वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव है। इन पाँचों प्रदेशों में से, मध्य प्रदेश में भाजपा सत्तारूढ़ दल है और वहाँ के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उर्फ मामा के अति वरिष्ठ नेतागणों की श्रेणी में आने के कारण भाजपा ने सम्भवतया यह निर्णय लिया है कि आगामी चुनाव में उनके स्थान पर प्रदेश का नेतृत्व किसी युवा नेता को सोंप दिया जाए। यह एक अत्यधिक बुद्धिमता पूर्ण निर्णय होगा, जिसके लिए भाजपा ने अपने केन्द्रीय मंत्री तथा सांसदों को इस चुनावी भंवर का सामना करने हेतु उतार दिया है।



आज भाजपा एक ऐसे मुकाम पर है, जहाँ उसके नेतृत्व को अपनी भावी रणनीति बनाने हेतु अनेक लक्ष्य केन्द्रित निर्णय उसी प्रकार लेने होंगे, जिस प्रकार अर्जुन ने चिड़िया की आँख पर लक्ष्य केन्द्रित किया था। वास्तविकता यह है कि भाजपा की दृष्टि भी वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर केन्द्रित है। भाजपा की सोच जहाँ प्रदेशों में होने वाले चुनावों में युवा नेतृत्व को प्रदेश की बागडोर सोंपने की हो रही है, वहीं सोच देश के उत्तरदायित्व को सम्भालने हेतु मोदी जी के उत्तराधिकारी के रूप में किसी युवा नेता को प्रशिक्षण देकर वर्ष 2029 हेतु तैयार करने की होनी चाहिए।



इन पाँच प्रदेशों के चुनावों में भाजपा के पास खोने के लिए मात्र एक ही प्रदेश - मध्य प्रदेश है । परन्तु प्राप्त करने के लिए राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, मिजोरम है। भाजपा एक संगठित एवं अनुशासित पार्टी है और INDIA गठबंधन भी अपने सभी सदस्यों को जोड़ने का प्रयास कर रहा है, इस प्रयास से यह सिद्ध हो जाएगा कि INDIA गठबंधन आपस में वर्ष 2024 तक जुड़ा रहेगा अथवा टूट कर बिखर जाएगा। लोकसभा के दिग्गजों को इसके बिखरने की सम्भावना अधिक प्रतीत होती है। भाजपा का भी यही प्रयास रहेगा कि इन्हीं विधानसभा चुनावों में अपने विरोधी, इंडिया गठबंधन में बिखराव करा दे।

समय के परिवर्तनशील चक्र के साथ-साथ भारतीय राजनीति में भी परिवर्तन देखने को मिलते रहें हैं और भविष्य में भी मिलते रहेंगे, परन्तु जनता का दायित्व है कि देश की प्रगति हेतु सुखद परिवर्तन के लिए सतत् प्रयास करते हुए एक कुशल नेतृत्व को ही प्रदेश एवं देश की बागडोर सोंपे।

(लेखक शिक्षाविद हैं।)

Snigdha Singh

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Leader – Content Generation Team

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