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फिगर नहीं ख़राब होती स्तनपान से बल्कि बच्चे होते स्वस्थ

World Breastfeeding Week: मां के दूध को अपने बच्चे को सेवन जरूर कराएं। उसके लिए अगस्त की 1 तारीख से 7 तारीख तक ब्रेस्टफीडिंग वीक (स्तनपान सप्ताह ) के रूप में मनाया जाता है ।

rajeev gupta janasnehi
Written By rajeev gupta janasnehiPublished By Monika
Published on: 1 Aug 2021 4:24 AM GMT
world breastfeeding day today
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वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग डे (फोटो : सोशल मीडिया )

World Breastfeeding Week:आहार की बात होती है तो पौष्टिक और संपूर्ण आहार केवल और केवल मां का दूध होता है । जिसे अमृत का भी नाम दिया गया है । अगर बच्चा अपनी मां का दूध आहार के रूप में लेता है तो वह स्वस्थ ,बलवान ,तीव्र बुद्धि ,प्रतिरोधक क्षमता, उसकी अपने आप बढ़ जाती है इसीलिए मां के दूध के गुणों को बताने के लिए और सभी को जागृत करने के लिए कि मां का दूध ही संपूर्ण आहार है । माँ के दूध को अपने बच्चे को सेवन जरूर कराएं । उसके लिए अगस्त की 1 तारीख से 7 तारीख तक ब्रेस्टफीडिंग वीक (स्तनपान सप्ताह ) के रूप में मनाया जाता है ।

जब कोई महिला गर्भवती होती है तभी से उसके स्तन उसके शिशु को स्तनपान करवाने की तैयारी शुरू कर देते हैं । अर्थात मां का दूध बनाना शुरू हो जाता है । निप्पलों में सिरहन के साथ उसके चारों तरफ एरिओला का रंग भी थोड़ा गहरा होने लग जाता है। इसीलिए कहते हैं कि जब एक स्त्री गर्भवती हो जाती है तो उसे पौष्टिक और शुद्ध आहार खाना चाहिए क्योंकि वही आहार उसके दूध के रूप में परिवर्तित होता है जो शिशु का आगे चलकर आहार बनता है । आहार में सलाद, दाल, फल ,जूस ,लहसुन ,अदरक ,गाजर ,नारियल के पानी ,नारियल कहने का तात्पर्य है जितनी भी चीजें ताकतवर होती है और जो मां का मन करता है वह खानी चाहिए उससे दूध की मात्रा भी अधिक होती है और पौष्टिक भी रहता है ।

वर्तमान युग में अधिकतर महिलाएं कामकाजी होती है विश्व में स्तनपान को लेकर दुनिया भर की सरकारें बहुत ही सजग रहती हैं । अनेक सरकारे तो गर्भावस्था से लेकर स्तनपान के समय तक उन्हें वेतन के साथ छुट्टी का लाभ देती है । कई देशों में तो ब्रेस्टफीडिंग के नाम से बूथ भी बने रहते हैं ताकि वह माँ अपने बच्चे को एक सुरक्षित स्थान के साथ सुरक्षित स्तनपान करा सकें ।

6 महीने बच्चे को मां का दूध अवश्य पिलाना चाहिए

अनेकों बार यह प्रश्न उठता है की मां को अपना कब तक दूध पिलाना चाहिए तो चिकित्सकों की राय के अनुसार बच्चे को कम से कम 6 महीने तो मां का दूध अवश्य पिलाना चाहिए पर और धीरे-धीरे उसे अन्य आहार के साथ अपने दूध पिलाते हुए डेढ़ वर्ष तक दूध पिलाने से स्त्री और बच्चे की दोनों की स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से बहुत ही उत्तम रहता है । बता दें, स्तनों में दूध तब तक उपलब्ध रहता है जब तक कि बेबी दूध पीना चाहता है। हर मां जब तक चाहें तब तक अपने बच्चे को स्तनपान करा सकती हैं। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि ब्रेस्ट मिल्क तब तक बनता है जब तक कि निप्पलस्टीम्यूलेट होते हैं। इस काम को बच्चा खुद भी कर सकता है।

अनेक चिकित्सकों का कहना है कि जो माँ अपने बच्चे को लंबे समय तक अपना दूध पिलाती है वह ज्यादा स्वस्थ होती है और उनका शरीर ज्यादा बैलेंस रहता है । अनेक दफा ऐसी परिस्थिति भी आती है जब मां को या तो दूध बनता नहीं है या फिर अत्यधिक बनता है । ऐसे में उन मांओं को अपने दूध को रोकना नहीं चाहिए नहीं तो ब्रेस्ट में गांठ पड़ने का डर बना रहता है । जिससे कैंसर की भी संभावना बन जाती है ।

विश्व में ब्रेस्टफीडिंग सप्ताह

आज आधुनिक परिवेश के चलते अपनी फिगर मेंटेन करने के लिए अनेक महिलाएं अपने बच्चे को दूध पिलाने से परहेज करती हैं । जैसा ऊपर बताया गया है कि बच्चे को दूध पिलाना अति आवश्यक है । यह आपके फिगर को खराब नहीं करता है बल्कि उल्टे ही आपको स्वस्थ और सुडौल बनाता है, लेकिन आज आधुनिकता की दौड़ में अनेक महिलाओं द्वारा ब्रेस्टफीडिंग ना कराने के कारण विश्व में ब्रेस्टफीडिंग सप्ताह (World Breastfeeding Week) इस प्रकार की भ्रांतियाँ को दूर के लिए व महिलाओं को जागरूक और सचेत करने हेतु मनाया जाता है ।

बाल चिकित्सकों का कहना है कि जो बच्चे अपनी मां का दूध पीते हैं उनके मां और बच्चे का रिश्ता प्यारा व बहुत मजबूत होता है । बच्चे में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है वह मोटापे से या अन्य बीमारियों से काफी हद तक सुरक्षित रहता है । बच्चे की बौद्धिक क्षमता जिन बच्चों ने लंबे समय तक मां का दूध पिया होता है उनमें ज्यादा होती है । अगर हम पुराने समय में देखें तो जो हमारे पूर्वज थे जिन्होंने अपनी मां का स्तनपान किया था । वह ज्यादा बलिष्ठ और कुशाग्र बुद्धि की होते थे ।

स्तनपान सप्ताह का आईडिया यूनिसेफ द्वारा अपने ऑफिस के बेसमेंट में 14 फरवरी 1991 में आया था और वर्ष 1992 में पहली बार वर्ल्ड एलाइंस फॉर ब्रेस्टफीडिंग एक्शन ( डब्ल्यू ए बी ए ) की ओर से मनाया गया था । अब यह 120 से अधिक देशों में यूनिसेफ व डब्ल्यूएचओ द्वारा मनाया जाता है ।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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