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Actress Death Mystery: एक गाने के लिए लाखों चार्ज करती थी ये एक्ट्रेस, आज भी रहस्य बनी हुई है मौत

Actress Death Mystery: रुपहले पर्दे पर कई सितारों ने अपनी किस्मत आज़माई लेकिन जहाँ कुछ को कोई पहचान नहीं मिली वहीँ कुछ पहचान मिलने के बाद भी अलविदा कहकर चले गए। आखिर क्या थी इस एक्ट्रेस की अधूरी कहानी।

Shweta Srivastava
Published on: 2 Dec 2023 11:08 AM GMT
Actress Death Mystery
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Actress Death Mystery (Image Credit-Social Media)

Actress Death Mystery: सिने पर्दे की रूपहली चमक से हर युवा उसकी तरफ आकर्षित हो जाता है। लेकिन जितना आसान यहाँ आना है उतना ही कठिन याहं अपनी जगह बनाना है। ऐसे में हर साल कई युवा अपनी किस्मत आज़माने आते हैं। कई कामयाब होते हैं तो कईयों को इसके लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। वहीँ इन्ही कुछ नामों में एक नाम था ऐसी अभिनेत्री का जिसने अपने गज़ब के डांस परफॉर्मन्स से सभी को मोहित कर दिया। एक दौर ऐसा भी था जब बिना उसके डांस नंबर के कोई भी फिल्म पूरी नहीं होती थी। जिसके बदौलत फिल्में हिट भी हो जातीं थी। आइये जानते हैं कौन है वो एक्ट्रेस और आखिर क्या हुआ था उस रात।

एक एक्ट्रेस की मौत का रहस्य

विजयलक्ष्मी वडलापति, जिन्हें सिल्क स्मिता के नाम से भी जाना जाता है, एक भारतीय अभिनेत्री और एक कमाल की डांसर रहीं हैं, जिन्होंने तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम और हिंदी फिल्मों में काम किया है। उनकी पहली तमिल फिल्म वंदिचक्करम (1980) थी, जिसमें उन्होंने एक बार गर्ल सिल्क की भूमिका निभाई थी। इस फिल्म ने काफी लोकप्रियता हासिल की, जिससे उनका नाम सिल्क स्मिता पड़ गया। लेकिन उनकी मौत को लेकर कई तरह की बातें होती रहीं हैं जिसका रहस्य आज भी बरकरार है। आइये आज जानते हैं आखिर क्या हुआ था इनके साथ उस रात। और इसको की थी सिल्क स्मिता ने आखरी कॉल।

निजी जीवन में कई बार खाया धोखा

विजयलक्ष्मी वडलापति या सिल्क स्मिता का जन्म 2 दिसंबर 1960 को हुआ था। एलुरु (आंध्र प्रदेश में) में एक गरीब परिवार में विजयलक्ष्मी के रूप में जन्मी, ने फिल्म स्टार बनने के लिए चौथी कक्षा के बाद स्कूल छोड़ दिया। वहीँ सिल्क जब कुछ बड़ी हुईं तभी उनके घरवाओं ने उनकी शादी करा दी। जिसमे वो एक दुःख भरी ज़िन्दगी जीने पर मजबूर हो गईं। पति के साथ साथ घरवाले भी उन्हें काफी मारते थे। वहां से भाग कर वो अपनी चाची के साथ रहने के लिए चेन्नई आ गईं। वहां उन्होंने टच-अप आर्टिस्ट के तौर पर काम करना शुरू किया। उन्होंने फिल्मों में भी अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन कुछ छोटी-मोटी भूमिकाओं से ज्यादा उन्हें कुछ हासिल नहीं हो सका। उनकी किस्मत एक दिन बदल गई जब प्रशंसित फिल्म निर्देशक वीनू चक्रवर्ती ने उन्हें एक फिल्म के सेट पर देखा। वह उसकी मोहक अपील, सांवले रंग और आकर्षक आंखों से प्रभावित हुए और तुरंत उन्हें अपने अभिनय स्कूल में ले गए। उन्हें डांस, अभिनय और शिष्टाचार की कक्षाएं सिखाई गईं और उनका नाम स्मिता रखा गया।


फिल्मों में ऐसे चमकी किस्मत

स्मिता के बोल्ड अभिनय और डांस नंबरों ने उन्हें दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग में कामुकता का प्रतीक बना दिया। स्मिता के डांस नंबर्स ने इतनी लोकप्रियता हासिल की कि उनका उपयोग उन फिल्मों के दर्शकों की संख्या बढ़ाने के लिए किया गया जो अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही थीं। अपने पूरे करियर में स्मिता ने 500 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। उन्होंने 1983 में एक साल में सबसे ज्यादा फिल्मों में काम करने का विश्व रिकॉर्ड बनाया, उस साल उन्होंने 44 फिल्मों में काम किया। हालाँकि, जब उन्होंने मनोरंजन उद्योग में प्रवेश किया, तो उन्होंने मुख्य सितारों के लिए एक्स्ट्रा या सपोर्टिंग करेक्टर के रूप में काम किया।


उन्होंने अपने करियर की शुरुआत फिल्म एडुथा सबांथम मुदिपेन (1979) से की और बाद में मलयालम फिल्मों की एक सीरीज अभिनय किया, जिनमें पुष्यरागम (1979), सरस्वती यमम (1980), इवर (1980), करिम्पना (1980), और अंगदी (1980) शामिल हैं। 1981 में, उन्होंने कई फिल्मों में अभिनय किया, जिनमें वायल (1981), सीताकोका चिलका (1981), इनाय थेडी (1981), पूचासन्यासी (1981) और कई अन्य शामिल हैं। अगले वर्ष, उन्होंने पुरस्कार विजेता रोमांटिक ड्रामा मूंद्रम पिराई (1982) में अभिनय किया, जो तमिल सिनेमा की एक प्रतिष्ठित क्लासिक फिल्म थी, जिसमें वो दिवंगत श्रीदेवी और कमल हासन के साथ थीं। स्मिता ने रजनीकांत के साथ पायुम पुली (1983) में भी अभिनय किया, जहां उन्होंने रूपा की भूमिका निभाई। उन्होंने मूंदरू मुघम (1982), रोशागाडु (1983), कैथी रानी (1986), बदला औरत का (1987), लेडी टार्ज़न (1990), अवसारा पुलिस 100 (1990), चैतन्य (1991) जैसी फिल्मों में अभिनय किया। और कोयंबटूर मपिल्लई (1996) जैसे कुछ नाम भी शामिल हैं। उनकी अंतिम भूमिका हिंदी फिल्म हैवान (1998) में थी, जो मरणोपरांत रिलीज़ हुई थी।


मनोरंजन उद्योग पर स्मिता का प्रभाव आज भी याद किया जाता है। 2011 में, एकता कपूर ने अपने जीवन पर आधारित एक बायोपिक, द डर्टी पिक्चर (2011) का निर्माण किया, जिसमें विद्या बालन ने अभिनय किया।


सिल्क स्मिता की खोज निर्देशक वीनू चक्रवर्ती ने की थी। चक्रवर्ती की पत्नी ने स्मिता को अंग्रेजी सिखाई और उनके लिए डांस सीखने की व्यवस्था की।


अपने 17 साल के करियर में उन्होंने 500 से अधिक फिल्मों में काम किया। स्मिता ने दो दशकों के दौरान लगातार दर्शकों को लुभाते हुए शानदार प्रदर्शन करना जारी रखा, इस प्रकार वो 1980 के दशक के फिल्म उद्योग में सबसे अधिक मांग वाली सेक्स सायरन बन गई।


वहीँ उनकी मृत्यु के कुछ महीनों के बाद, ये बताया गया कि स्मिता की मृत्यु उनके शरीर में अत्यधिक शराब पाए जाने के कारण आत्महत्या करके हुई होगी। पुलिस को उसके पास से एक सुसाइड नोट भी मिला, जिसे पढ़ा नहीं जा सका। उनकी मौत आज तक एक अनसुलझा रहस्य बनी हुई है। हालाँकि उनकी आत्महत्या का कारण अज्ञात है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि प्यार में मोहभंग के कारण उन्होंने ये कठोर कदम उठाया। सिल्क स्मिता के घर से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ था, जिसमें कई लोगों के नाम थे। प्रसिद्धि के बावजूद, सिल्क एक अकेली अंतर्मुखी थी जो वास्तविक शुभचिंतकों की तुलना में नकली लोगों से अधिक घिरी हुई थी जो उसका फायदा उठाना चाहते थे। कई असफल रिश्तों के बाद, सिल्क ने शराब और नशीली दवाओं में आराम मांगा और जल्द ही अवसाद में डूब गई।


22 सितंबर 1996 की रात, एक फिल्म की शूटिंग के बाद, स्मिता ने एक गंभीर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए अपनी दोस्त अनुराधा से संपर्क किया, जो उन्हें परेशान कर रहा था। बाद में उस सुबह, स्मिता अपने होटल के कमरे में फांसी से लटकी हुई मृत पाई गई।


वह अक्सर अपने गुस्सैल स्वभाव, दृढ़ निश्चय और सीधेपन के लिए जानी जाती थीं, जिसे कुछ लोग अहंकार समझ लेते थे। वो समय की पाबंद थी जिसका सबूत था कि वो शूटिंग शुरू होने से पहले फिल्म सेट पर पहुंच जाती थी, इसके साथ ही वो जिम्मेदार और महत्वाकांक्षी भी थी जिन्होंने अपनी सीमित शिक्षा के बावजूद धाराप्रवाह अंग्रेजी भाषा बोलना सीख लिया था। उनके दोस्तों और प्रशंसकों द्वारा उन्हें "कोमल" और "बच्चे जैसे" व्यक्तित्व वाला भी बताया गया था। वो मेकअप में कुशल थीं और इंडस्ट्री में आने से पहले उन्होंने इसे अपना पेशा भी बना लिया था।


सिल्क की लोकप्रियता का एक अविश्वसनीय उदाहरण 1995 की मलयालम हिट स्पदिकम में देखा जा सकता है जिसमें सुपरस्टार मोहनलाल को सिल्क स्मिता के खिलाफ उनकी प्रेमिका के रूप में खड़ा किया गया था। जैसे ही सिल्क सिल्वर स्क्रीन पर आईं, दर्शक पागल हो गए और "सिलुक्कू! सिलुक्कू!" चिल्लाने लगे। चूंकि मोहनलाल पूरी तरह से सिल्क स्मिता की उबलती कामुकता से प्रभावित थे, उन्हें उनकी मृत्यु के 26 साल बाद भी तीन अक्षरों वाले शब्द से याद किया जाता है: सी-लू-क्कू।


1979 में, स्मिता ने अपनी पहली सुपरहिट तमिल फिल्म, वंदिचक्करम में अभिनय किया, जिसमें उन्होंने सिल्क नाम की एक बार गर्ल की भूमिका निभाई। उन्होंने दर्शकों को इतना मंत्रमुग्ध कर दिया कि उन्हें "सिल्क स्मिता" के नाम से जाना जाने लगा। फिलहाल उनकी मौत के पीछे की वजह आज भी एक रहस्य बनी हुई है।

Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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