×

उप्र : राहुल गांधी 'सेवा दल' को संजीवनी देने में जुटे

Manali Rastogi
Published on: 1 July 2018 4:01 AM GMT
उप्र : राहुल गांधी सेवा दल को संजीवनी देने में जुटे
X

लखनऊ: लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को लगातार मिल रही हार ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को चिंता में डाल दिया है। कांग्रेस को सत्ता के शिखर पर पहुंचाने के लिए उन्होंने अपने पुराने संगठन सेवा दल में नई जान फूंकने का फैसला किया है।

उप्र कांग्रेस इकाई से जुड़े वरिष्ठ पदाधिकारियों का दावा है कि लोकसभा चुनाव से पहले ही सेवा दल का इस्तेमाल न केवल पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए किया जाएगा, बल्कि यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की एक मजबूत काट के तौर पर भी उभरेगा।

सेवा देल के विस्तार को लेकर हुई चर्चा

उप्र कांग्रेस इकाई के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बातचीत के दौरान इसकी जानकारी दी। हालांकि इस पदाधिकारी ने अपना नाम जाहिर करने से मना कर दिया, लेकिन सेवा देल के विस्तार को लेकर उन्होंने विस्तार से चर्चा की।

पदाधिकारी का दावा है कि राहुल गांधी मानसून सत्र के बाद अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी व अपनी मां सोनिया गांधी की संसदीय सीट रायबरेली से एक साथ इसकी शुरुआत कर सकते हैं।

इसलिए सक्रिय हुए राहुल गांधी

बकौल कांग्रेस पदाधिकारी, "कांग्रेस को मजबूत करने के लिए पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी कांग्रेस सेवा दल को फिर से सक्रिय करने की तैयारी में जुटे हैं। उन्होंने सेवा दल को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुकाबले खड़ा करने की योजना तैयार की है।"

कांग्रेस के इस पदाधिकारी ने बताया कि जब तक कांग्रेस सेवा दल सक्रिय रहा, तब तक कांग्रेस आरएसएस की हर चाल की काट आसानी से निकाल लेती थी। कालांतर में सेवा दल लगातार कमजोर होता गया और आरएसएस मजबूत होता जा रहा है।

सेवा दल का इतिहास कांग्रेस जितना ही पुराना है

कांग्रेस के सूत्र भी बताते हैं कि सेवा दल का इतिहास कांग्रेस जितना ही पुराना है। इसकी कार्यशैली बिल्कुल आरएसएस की तरह ही रही है। मौजूदा समय में कांग्रेस का यह अहम संगठन मृतप्राय स्थिति में आ गया है।

दरअसल, कांग्रेस सेवा दल का गठन वर्ष 1923 में हिंदुस्तान सेवा दल के नाम से हुआ था। बाद में इसे कांग्रेस सेवा दल का नाम दे दिया गया। आरएसएस की तरह ही कभी कांग्रेस सेवा दल पर भी प्रतिबंध लगा था। अंग्रेजी हुकूमत के दौरान वर्ष 1932 से लेकर 1937 तक हिंदुस्तान सेवा दल को प्रतिबंधित कर दिया गया था।

आजादी के बाद सेवा दल ने कांग्रेस को आगे बढ़ाने की कोशिश की

कांग्रेस के पदाधिकारी ने बताया, "आजादी के बाद सेवा दल ने कांग्रेस को आगे बढ़ाने की कोशिश की। आजादी के बाद सत्ता में काबिज कांग्रेस को आपातकाल के बाद देश के बदले माहौल में जनता पार्टी की सराकर के गठन के बाद सेवा दल की याद आई थी। इंदिरा जी ने सेवा दल को खड़ा किया। यही नहीं, खुद राजीव गांधी ने सेवा दल के शिविर में जाकर 1983 में में सात दिनों का प्रशिक्षण लिया था।"

कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि कां्रगेस के मुखिया राहुल को अब सेवा दल की याद आने लगी है। ऐसी अटकले हैं कि मानसून सत्र के बाद जल्द ही रायबरेली एवं अमेठी में सेवा दल का प्रशिक्षण शुरू होगा। इसके लिए कांग्रेस के शीर्ष स्तर पर सेवा दल के नाम पर बजट मुहैया कराने की रणनीति भी तैयार कर ली गयी है।

उप्र में कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू के मुताबिक, "सेवा दल पार्टी का बहुत पुरान संगठन है। इससे किसी का मुकाबला नही है। सेवा दल को मजबूती देने के लिए लगातार काम होता रहा है। आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के सभी संगठन एकसाथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरेंगे।"

--आईएएनएस

Manali Rastogi

Manali Rastogi

Next Story