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येदियुरप्पा का अनुकरणीय फैसला

कर्नाटक मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि हम जल्द ही आर्थिक गतिविधियां शुरू करना चाहते हैं और इस संबंध में हमने वाणिज्य और उद्योग संघों के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात भी की है। सरकार ने नियोक्ताओं से अपने कर्मचारियों के हितों की रक्षा करने और उनका वेतन देने की अपील भी की है।

राम केवी
Published on: 8 May 2020 4:02 PM IST
येदियुरप्पा का अनुकरणीय फैसला
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रामकृष्ण वाजपेयी

अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए दूसरे राज्यों को कर्नाटक मॉडल अपनाए जाने की जरूरत है। येदियुरप्पा ने सही समय पर प्रवासी श्रमिकों को अपने राज्य में रोकने के लिए सही कदम उठाया है। इस तरीके से उन्होंने लॉकडाउन से अपनी अर्थव्यवस्था को निकालने का रास्ता उन्होंने तलाश लिया है।

कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए जहां पूरे देश में विभिन्न राज्यों से प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में वापस भेजा जा रहा है। विभिन्न राज्यों से दर्जनों स्पेशल ट्रेनें प्रवासी श्रमिकों को लेकर उनके गृह राज्यों की ओर जा रही हैं। वास्तव में सरकार का ये कदम श्रमिकों की वर्तमान पीड़ा को देखते हुए सरसरी तौर पर सही लग रहा है तो इसके दूरगामी नतीजे बहुत खतरनाक दिखायी दे रहे हैं।

इन फैसलों से और चौपट होगी अर्थव्यवस्था

लंबे खिंच रहे लॉकडाउन के चलते देश के विभिन्न राज्यों ने स्थित हजारों कल कारखाने, प्रतिष्ठान, उद्योग बंद हैं, जिसके चलते एक ओर जहां इन श्रमिकों के समक्ष जीवनयापन का संकट उत्पन्न हो गया है वहीं कोरोना संक्रमण फैलने के डर से राज्य सरकारें भी प्रवासी मजदूरों को बोझ मानते हुए अपने राज्य से निकालने में जुट गई हैं।

कोई भी ये नहीं सोचना चाह रहा है कि 10 दिन बाद जब लॉकडाउन से बाहर आएंगे तो बिना मजदूरों या श्रमिकों के कल कारखाने फैक्ट्रियां, छोटे बड़े उद्योग कैसे चलेंगे। जिस तरह से मजदूरों को ट्रेनों में भरकर लाया जा रहा है उस हिसाब से कम से कम अगले छह महीने तक उनकी वापसी के आसार नहीं दिख रहे हैं।

ऐसे में क्या हमारे कल कारखाने और फैक्ट्रियां अनिश्चितकाल के लिए बंद रहेंगे। अगर खुल भी गए तो मशीनों को चलाने के लिए मैनपावर कहां से आएगी। इसी तरह से विनिर्माण क्षेत्र में मजदूर कहां से मिलेंगे।

येदियुरप्पा की सकारात्मक पहल

ऐसे में कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा की प्रवासी मजदूरों से राज्य में ही रुकने की अपील अहमियत रखती है। राज्य की अर्थव्यवस्था के रुके पहिये को चलाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने धारा के विपरीत जाकर कर्नाटक की अर्थव्यवस्था की रुकी हुई गाड़ी को चलाने के संकेत दे दिये हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस यद्युरप्पा ने प्रवासी मजदूरों से राज्य में ही रहने की अपील की है।

पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने प्रवासी मजदूरों को अपने गृह राज्य जाने का आदेश दिया था। लेकिन इस आदेश के दो दिन बाद ही येदियुरप्पा ने प्रवासी मजदूरों से राज्य में ही रहने की अपील की। सीएम ने प्रवासी मजदूरों से अपील की कि वो कहीं न जाएं। राज्य में ही रहें और राज्य की आर्थिक गतिविधियां बहाल करने में सरकार की मदद करें।

सरकार प्रवासियों के साथ

कर्नाटक मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि हम जल्द ही आर्थिक गतिविधियां शुरू करना चाहते हैं और इस संबंध में हमने वाणिज्य और उद्योग संघों के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात भी की है। सरकार ने नियोक्ताओं से अपने कर्मचारियों के हितों की रक्षा करने और उनका वेतन देने की अपील भी की है।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि आर्थिक गतिविधियों के ठप हो जाने का सबसे ज्यादा असर मजदूरों पर पड़ रहा है। येद्युरप्पा ने मजदूरों को सम्बोधित करते हुए कहा कि संकट की इस घड़ी में सरकार आपके साथ खड़ी है। आपके सहयोग के कारण ही कोविड-19 की स्थिति भारत में अन्य देशों की तुलना में बेहतर है। वास्तव में अन्य राज्यों के लिए येदियुरप्पा नजीर हैं। सभी को इस पर अमल करना चाहिए।

लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं और ये उनके निजी विचार हैं

राम केवी

राम केवी

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