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World Blood Donor Day 2023: धमनियों में दौड़ता हुआ खून, एक बूंद साकार होता जीवन

World Blood Donor Day 2023: दूसरों के जीवन को बचाने के लिए आप सब ने कभी न कभी रक्तदान अवश्य किया होगा और यदि नहीं किया है तो आगे आए और अपने जीवन के साथ-साथ दूसरों के लिए जीवन का अमृत रक्त दान करे कीमती जीवन बचाएं।

Reena Tripathi
Published on: 13 Jun 2023 8:15 PM IST (Updated on: 14 Jun 2023 7:51 AM IST)
World Blood Donor Day 2023: धमनियों में दौड़ता हुआ खून, एक बूंद साकार होता जीवन
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World Blood Donor Day 2023 (Pic: Social Media)

World Blood Donor Day 2023: 14 जून विश्व रक्तदान दिवस के अवसर पर हम सभी को जीवन प्रदान करने वाले रक्त के महत्व की चर्चा आवश्यक है। दूसरों के जीवन को बचाने के लिए आप सब ने कभी न कभी रक्तदान अवश्य किया होगा और यदि नहीं किया है तो आगे आए और अपने जीवन के साथ-साथ दूसरों के लिए जीवन का अमृत रक्त दान करे कीमती जीवन बचाएं। आज इस अवसर पर यदि सिविल हॉस्पिटल लखनऊ के रक्त बैंक की प्रभारी डॉक्टर रत्ना पांडे को याद ना किया जाए तो बेमानी होगा। ना जाने उन्होंने कितनों की मदद की होगी पर एक वाकया सांझा करती हूं.. एक बार एक अनाथ बच्ची के इलाज के दौरान जिसके शरीर में मात्र 3 यूनिट खून बचा था उसकी छोटी बहन जो कि 8 साल की थी मेरे साथ अपनी बड़ी बहन का इलाज कराने के लिए अस्पताल में थी तो पता चला है यदि कुछ घंटों के अंदर ही उसे खून ना चढ़ाया गया तो शायद जान बचना मुश्किल हो। क्योंकि उन बच्चों के साथ खून देने वाला कोई नहीं था और ना ही मेरे परिचित में कोई खून देने वाला था। मुझे भी ब्लड शुगर की दिक्कत थी मैं डॉक्टर रत्ना पांडे के पास पहुंची और मैंने स्थिति बताइए उन्होंने एक निगाह में मना कर दिया कि बिना डोनर के खून नहीं मिलेगा।

हमने बहुत प्रयास किया पर कोई भी इन बच्चों को खून देने को तैयार नहीं था फिर मैंने कहा कि आप मेरा खून ही ले लीजिए उन्होंने पूछा अब इनकी कौन है मैंने कहा इस बच्ची को मैं पढ़ाती हूं और यह बच्चे अनाथ हैं इसलिए मेरी जिम्मेदारी है कि जहां तक हो सके उनकी रक्षा की जाए। डॉक्टर साहब मुझे देख कर मुस्कुराए और कहा आपका खून निर्धारित मापदंड से कम है अतः नहीं लिया जा सकता फिलहाल आपकी बच्चों के प्रति समर्पण की भावना देखकर मैं आपको इतना खून जरूर दूंगी जिससे उस बच्चे की जान बच सके। मेरी ब्लड की जांच हुई निश्चित रूप से निर्धारित मापदंड से कम निकला और डॉक्टर साहब ने स्टोरेज से बच्चों के लिए तीन यूनिट खोल दिया। भविष्य में किसी न किसी ब्लड डोनेशन कैंप में मैं यह खून वापस करूंगी ऐसा वादा करके हम वहां से आ गए। पर आप सोचिए यदि ब्लड बैंक में खून ना होता क्योंकि बच्चों के पास कोई डोनर नहीं था तो शायद उस बच्चे की जान बचाना असंभव था। यह रखा हुआ खून आपका या आप जैसे किसी भले इंसान का ही रहा होगा।

आइए इस महत्वपूर्ण खून के विषय में कुछ चर्चा हो जाए। खून हर बूंद में सेहत की वर्तमान स्थिति के साथ भविष्य के बारे में भी सूचनाओं का खजाना है। आपके शरीर के अंदर घटित होने वाले विभिन्न रोगों समस्याओं और विकृतियों की सूचना देता है एक बूंद खून। आपकी खून की नलियों में कितना कोलेस्ट्राल जमा हो चुका है, यह भी कि कौन से विटामिन या हार्मोन्स पर्याप्त मात्रा में हैं या कम हैं। यह तो मानव रक्त में छिपी मेडिकल जानकारी का मामूली हिस्सा है कैंसर एक जैसी है असाध्य बीमारियों की सूचना भी एक बूंद खून से ही मिलती है।

जैसा कि हम सब जानते हैं रक्त एक तरल संयोजी ऊतक है, जो परिसंचरण तंत्र में भ्रमण करता रहता है। इसका अन्तरकोशिकीय पदार्थ या मैट्रिक्स हल्के पीले रंग के द्रव के रूप में रहता है जिसे प्लाज्मा कहते हैं, इसमें ऊतक की कणिकाएँ तैरती रहती हैं। संरचनात्मक रूप से रुधिर प्लाज्मा और रक्त कणिकाओं का बना होता है। एक एमएल रक्त का औसत वजन 1.06 ग्राम होता है। मनुष्य के शरीर में बह रहा 5.7 लीटर खून बीमारियों की पहचान का सबसे अच्छा स्रोत है। खून के लाल होने की वजह उसमे मौजूद हीमोग्लोबिन नाम का प्रोटीन का मौजूद होना है। वयस्कों में, रक्त कोशिकाओं का निर्माण मुख्य रूप से अस्थि मज्जा में होता है। विभिन्न रक्त कोशिकाएं स्टेम सेल से रक्त कोशिकाओं या रक्त प्लेटलेट्स तक कई चरणों में विकसित होती हैं। स

फेद रक्त कोशिकाएं जैसे लिम्फोसाइट्स न केवल अस्थि मज्जा में परिपक्व होती हैं, बल्कि लिम्फ नोड्स में भी परिपक्व होती हैं। एक वयस्क इंसान के शरीर में 4 से 5 लीटर खून होना चाहिए। खून के RBC में हीमोग्लोबिन मौजूद होता है। पुरुष के शरीर में जो RBC होता है, उसमें 13.2-16.6 ग्राम प्रति डेसीलीटर हीमोग्लोबिन होना चाहिए. 2. महिला के शरीर में जो RBC होता है, उसमें 11.6-15.0 ग्राम प्रति डेसीलीटर हीमोग्लोबिन होना चाहिए। जीवन के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण है ,रक्त के बिना शरीर हाड़-मांस का ढांचा है।

रक्त कोशिकाएं ऑक्सीजन को शरीर के विभिन्न अंगों तक ले जाती है और वहां से कार्बन डाइऑक्साइड को फेफड़ों तक वापस लाते हैं। यह हाइड्रोजन और नाइट्रोजन को ग्रहण या छोड़ भी सकती हैं। हाइड्रोजन को उठाकर या छोड़ कर वे रक्त के पीएच को स्थिर रखने में मदद करते हैं; जब वे नाइट्रोजन छोड़ते हैं तो रक्त वाहिकाएं फैल जाती हैं और रक्तचाप गिर जाता है। लाल रक्त कोशिकाएं लगभग 120 दिनों तक जीवित रहती हैं। जब वे बहुत पुराने या क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, तो वे अस्थि मज्जा, प्लीहा या यकृत में टूट जाते हैं। रक्त के शुद्धिकरण के लिए छानने का काम​ जिम्मेदार है वृक्क।

वृक्क, बीन के आकार के दो अंग होते हैं , जिनमें से प्रत्येक एक मुट्ठी के आकार का होता है। वृक्क रिब पिंजरे के ठीक नीचे स्थित होती है, आपकी रीढ़ के प्रत्येक तरफ एक। स्वस्थ वयस्क में, किसी भी समय औसतन 4.5-5.5 लीटर या 70-90 मिली/किग्रा रक्त प्रवाहित होता है। अधिकांश वयस्क शारीरिक लक्षणों या उनके महत्वपूर्ण संकेतों में विचलन के बिना अपने रक्त की मात्रा का 14% तक नुकसान सहन कर सकते हैं और इसके ज्यादा क्षति होने पर तुरंत रक्त बाहर से चढ़ाना पड़ता है। रत्ना केवल ऑक्सीजन के प्रवाह हेतु बल्कि भोजन से प्राप्त आवश्यक तत्वों, जैसे- ग्लूकोज को यह कोशिकाओं तक पहुंचाता है।
रक्त हार्मोन्स को शरीर के उपयुक्त स्थानों तक पहुंचाता है।

रक्त शरीर के तापक्रम को संतुलित बनाये रखता है। शरीर के सुचारू संचालन के लिए खून की आवश्यकता होती है। खून की कमी को पूरा करके जीवन की रक्षा रक्तदान के जरिए की जा सकती है। इस कारण लोगों को रक्तदान के लिए जागरूक किया जाता है, ताकि एक स्वस्थ व्यक्ति जरूरतमंद को रक्तदान कर सके और एक जीवन बचा सके। शरीर में कॉर्निया ही एकमात्र हिस्सा होता है जहां पर खून नहीं पाया जाता बाकी खून के बिना कोशिका जीवित नहीं रह सकती तो शरीर के अस्तित्व की तो बात ही क्या की जाए। आइए मिलकर समय-समय पर अपने, और अपनों का रक्त की जांच कराए, रक्त का दान करें समाज को और अपने देश में मनुष्यता की रक्षा करें। नशे से दूर रहें और कीमती जीवन की रक्षा करें।
रक्त दान महादान
@रीना त्रिपाठी
अध्यापक एवं समाजसेवी।



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Reena Tripathi

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