×

K Vikram Rao: शब्दों का तिलिस्म !!

K Vikram Rao: ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी ने नये शब्दों को जोड़ने की कसरत शुरू कर दी है। गत वर्ष में इस्तेमाल में व्यापक रहे तीन शब्दों पर विश्वव्यापी वोटिंगका ऐलान आज किया गया है।

K Vikram Rao
Written By K Vikram Rao
Published on: 23 Nov 2022 1:23 PM GMT
K Vikram Rao
X

K Vikram Rao: शब्दों का तिलिस्म !!

K Vikram Rao: अपने सालाना प्रयोग में ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी ने नये शब्दों को जोड़ने की कसरत शुरू कर दी है। गत वर्ष (2022) में इस्तेमाल में व्यापक रहे तीन शब्दों पर विश्वव्यापी वोटिंग (शुक्रवार, 2 दिसंबर 2022 तक) का ऐलान आज (23 नवंबर 2022) किया गया है। यह तीन शब्द हैं Metaverse (आभासी), I Standwith ("मैं साथ हूं"), और Goblin mode (आलसी)। गत वर्ष का नया शब्द था Vax कोविड की देन, वैक्सीनेशन का संक्षिप्तकृत शब्द। अंग्रेजी की ऐसी ही ग्राह्यता के कारण उसके अलफाज अब बढ़कर 171,476 प्रचलित शब्द है तथा 47,156 शब्द जो चलन में नहीं रहे। अन्य भाषाओं (प्राचीन यूनानी से लेकर तेलुगु तक) शब्दों को समाविष्ट अंग्रेज कर लेते हैं।

अंग्रेजी तस्करी से विकसित हुई भाषा

बचपन से मेरी अवधारणा रही है कि अंग्रेजी तस्करी से विकसित हुई भाषा है। बिना हिचक, लागलपेट के ये गोरे लोग अन्य भाषाओं के शब्दों को आत्मसात कर लेते हैं। समाविष्ट कर लेते हैं। हम पूरबवाले जब जनपदों की अट्टालिकों में रहते थे ,तो ये पश्चिमी जन पेड़ों पर या कन्दराओं में बसते थे। उनका पहनावा वल्कल वस्त्र होता था, तब मलमल का परिधान भारतीय धारण करते थे। इसीलिए 14 सौ वर्षों में ही विश्व की सर्वाधिक शब्दोंवाली डेढ़ अरब लोगों द्वारा इस्तेमाल हो गई। अचरज होता है। हिन्दी बारह सदियों पूर्व वाली है जिसमे 142,000 शब्दों को इकसठ करोड़ बोलते हैं।

अपनी मां संस्कृत के कारण हिंदी तो और अधिक सम्पन्न हो गई। उत्पत्ति (स्रोत) की बुनियाद पर शब्दों के प्राचुर्य का कारण है। उत्पत्ति (स्रोत) के आधार पर शब्दों के पाँच प्रकार हैं– तत्सम, तद्भव, देशज, विदेशी (विदेशज), संकर शब्द। तत्सम शब्द परंपरा की दृष्टि से हिंदी की उत्पत्ति संस्कृत, प्राकृत तथा अपभ्रंश की श्रंखला आती है। अर्थात संस्कृत भाषा ही हिंदी का मूल है।

अब कुछ उदाहरण आंग्लभाषा से। उदारता, बल्कि स्वीकार्यता और चतुराई से इसने कैसे भारतीय भाषाओं से शब्द उठाएं ! राजनेता जॉर्ज फर्नांडिस मुंबई में हड़ताल करते थे तो "बंध" का नारा देते थे। हड़ताल के कारण यह तटवर्ती शोरभरा शहर सो जाता था। सिवाय सागर की लहरों की आवाज के। अब "बंध" के ऑक्सफोर्ड शब्दकोश कार्य में मायने हैं हड़ताल। दो वर्ष पूर्व इस अँग्रेजी शब्दकोश में आत्म-निर्भर शब्द शामिल किया गया था। कोरोनाकाल में भारत का यह सबसे चर्चित शब्द रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का जो मंत्र आम लोगों के बीच रखा अब वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे ज्यादा लोकप्रिय, कीमती और वैश्विक शब्द बन गया है।

काशी नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा प्रकाशित शब्दकोश व्यापक

यूं शब्द की सम्यक परिभाषा काशी नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा प्रकाशित शब्दकोश व्यापक है। इसमे "शब्द" के मायने हैं : संज्ञा, वायु में होने वाला वह कंप जो किसी पदार्थ पर आघात पड़ने के कारण अथवा स्वयं वायु पर आघा पड़ने के कारण उत्पन्न होकर कान या श्रवनेन्द्रिय तक पहुंचता और उसमें एक विशेष प्रकार का क्षोभ उत्पन्न करता है। ध्वनि, आवाज" इत्यादि।

तेलगु में बैलगाड़ी को "बंडी" कहते

मेरी मातृभाषा तेलगु में बैलगाड़ी को "बंडी" कहते हैं। अब ऑक्सफोर्ड शब्द कोश मे गाड़ी को बंडी कहते हैं। यूरोपियन यूनियन तजने पर इंग्लैंड में शब्द बना था BREXIT अर्थात ब्रिटेन द्वारा यूनियन सदस्यता छोड़ना। जो व्यक्ति नाराज हो और भूखा भी तो उसे HANGRY कहा गया। "बुबुक्षितम कि न करोति पापम" के संदर्भ में। मगर कुछ शब्दों को हटाया गया जिससे महिला आक्रोशित हुई। जैसे BITCH (कुतिया) आदि। क्षमा मांग कर प्रकाशक कन्नी काट गए। ऐसी ही यौनसूचक शब्द भी निष्कासित हुए।

डिक्शनरी के सातवें संस्करण में करीब तीन हजार नए शब्दों को शामिल

गत वर्ष ऑक्सफोर्ड एडवांस्ड लर्नर्स डिक्शनरी के सातवें संस्करण में करीब तीन हजार नए शब्दों को शामिल किया गया था। ये शब्द शोधकर्ताओं की कड़ी मेहनत के बाद विभिन्न भाषाओं से ढूंढ निकाले गए हैं। यह नया संस्करण 15 फरवरी 2022 को जारी हुआ था। इस डिक्शनरी में ब्रिटिश इंग्लिश का चलताऊ शब्द "चाव" को शामिल था, जिसका अर्थ होता है चोर, बदमाश या फिर अविवाहित मां। इसी तरह "चावस्पोटिंग" ब्रिटेन वालों का नया "पासटाइम" हो गया है। अब "बटक्स" के बदले "बूटी" को भी शामिल है। सेक्सुअली अट्रैक्टिव लड़की को "ब्यूटीलिसियश" तथा "बिचिन" को महान या आश्चर्यजनक के लिए शामिल किया गया है।

इंटरनेट से जुड़े कुछ नए शब्द इस प्रकार

इंटरनेट से जुड़े कुछ नए शब्द इस प्रकार हैं : "फिशिंग" (लोगों को इंटरनेट के माध्यम से अपने क्रेडिट कार्ड के बारे में जानकारी देने के लिए उकसाना), "ब्लॉग" (वेब लॉग) तथा सिल्वर सर्फर (वृद्ध व्यक्ति जो इंटरनेट पर अपना ज्यादा समय बिताता हो), फैशन से जुड़े कुछ नए शब्द हैं कॉमबैट्स, हिप-हगर्स तथा टंकीनी आदि। विश्वास कीजिये कि "इंटेलीजेंट ब्रा" भी डिक्शनरी में स्थान पा चुकी है। यह ऐसी ब्रा है जो पहनने वाले के आकार के अनुसार खुद ब खुद बदल जाती है। इस शब्दकोश में भारतीय शब्द बनिया, बंदोबस्त, जंगली और गोदाम भी शामिल कर लिए गए थे।

इसी परिवेश में हमारी द्वितीय भाषा हिंदी का करें जिक्र

कुछ और शब्द भी जैसे : ब्लोइन (ऐसा व्यक्ति जो अभी-अभी पहुंचा है), बुप्पी (अश्वेत व्यक्ति), प्लस-माइनस (लगभग) तथा टिंबकटू (ऐसा स्थान जो बहुत दूर) है। अँग्रेजी मे अब कुछ नए भारतीय शब्द इस प्रकार हैं – एयरडैश (कहीं अचानक पहुंच जाना), बंदोबस्त, बनिया, कंट्रीमेड (देसी तरीके से बना हुआ), जंगली, स्टेपनी, (अतिरिक्त), गोदाम तथा फोरेन रिटर्न आदि।

इसी परिवेश में हमारी द्वितीय भाषा हिंदी का जिक्र करें। किसने रोका है हिंदी को सर्वग्राही बनने से ? एक दौर था हिंदी की समता चीन के बालिका के काठ के जूतों से की जाती थी। अभी भी चीन में छोटी आकार के पैर नारी के सौंदर्य का मापदंड माने जाते है। काठ के जूते से पैरों का फैलाव संकुचित हो जाता था। हिन्दी भाषा भी शब्दावली के मानक पर सीमित ही हो जाती हैं। अतः इसकी ग्राहयता सुधारनी चाहिए। अंग्रेजी से भी शब्द लें। अर्थ-अपकर्ष से बचते हुए।

Deepak Kumar

Deepak Kumar

Next Story