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Union Budget 2022: निरंतरता के साथ समावेशी विकास की आधारशिला

Union Budget 2022: बजट में भारत को आर्थिक दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में निरंतरता के साथ समावेशी विकास की आधारशिला रखी गई है।

Girish Tripathi
Written By Girish TripathiPublished By Shreya
Published on: 1 Feb 2022 7:05 PM IST
Union Budget 2022: निरंतरता के साथ समावेशी विकास की आधारशिला
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बजट (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Union Budget 2022: वर्तमान बजट मोदी जी के नेतृत्व में सरकार का 10 वां बजट (Modi Government 10th Budget) है। जिसमें 75 वर्ष के भारत एवं 100 वर्ष के भारत में अर्थात 25 वर्षों में भारत को आर्थिक दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में निरंतरता के साथ समावेशी विकास की आधारशिला रखी गई है। इस बजट में संसाधनों के कुशलतम उपयोग, उत्पादन क्षमता में विस्तार एवं वितरणात्मक न्याय कुशलता की दृष्टि से अल्पकालीन एवं दीर्घकालीन दोनों दृष्टि से विचार किया गया है।

वर्तमान बजट अनेक दृष्टि से महत्वपूर्ण है जिसमें पीएम गति शक्ति अभियान, जिसमें सड़क, रेलवे, एयरपोर्ट, पोर्ट, भारी परिवहन, जल मार्ग, एवं लॉजिस्टिक संरचना शामिल है। इसके अंतर्गत आने वाले 3 वर्षों में 400 वंदेभारत ट्रेनों का निर्माण एवं 100 कार्गो टर्मिनल विकसित किए जाएंगे। वर्ष 2022- 23 में 25000 किलोमीटर तक राष्ट्रीय राजमार्ग का विस्तार किया जाएगा जिसके लिए 20000 करोड रुपए आवंटित किए गए हैं।

पूजी व्यय के साथ-साथ निर्यात प्रोत्साहन

मुख्यतया पूजी व्यय पर ध्यान देते हुए इस बजट में पूजी व्यय को 5.54 से बढ़ाकर 7 .55 लाख करोड़ करने का प्रस्ताव किया गया है , पूजी व्यय के साथ-साथ निर्यात को भी अधिक प्रोत्साहन दिया गया है जिसके लिए स्पेशल इकोनामिक जोन के नियमों में सार्थक बदलाव किए जाने का प्रस्ताव है। महामारी के दौरान क्षतिग्रस्त वस्तु एवं सेवा पूर्ति श्रृंखला को व्यवस्थित एवं विकसित किए जाने पर जोर है।

महामारी से प्रभावित नियमित शिक्षा की सहायता के लिए एक क्लास एक टीवी चैनल प्रोग्राम (One Class One Channel) की धारणा को अपनाते हुए पीएम e-vidya योजना के अंतर्गत टीवी चैनलों की संख्या 12 से बढ़ाकर 200 करने का प्रस्ताव किया गया है। भारत में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक डिजिटल विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रस्ताव है साथ ही निजी क्षेत्रों को अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के प्रावधान भी किए गए है।

एमएसएमई के विकास के जरिए 60 लाख रोजगार सृजित करने का लक्ष्य है जिसमें गेमिंग एवं एनिमेशन उद्योगों का विकास मुख्य होगा। एमएसएमई के प्रोत्साहन करने के लिए 6000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं साथ ही साथ कोऑपरेटिव सोसाइटीज पर न्यूनतम कर को 18.5 से घटाकर 15% कर दिया गया है।

किसानों के लिए एक कुशल लॉजिस्टिक विकसित करने के लिए एक स्टेशन एक उत्पाद के विचार को प्रस्तावित किया गया है किसानों के विकास के लिए जमीनी दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन किसान ड्रोन का विकास आदि प्रस्तावित है। इस वर्ष एमएसपी पर फसलों की खरीद के लिए 2.3 7 लाख करोड आवंटित किया गया है।

आत्मनिर्भर भारत के लिए एक सार्थक कदम

हालांकि इस बजट में आयकर दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है परंतु जीएसटी कलेक्शन (GST Collection) अपने रिकॉर्ड स्तर पर रहा जो 1.4 लाख करोड़ रहा है। इस प्रकार यह बजट वर्तमान चुनौतियां एवं भविष्य के अवसरों को ध्यान में रखते हुए भारत को आर्थिक दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक सार्थक कदम है।

(सेवानिवत्त प्रोफेसर गिरीश त्रिपाठी, अर्थशास्त्र विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय)

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