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World Sleep Day 2023: आजा री निंदिया, धीरे से, सेहत के खातिर

World Sleep Day 2023: निढाल और क्लांत मानव को फिर स्फूर्तिमान बनाया। नई भोर की भांति। रात भर की अच्छी नींद सदैव आशा तथा अवसाद के बीच सेतु बनती है। महात्मा गांधी ने तो कहा भी था : “हर रात जब मैं सोता हूं, तो मर जाता हूं।

K Vikram Rao
Published on: 19 March 2023 1:45 AM IST
World Sleep Day 2023: आजा री निंदिया, धीरे से, सेहत के खातिर
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(Pic: Social Media)

World Sleep Day 2023: बहुप्रचारित विश्वनिद्रा दिवस भारत में आज शनिवार, 18 मार्च 2023, चैत्र कृष्ण पाप मोचिनी एकादशी के दिन) प्रातः 5:40 बजे खत्म हुआ। निढाल और क्लांत मानव को फिर स्फूर्तिमान बनाया। नई भोर की भांति। रात भर की अच्छी नींद सदैव आशा तथा अवसाद के बीच सेतु बनती है। महात्मा गांधी ने तो कहा भी था : “हर रात जब मैं सोता हूं, तो मर जाता हूं। अगली सुबह उठता हूं तो फिर जी जाता हूं।” भली नींद श्रेष्ठतम ध्यान-मनन है, कहा था दलाई लामा ने।

मगर प्रश्न उठता है कि आमजन कुंभकर्णी नींद और श्वान-निद्रा के दरम्यान कैसे भेद करें ? क्योंकि निद्रा एक उन्नत शारीरिक क्रिया है जो विकास पर बल देती है। जर्मन व्यंगकार ज्यां पाल रिश्टर ने बताया भी कि कब्र का पिछवाड़ा ही शयनकक्ष होता है।

अब नई दिल्ली के एम्स (अखिल भारतीय मेडिकल संस्थान) के प्रोफ़ेसर डॉ हर्षल रमेश साल्वे से जान लें : “नींद से आपके शरीर की हार्मोनल एक्टिविटी मजबूत होती है। मेटाबॉलिक रेट अच्छा होता है। कार्टिसोल, जो तनाव को बढ़ाता है, उसमें कमी आती है और आपको शांति मिलती है। ये सब लाभ केवल एक नींद लेने से। अतः नींद जरूरी तो है ही। मगर सावधान ! दिन में बहुत अधिक नींद आए तो आपको सजग होना चाहिए।”

स्वास्थ्य-विषयक तथ्यों को और जानने के पूर्व तनिक जायका ले लें “नींद” शीर्षक कुछ हाइकू शैली में काव्यात्मक पंक्तियों का जो आकाशवाणी (लखनऊ) की आला अफसर और कवियित्री बहन मीनू खरे ने भेजी हैं :

I
कर रहे हैं
नींद का इंतज़ार
बेघर ख़्वाब।

निंदिया रानी
सपनों में बुनती
प्रेम कहानी।

II
तुम्हारे बाद
निंदिया ने नैनों को
दिया तलाक़।

जगा दो मुझे !
बड़ा ख़ौफ़नाक है
नींद में ख़्वाब !!!

अच्छी नींद के लिए मुझे कुछ परामर्श भी मिले हैं। पेश हैं। सर्वप्रथम शराब को अलविदा कह दीजिये। हमारे श्रमजीवी पत्रकार के स्वास्थ्य की तबाही का सबसे बड़ा कारण यही मादक पदार्थ रहे हैं। ये सब उनीदंपन को बढ़ाते हैं। डर, तनाव, चिंता आदि को सर्जाते। इसके लिए ईश्वर के नाम की माला जपिये। मैं बारंबार महामृत्युंजय जाप करता हूं। हनुमान चालीसा और शिवस्तुति भी। यहां पर “पर-उपदेश कुशल बहुतेरे की” मेरी मंशा कतई नहीं है। कुछ बढ़िया बातें पढ़ी-सुनी हैं। उनका उल्लेख कर दूं (हालांकि मैं स्वयं उनका पालन नहीं कर पाया हूं) :

अच्छी नींद के लिए 8 उपाय :

1. सोने और जागने का समय निर्धारित करें।
2. माहौल ऐसा बनाये जिसमे आपको आसानी से नींद आ जाये।
3. आरामदायक बिस्तर पर सोएँ।
4. नियमित व्यायाम करें।
5. कैफीन वाली चीजों को कम लें।
6. धूम्रपान न करें।
7. जरूरत से ज्यादा खाना न खायें।
8. सोने से पहले थोडा रिलैक्स करें।

नींद रानी को बुलाने के लिए देर रात तक मैं अपने ट्रांजिस्टर पर खबरें और फिल्म संगीत खूब सुनता हूं। अपने आप आंखें मुंद जाती हैं। रेडियो से कोशिश भी बलवती हो जाती है। आंखें हमेशा के लिए न बंद हो जाएं, इसीलिए ऐसा आवश्यक है क्योंकि लंबी आयु के लोभ का संवरण नहीं कर पाता।

ऐसी दशा में आप भी सम्राट नोपोलियन की भांति अनुभव करेंगे। उन्होने कहा था : “मेरा बिछौना मेरे सिंहासन से भी ज्यादा आनंद दायक है। इसे मैं दुनिया भर के राज सिंहासनों के एवज में भी नहीं छोड़ सकता।”

एक अंतिम इच्छा बता ही दूं। श्रमजीवी पत्रकार के नाते अपने शुष्क जीवन के मधुरतम लम्हे नाइट ड्यूटी (टाइम्स ऑफ इंडिया में) करने के वक्त खो जाने से, मुझमें अब मीठी नींद और हसीन सपनों की चाहत गहराती जा रही है। आभारी हूँ विश्व निद्रा दिवस का !
( लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।)

K Vikram Rao

K Vikram Rao

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