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ब्लॉक प्रमुख चुनाव में भाजपा का भोकाल टाइट
अपनी यूपी के ब्लॉक प्रमुख चुनाव में भापा ने विपक्षियों की जो धुलाई की है शास्त्रों में इसे ही स्वच्छ भारत अभियान कहा गया है।
गज़ब हो गया भैया । मतलब एकदम भोकाल टाइट कर दिए। अईसा सूपड़ा साफ किये हैं कि सफाई खुद हैरान परेशान है। अपनी यूपी (UP) के ब्लॉक प्रमुख चुनाव (block pramukh chunav) में भापा ने विपक्षियों की जो धुलाई की है शास्त्रों में इसे ही स्वच्छ भारत अभियान (swachh bharat abhiyaan) कहा गया है।
दो दिन पहले तो लताड़ लताड़ के तसल्लीबख्श ठुकाई किये थे। आज एकदम पटखनी ही दे दिए। जो परिणाम आया वो तमाम पार्टियों के तो ऊपर से ही निकल गया। खांग्रेस को तो अभी तक पता ही नहीं चला कि यूपी में ब्लॉक प्रमुख भी होना है। वैसे ये कुछ ज्यादा हो गया। जब पार्टी को यही नहीं पता कि अगले साल यहां विधानसभा का चुनाव भी होना है तो भला ये तुच्छ चीजों की जानकारी कैसे होगी। अब देखिये न जहाँ भापा ने यूपी चुनावों के लिए केंद्र का मंत्रिमंडल ही बदल डाला वहीं खांग्रेस आज तक अपना एक अदद नेता तक न चुन पाई।
बाकी अपा खूब लड़ी। कम से कम कोशिश तो पूरी की। जो उस दिन पीटे पिटाये हैं उनमें ये भी तो थे। लेकिन जो हुआ बहुत गलत हुआ। नाइंसाफ़ी हुई है इनके साथ। बेचारे अब तक लखनऊ की आठ सीटों में से छः सीटों पे खूँटा गाड़े थे। लेकिन अबकी बार मानसून जरा लेट क्या हुआ आठ में से सात भापा हथिया ले गई। अब ये सोच के खुश न होइएगा कि कम से कम एक तो मिली। ऊपर वाला देता मन से है तो लेता भी जम के है। मतलब जो एक बची थी वो भी निर्दलीय ले उड़ा।
खांग्रेस के गढ़ रायबरेली में अपा ने खूब रंग जमाया । 18 में से पूरे 2 पे कब्जा जमाया । भापा को यहां केवल 11 सीटों से ही संतोष करना पड़ा । ये तो कहिये गाँधी परिवार का गढ़ है वर्ना भापा की हालत और पतली होती। नामांकन में हुए बवाल, हिंसा, चीरहरण के बाद यहां पुलिस प्रशासन एकदम मुस्तैद था। उनकी मौजूदगी में ही भापा और अपा वाले खूब भिड़े । एक तरफ मतगणना अंदर चल रही थी तो दूसरी ओर उसके रुझान बाहर निकल रहे थे। इटावा में पुलिस प्रशासन व्यवस्था बनाये रखने में इतनी मुस्तैद रही कि कोई एसपी सिटी को ही थप्पड़ मार के भाग गया। बस फिर क्या था पुलिस को गुस्सा आ गया। जवाब में हवाई फायरिंग से लेकर आँसू गैस तक छोड़ दिए।
खैर अब उन लोगों को तो जवाब मिल ही गया होगा जो हमाये योगी जी को दिल्ली बुला के जवाब तलब किये थे । योगी जी सबको जवाब दे दिए हैं । इतना तो मेहनत किये कामयाबी तो मिलनी ही थी । बाकी और जो पार्टियाँ हैं वो मान लें कि ये तो ट्रेलर है पूरी पिच्चर तो 2022 में चलेगी । बाकी हमारा काम है चिकोटी काटना सो काट लिए । आप भी मजे लीजिये इस चिकोटी के....
नोट : यह एक व्यंग्य आधारित लेख है । इस लेख का मकसद किसी भी रूप में किसी व्यक्ति, जाति, धर्म, सम्प्रदाय, स्थान या पद की छवि खराब करना नहीं है । न ही इसका कोई राजनीतिक मन्तव्य है ।