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हंसते रहें नहीं पड़ेंगे बीमार इसमें सभी उपचार गुण

हंसी हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है। यदि हम हसंगे नहीं तो हम बीमार पड़ जाएंगे।

rajeev gupta janasnehi
Written By rajeev gupta janasnehiPublished By Chitra Singh
Published on: 2 May 2021 3:22 PM IST (Updated on: 2 May 2021 3:25 PM IST)
हंसते रहें नहीं पड़ेंगे बीमार इसमें सभी उपचार गुण
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हास्य दिवस (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

हर व्यक्ति अपने जीवन में कभी भी दुखी नहीं रहना चाहता है |वह हमेशा खुश और हंसते रहना चाहता है और आज बड़े-बड़े वैज्ञानिकों ने और चिकित्सकों ने यह सिद्ध कर दिया है अगर हम हंसने क्रिया सीख ले तो जीवन में हमेशा खुश रहेंगे और स्वस्थ रहेंगे इसीलिए विश्व हास्य को बढ़ावा देने के लिए विश्व हास्य दिवस मई के पहले रविवार के दिन मनाया जाने लगा है |

विश्व हास्य दिवस का शुभारंभ यानी वर्ल्ड लाफटर डे का शुभारंभ वर्ष 1998 में किया गया था | इस दिवस को अमल में लाने का श्रेय हास्य योग आंदोलन के संस्थापक डॉक्टर मदन कटारिया को जाता है उन्होंने ही 11 जनवरी 1998 को मुंबई में पहली बार विश्वास दिवस को मनाया था| इसे मनाने का उद्देश्य आज भागमभाग की जिंदगी में इस तरीके से समाज में तनाव बढ़ रहा है |तब से हर वर्ष मई के पहले रविवार को हास्य दिवस या विश्व लाफ्टर डे के रूप में मनाया जाता है|

हास्य दिवस का उद्देश

एकल रहने की पद्धति से अपने मन की बात आदमी किसी से कह नहीं पा रहा है साथ ही उसे मनोरंजन के साधन के रूप में मात्र टेलीविजन व फ़िल्म रह गया है |उसमें भी 90 परसेंट कार्यक्रम आपराधिक मानसिकता के या सास बहू के झगड़े के होते हैं तो जो उसे मानसिक सुख देने वाले हास्य व्यंग की कमी के कारण वह हमेशा तनाव देते है |वेश्विक परिस्पराधा व भागम भाग की ज़िंदगी में दो पल सकुन के नसीब नही होते हैं जिससे समाज में बढ़ते हुए तनाव को कम कर उन्हें सुखी जीवन जीने की सीख देना था |

हास्य के लिए दुनिया क्या कर रही है

एक फ़िल्म का डायलॉग आपको याद होगा, "आधे बायें आधे दायें बाक़ी मेरे पीछे"। सुनते ही असरानी का चेहरा व हँसी आ जाती है। कहने का तात्पर्य है 80 के दशक तक हर फ़िल्म में एक हास्य कलाकार के माध्यम से फ़िल्म दर्शकों को गुदगुदाया जाता था| आज फिर हास्य को फ़िल्माया ज़ा रहा है| आज फ़िल्म के साथ टेलिविज़न को अधिक बढ़ावा मिला है| टेलिविज़न ने सामाजिक ज़रूरत देखते हुए अनेक चेनल हास्य प्रोग्राम देते है जैसे तारक महेता उल्टा चश्मा , लाफ्टर शो ,बगले की दुनिया ,अम्माजी की गली, अभी तो मैं जवान हूँ अफ़लातून,आई लव माय इंडिया,आर के लक्ष्मण की दुनिया,ऑफिस ऑफिस,आदत से मजबूर,आज के श्रीमान श्रीमती आदि लोगों के जीवन में ख़ुशी लाते हैं|योग के माध्यम से सिंह दहाड़ बहुत प्रचलित योग है |आज अनेक हास्य गुरु मंत्र देते है | अनेक यू टूब चैनल से भी कारगर हो रहे है |जादू व्यंग के कवियों का योगदान आज सोशल मीडिया ने चार चाँद लगा दिए है |आज जगह-जगह पर हास्य क्लब बनाए जा रहे हैं| विश्व में 6000 हास्य क्लब है ताकि लोग अपनी तनाव भरी जिंदगी को तनाव से मुक्त हो |इंदौर में इसका उल्टा प्रयोग किया है भड़ास निकालने का क्लब है |

वर्ल्ड लाफटर डे (फोटो- सोशल मीडिया)

जीवन में हास्य का महत्व

हंसने से तन मन में उत्साह का संचार होता है| दिल से हंसना तो किसी दवा से कम नहीं है |यह एकदम टॉनिक का काम करती है| हंसते वक्त आप 6 गुना ज्यादा ऑक्सीजन की मात्रा आपकी शरीर में प्रवेश करती है |मनोवैज्ञानिक भी तनाव से ग्रसित व्यक्तियों को हंसते रहने की सलाह देते हैं |मनोवैज्ञानिकों का कहना है जब आप मुस्कुराते हैं तो आपका मस्तिष्क आपके अपने आप सोचने लगता है कि आप खुश हैं |यही प्रक्रिया पूरे शरीर को प्रभावित करता है और आप सुकून महसूस करते हैं |जब आप हंसते हैं तो रक्त संचार तेज होता है .|तनाव में भी हंसने की क्षमता हो तो दुख भी कम लगने लगता है |शरीर में नई स्फूर्ति का संचार होता है| हंसने से मन में उत्साह का संचार होता है ब्लड प्रेशर कम होता है हंसी मांसपेशियों में खिंचाव कम करती है |हंसी दर्द दूर करती है इससे शरीर के साथ-साथ दिमाग भी एक्सरसाइज होती है| हंसना हंसाना अपनी आदतों में शामिल कीजिए और देखिए तनाव आपके पास फटक तक नहीं पाएगा साथ ही आपका तन स्वास्थ भी रहेंगे|

कोरोना में हँसने वाला जीतेगा जंग

हंसी हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है। यदि हम हसंगे नहीं तो हम बीमार पड़ जाएगे। आज जब पूरा विश्व कोरोना की चपेट में है | इस बीमारी ने दो बात सिद्ध कर दी तनाव नही हास्य का महोल कोरोना से जीतेगा जंग| दूसरी ख़ुशी स्वस्थ रहने का मूल मंत्र है |कोरोना में मानसिक रुप से बीमार हो जाते हैं व रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम करता है| इन दोनो को इस बीमारी से बचाने के लिए हास्य( तनाव रहित ) से अच्छी कोई औषधि नहीं है। हंसी जीवित प्राणियों की सबसे मजबूत और सबसे शक्तिशाली भावना में इसके भीतर सभी उपचार गुण हैं। हंसी स्वस्थ जीवन के लिए सभी आवश्यक अवयवों के साथ एकदम सही उपाय है। हंसी स्वंय के साथ-साथ सामने वाले की भी मानसिक स्थिति बदल सकती है। अर्थात कोरोना में तनाव में ना आयें माहौल को ख़ुशनुमा बनायें| भगवान का जाप करें कोरोना से जीतेगे हम| चलिये लगाते हैं एक बार ज़ोर का ठहका।



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Chitra Singh

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