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उत्तरप्रदेश मंत्रिमंडलीय विस्तार: पिछड़ा कार्ड से नहीं होगी भलाई
UP Cabinet Expansion: स्वच्छ राजनीति द्वारा प्राप्त किया जा सके, इस शुभ भावना के साथ मानव का कल्याण हो।
लखनऊ. आश्विन कृष्णपक्ष षष्ठी रोहिणी नक्षत्र सिद्धि योग सायं 6 बजे, उत्तरप्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल में कुल 7 लोगो को शपथ दिलाई गई। जिनमे एक ब्राह्मण सवर्ण, तीन ओबीसी, दो अनुसूचित और एक जनजाति समाज से आते हैं। वैसे तो एक लोक परामपरा है कि पितृपक्ष में शुभ कार्य वर्जित है । परंतु सनातन धर्म में पूर्वजों व पितरों को सम्मान देकर प्रसन्न करके आशीर्वाद भी लिया जाता है।
योगिनी दशा भी "सिद्ध" है
मंत्रिमण्डल विस्तार के समय गोचरीय दशा पर नजर डाले तो वृष राशि और मीन लग्न की ज्योतिषीय तस्वीर दिख रही है। चंद्रमा , वृष राशि में उच्च का है , जिसकी सीधी दृष्टि भाग्य स्थान पर है। रविवार सायं 6 बजे का समय रोहिणी नक्षत्र के प्रथम चरण का काल रहा। अतः नक्षत्राधिपति चंद्रमा की महादशा में कार्य शुभ होंगे। पुनः मीन लग्न के लिए मंगल भाग्येश है। इस वजह से अंतर्दशा के लिए मंगल का समय अनुकूल है। निष्कर्ष यह है की चंद्रमा की महादशा में मंगल की अंतर्दशा का समय शपथग्रहण कराना, पार्टी से नाराज़ वर्णों को साधने हेतु किया गया है। योगिनी दशा भी "सिद्ध" है, जिसका स्वामी शुक्र, स्वयं में राजसत्ता सुख का कारक है।
पार्टी को सकारात्मक लाभ मिलने की संभावना कम
राजनीतिक समीकरण की अपनी जरूरतें होती है । लेकिन ज्योतिषीय फलादेश को ज्योतिषीय कसौटी पर परखा जाता है, जनभावना से इसका संबंध नहीं होता। अस्तु ज्योतिषीय मानदंड यह है कि भाजपा की कुंडली वृश्चिक राशि की है । मंत्रिमंडल में शामिल हुए व्यक्तित्वों में एक सवर्ण, तीन पिछड़ा, दो अनुसूचित व एक जनजाति से है। वृश्चिक राशि के लिए सवर्ण और अनुसूचित (अस्पृश्य) जाति का सहयोग शुभ है परंतु पिछड़े वर्ग के सहयोग प्राप्त होने में संदेह है। पार्टी को ओबीसी जाति का लाभ नहीं दिख रहा है। अस्तु मंत्रिमंडलीय विस्तार चाहे जिस राजनीतिक समीकरण को ध्यान में रखकर किया गया हो, इसका पार्टी को सकारात्मक लाभ मिलने की संभावना कम है। उच्च लोकतांत्रिक मूल्यों को स्वच्छ राजनीति द्वारा प्राप्त किया जा सके, इस शुभ भावना के साथ मानव का कल्याण हो।
देवेंद्र भट्ट "गुरू जी"
ज्योतिष व वास्तुविद